आईड्रॉप

joharcg.com चश्मा पहनने वाले लोगों के लिए एक बड़ी खुशखबरी आई है। अब बिना सर्जरी के चश्मे से छुटकारा पाने का तरीका सामने आया है। सरकार ने दुनिया के पहले ऐसे आईड्रॉप को मंजूरी दी है, जो आंखों की दृष्टि सुधारने में मदद करेगा। इस आईड्रॉप की मंजूरी के साथ, लाखों लोग, जिन्हें दूर या पास देखने के लिए चश्मे पर निर्भर रहना पड़ता था, अब एक सरल उपाय से चश्मा हटा सकेंगे।

यह अनोखा आईड्रॉप खासतौर पर उन लोगों के लिए बनाया गया है जो उम्र के साथ या किसी अन्य कारण से दृष्टि की समस्या का सामना कर रहे हैं। इस आईड्रॉप का उपयोग नियमित रूप से करने से आंखों की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है, जिससे दृष्टि में सुधार होता है। यह विशेष ड्रॉप आंखों के लेंस की क्षमता को बढ़ाता है, जिससे दृष्टि सुधार होती है और लोगों को चश्मे की आवश्यकता कम हो जाती है।

यह आईड्रॉप मुख्य रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद है जिन्हें हल्की दृष्टि समस्या है, जैसे पास या दूर देखने में कठिनाई। खासकर वे लोग जिनकी उम्र बढ़ने के कारण दृष्टि कमजोर हो गई है, इस दवा से काफी लाभान्वित हो सकते हैं। इस ड्रॉप का इस्तेमाल विशेष चिकित्सकीय परामर्श के बाद ही किया जाना चाहिए।

अब तक चश्मे से छुटकारा पाने के लिए सर्जरी जैसे विकल्पों पर निर्भर रहना पड़ता था, लेकिन इस आईड्रॉप की मंजूरी के बाद यह एक आसान और गैर-चिकित्सकीय उपाय बन गया है। सर्जरी के झंझट और खर्च से बचते हुए, लोग सिर्फ कुछ बूँदों के इस्तेमाल से अपनी दृष्टि सुधार सकेंगे। हालांकि, यह ड्रॉप सभी के लिए समान प्रभावी नहीं हो सकता, इसलिए इसे डॉक्टर की सलाह के बाद ही अपनाया जाना चाहिए।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह आईड्रॉप एक बड़ी उपलब्धि है और आंखों की दृष्टि सुधारने के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम साबित हो सकता है। हालांकि, यह अभी प्रारंभिक चरण में है, और इसके दीर्घकालिक परिणाम देखने के लिए समय लगेगा। इस ड्रॉप का इस्तेमाल करते हुए नियमित रूप से आँखों की जांच करवाने की सलाह दी जा रही है, ताकि इसके प्रभाव की सटीक निगरानी की जा सके।

इस आईड्रॉप की मंजूरी के साथ, आंखों की देखभाल के क्षेत्र में नई संभावनाएं खुल गई हैं। कई अन्य कंपनियां भी इस दिशा में शोध कर रही हैं, जिससे भविष्य में और भी उन्नत और प्रभावी दृष्टि सुधारक दवाओं का विकास हो सकता है।

सरकार द्वारा मंजूरी प्राप्त यह पहला आईड्रॉप दृष्टि सुधारने और चश्मे से छुटकारा पाने का एक नायाब तरीका है। यह उन लोगों के लिए बड़ी राहत बन सकता है, जिन्हें सर्जरी करवाने से डर लगता था या जो अन्य दृष्टि सुधारक उपायों से संतुष्ट नहीं थे। अब बस कुछ बूँदों से अपनी आंखों की सेहत और दृष्टि को बेहतर बनाना संभव हो सकता है।

नई दिल्ली। अब महज आईड्रॉप के जरिए दृष्टि में सुधार लाया जा सकता है। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने पहली बार एक ऐसे आईड्रॉप को बाजार में बिक्री की मंजूरी दी है जिसे प्रेसबायोपिया से पीड़ित रोगियों को बिना चश्मे के पढ़ने के लिए बनाया है। डॉक्टरों के अनुसार, प्रेसबायोपिया एक सामान्य आयु संबंधित दृष्टि स्थिति है जो आम तौर पर 40 वर्ष की आयु के बाद व्यक्तियों को प्रभावित करती है। मरीज के क्रिस्टलीय लेंस की प्राकृतिक उम्र बढ़ने से उसे आसपास की वस्तुओं पर ध्यान केंद्रित करने में परेशानी होती है।

ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने एनटॉड फार्मास्यूटिकल्स को ‘प्रेसवू’ आई ड्रॉप्स की मंजूरी दी है। मंगलवार को दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में कंपनी ने बयान दिया है कि यह फॉर्मूला न केवल पढ़ने वाले चश्मे से छुटकारा दिलाता है बल्कि मरीज को एक अतिरिक्त लाभ देता है जैसे कि यह आंखों को नमी देने में भी मदद करता है।  

मानसून के दिनों में कंजंक्टिवाइटिस जिसे पिंक आइज भी कहा जाता है, इसका जोखिम अधिक देखा जाता रहा है। इसका मुख्य कारण वायरस या बैक्टीरिया के कारण होने वाला संक्रमण है। कुछ लोगों में एलर्जी के कारण भी कंजंक्टिवाइटिस की दिक्कत हो सकती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, इस तरह की दिक्कतों से बचे रहने के लिए मानसून के दौरान सार्वजनिक पूल में तैरने से बचें। कॉन्टैक्ट लेंस का इस्तेमाल करते समय विशेष सावधानी बरतें।

विशेषज्ञों का कहना है कि मानसून के दिनों में बढ़ी हुई नमी और दूषित पानी के संपर्क में आने के कारण आंखों से संबंधित समस्याओं का जोखिम बढ़ सकता है। बैक्टीरिया और वायरल संक्रमण के कारण आंखों में चिपचिपापन, पीला स्राव और सूजन जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। बरसात के दिनों में आंखों में होने वाली किसी भी समस्या के जोखिम को कम करने के लिए कुछ सावधानियों का ध्यान रखना आवश्यक है। हाथों की स्वच्छता का ध्यान रखना, आंखों को बार-बार छूने से बचना और सुरक्षात्मक चश्मे पहनना आवश्यक हो जाता है।

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