joharcg.com दिल्ली पुलिस की जांच में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। पूजा खेडकर द्वारा प्रस्तुत किया गया डिसेबिलिटी सर्टिफिकेट फर्जी पाया गया है। इस बात का खुलासा तब हुआ जब अधिकारियों ने दस्तावेज़ों की विस्तृत जांच और वेरिफिकेशन किया। इसके बाद पुलिस ने अपनी रिपोर्ट संबंधित अधिकारियों को सौंप दी है, जिसमें इस फर्जीवाड़े की सभी महत्वपूर्ण जानकारियाँ शामिल हैं।
पूजा खेडकर के मामले ने तब तूल पकड़ा जब कुछ अधिकारियों को उसके डिसेबिलिटी सर्टिफिकेट की प्रामाणिकता पर संदेह हुआ। इसके बाद, दस्तावेज़ों का वेरिफिकेशन करने का निर्णय लिया गया। पुलिस ने यह जांच बेहद गंभीरता से की और सभी जरूरी कदम उठाए ताकि सच्चाई सामने आ सके। जांच के दौरान यह पाया गया कि सर्टिफिकेट में दी गई जानकारियाँ गलत और मनगढ़ंत थीं।
इस खुलासे के बाद, पूजा खेडकर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। फर्जी दस्तावेज़ों के इस्तेमाल से सरकारी सुविधाओं और लाभों का गलत फायदा उठाना गंभीर अपराध माना जाता है। इस मामले में भी पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
यह मामला समाज के लिए एक गंभीर संदेश है कि फर्जी दस्तावेज़ बनाकर या इस्तेमाल करके किसी भी प्रकार का लाभ उठाने की कोशिश न करें। दिल्ली पुलिस की इस कार्यवाही से यह स्पष्ट हो गया है कि कानून के तहत ऐसे मामलों में सख्त कदम उठाए जाएंगे, और दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
इस घटना के बाद सरकारी विभागों और संस्थानों को भी सर्टिफिकेट वेरिफिकेशन की प्रक्रिया में और भी सख्ती बरतने की जरूरत है। इससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि किसी भी व्यक्ति द्वारा फर्जी दस्तावेज़ों का इस्तेमाल न हो और सरकारी सुविधाओं का लाभ केवल सही और योग्य व्यक्तियों तक ही पहुंचे।
पूजा खेडकर के इस फर्जीवाड़े की खबर से इलाके में चर्चा का माहौल गर्म है। लोग इस तरह की धोखाधड़ी को लेकर न केवल हैरान हैं, बल्कि नाराज भी हैं। इस घटना ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि कानून और व्यवस्था के रखवालों की सतर्कता से ऐसे मामलों का पर्दाफाश संभव है।
जांच रिपोर्ट के सार्वजनिक होने के बाद, प्रशासन और पुलिस विभाग के अधिकारियों ने इस तरह के मामलों में और भी सख्त कदम उठाने की प्रतिबद्धता जताई है। उनका कहना है कि इस तरह के मामलों को रोकने के लिए कठोर कानून बनाए जाने चाहिए और दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए।
फिलहाल, पूजा खेडकर के खिलाफ कौन-कौन से कानूनी कदम उठाए जाएंगे, यह देखने वाली बात होगी। लेकिन इतना तय है कि इस फर्जीवाड़े ने कई लोगों की आंखें खोल दी हैं और भविष्य में इस तरह के मामलों को गंभीरता से लिया जाएगा।
महाराष्ट्र की पूर्व IAS ट्रेनी पूजा खेडकर की मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं. दिल्ली पुलिस ने दिल्ली हाईकोर्ट में एक और स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की जिसमें पूजा खेडकर के दिव्यांगता दावों फर्जी होने की आशंका जताई गई है. पूजा खेडकर ने सिविल सेवा परीक्षा 2022 और 2023 के दौरान दो दिव्यांगता प्रमाण पत्र जमा किए थे, जो कथित तौर पर मेडिकल अथॉरिटी, अहमदनगर, महाराष्ट्र द्वारा जारी किया गया था.
पूजा खेडकर ने इस दिव्यांगता सर्टिफिकेट का उपयोग UPSC में सिलेक्शन के लिए विशेष रियायतें हासिल करने के लिए किया था. इतना ही नहीं, परीक्षा में कम नंबर हासिल करने के बाद भी रियायतों की वजह से पूजा खेडकर ने परीक्षा पास कर ली. उन्होंने UPSC में 841 अखिल भारतीय रैंक (AIR) हासिल की थी. अब दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की छानबीन में उनका दिव्यांगता सर्टिफिकेट फर्जी होने की संभावना जताई गई है.
दिल्ली पुलिस की स्टेट्स रिपोर्ट के मुताबिक, पूजा खेडकर द्वारा 2022 और 2024 में दो दिव्यांगता प्रमाण पत्र (मल्टिपल डिसेबिलिटी) जमा किए, जो कथित तौर पर मेडिकल अथॉरिटी, अहमदनगर, महाराष्ट्र द्वारा जारी किए गए थे, वे फर्जी हो सकते हैं. क्योंकि मेडिकल अथॉरिटी से जब इनका वेरिफिकेशन किया गया तो उन्होंने ये सर्टिफिकेट जारी करने की बात से इनकार कर दिया. अथॉरिटी ने कहा कि पूजा खेडकर जिस डिसेबिलिटी सर्टिफिकेट का दावा कर रही हैं वह उन्होंने जारी नहीं किया है.