joharcg.com नई दिल्ली: प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत सरकार ने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में लाभार्थियों को योजना का लाभ आसानी से दिलाने के लिए पंचायत स्तर पर विशेष कर्मचारियों की नियुक्ति की है। यह कदम इस योजना के तहत अधिक से अधिक लोगों को समय पर घर की सुविधा प्रदान करने और प्रक्रियाओं को सुगम बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
प्रधानमंत्री आवास योजना, 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य देश के हर गरीब व्यक्ति को एक पक्का घर उपलब्ध कराना है। इसके तहत पात्र लोगों को सरकार द्वारा आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है, जिससे वे अपने घर का निर्माण या नवीकरण कर सकें।
सरकार ने देखा कि कई स्थानों पर लाभार्थियों को योजना के तहत मिलने वाली जानकारी और प्रक्रियाओं को लेकर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इन समस्याओं को दूर करने और लोगों को लाभ आसानी से दिलाने के लिए पंचायत स्तर पर विशेष कर्मचारियों की नियुक्ति की जा रही है। ये कर्मचारी लाभार्थियों को योजना के विभिन्न पहलुओं की जानकारी देंगे, आवेदन प्रक्रिया में मदद करेंगे और आवश्यक दस्तावेज़ों को पूरा करने में सहयोग करेंगे।
नवनियुक्त कर्मचारियों का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों को सभी सरकारी सहायता समय पर मिले। वे यह भी देखेंगे कि योजना की प्रक्रियाएँ सरल और पारदर्शी रहें। इसके अलावा, वे आवेदन की स्थिति, अनुदान की राशि और घर के निर्माण की प्रगति पर भी नज़र रखेंगे।
इस कदम से उन लाभार्थियों को विशेष राहत मिलेगी, जिन्हें पहले योजना की जटिल प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता था। पंचायत स्तर पर कर्मचारियों की नियुक्ति से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि जरूरतमंद लोगों को योजना का लाभ सुगमता से और बिना किसी देरी के प्राप्त हो।
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पंचायत स्तर पर कर्मचारियों की नियुक्ति सरकार का एक सकारात्मक कदम है, जिससे योजना का लाभ अधिकतम लोगों तक पहुँच सकेगा। इससे गरीब और जरूरतमंद लोगों को घर प्राप्त करने में आसानी होगी और योजना के प्रति लोगों का विश्वास भी मजबूत होगा।
बेमेतरा । प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण अंतर्गत जमीनी स्तर पर आवास स्वीकृति, जियो टैगिंग एवं किश्त की राशि जारी करने के लिए शासन द्वारा जिला/जनपद /ग्राम पंचायत स्तर पर कर्मचारी नियुक्त किए गए है। किसी भी कार्य के लिए हितग्राहियों को पैसे देने की आवश्यकता नहीं है। यह शासन द्वारा नियुक्त कर्मचारी द्वारा निःशुल्क किया जाएगा। किसी भी अधिकारी/कर्मचारी को राशि देने की आवश्यकता नहीं है। शासन की यह योजना पूर्णतः निःशुल्क है।