joharcg.com रायपुर जिले में स्थित पहाड़गांव और कुमेली जलप्रपात को अब एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। सरकार द्वारा किए गए इस निर्णय का उद्देश्य इन प्राकृतिक धरोहरों को पर्यटन के नक्शे पर प्रमुखता से लाना है। इन क्षेत्रों की सुंदरता और प्राकृतिक वैभव को देखते हुए, यहां पर पर्यटकों की संख्या बढ़ाने के लिए कई योजनाएं बनाई जा रही हैं।

छत्तीसगढ़ सरकार ने पहाड़गांव और कुमेली जलप्रपात को पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित करने के लिए विशेष योजनाएं बनाई हैं।

  1. बुनियादी सुविधाओं का निर्माण: इन जलप्रपातों के आसपास बुनियादी सुविधाओं जैसे कि सड़क, बिजली, पानी और संचार सुविधाओं का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा, पर्यटकों के लिए विश्राम गृह, कैफेटेरिया, और अन्य आवश्यक सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी।
  2. इको-टूरिज्म का प्रोत्साहन: सरकार इन क्षेत्रों में इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने की योजना बना रही है। इसका उद्देश्य पर्यावरण को संरक्षित रखते हुए पर्यटन को बढ़ावा देना है, ताकि पर्यटक यहां की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद ले सकें।
  3. स्थानीय संस्कृति का संवर्धन: इस परियोजना के तहत स्थानीय जनजातीय संस्कृति और कला को भी प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके लिए विशेष कार्यक्रमों का आयोजन और सांस्कृतिक हाट बनाए जाने की योजना है।

सरकार का मानना है कि पहाड़गांव और कुमेली जलप्रपात का विकास पर्यटन उद्योग को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।

  1. स्थानीय रोजगार: इस परियोजना से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। पर्यटन गतिविधियों के विस्तार से होटल, रेस्टोरेंट, ट्रैवल एजेंसी जैसी सेवाओं की मांग बढ़ेगी, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा।
  2. राजस्व में वृद्धि: पर्यटकों की बढ़ती संख्या से राज्य के राजस्व में भी वृद्धि होगी। इससे सरकार को अन्य पर्यटन स्थलों के विकास में भी सहायता मिलेगी।

छत्तीसगढ़ सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में पहाड़गांव और कुमेली जलप्रपात को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रिय पर्यटन स्थलों के रूप में स्थापित किया जाए।

  1. संचार माध्यमों का उपयोग: इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए सरकार सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का उपयोग करेगी, ताकि इन स्थलों की जानकारी देश-विदेश में फैलाई जा सके।
  2. पर्यावरण संरक्षण: विकास कार्यों के दौरान सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि पर्यावरण को किसी प्रकार का नुकसान न पहुंचे। इसके लिए विशेष निगरानी और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम किया जाएगा।
  3. साझेदारी और निवेश: सरकार निजी कंपनियों और निवेशकों को भी इस परियोजना में शामिल करने की योजना बना रही है, ताकि पर्यटन के विकास के लिए अधिक संसाधन उपलब्ध हो सकें।

स्थानीय समाज और पर्यटन का समावेश इस परियोजना की मुख्य धारा में रहेगा। सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि विकास कार्यों के दौरान स्थानीय लोगों की आवश्यकताओं और परंपराओं का सम्मान किया जाए।

रायपुर जिले के पहाड़गांव और कुमेली जलप्रपात का विकास निश्चित रूप से छत्तीसगढ़ को पर्यटन के मानचित्र पर एक नया स्थान दिलाएगा।

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