कलेक्टर श्री शर्मा

Joharcg.com कलेक्टर श्री कुलदीप शर्मा ने आज जिला कलेक्टोरेट मंथन सभाकक्ष में लोकनिर्माण विभाग, सेतु निर्माण, राष्ट्रीय राजमार्ग, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, जल संसाधन एवं आदिवासी विकास विभाग के अंतर्गत ज़िले में चल रहे निर्माण कार्यों की समीक्षा की। कलेक्टर श्री शर्मा ने कड़े निर्देश देते हुए निर्माणकार्यों में समयसीमा, तकनीकी एवं सामग्री मूलक गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने कहा। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य समयसीमा से बाहर जाने पर संबंधित ठेकेदार पर पेनल्टी ज़रूर लगाएं। उन्होंने कहा कि निर्माण विकास और सुविधाओं के विस्तार का मूल है। इसमें अनावश्यक देरी और गुणवत्ता से समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

स्वामी आत्मानंद स्कूल की अधोसंरचना आकर्षक और एकरूप बनाएं, सड़क एवं पुल निर्माण कार्य के कार्य बारिश से पूर्व पूरे पूर्ण हों –
कलेक्टर श्री शर्मा ने सड़क निर्माण के कार्यों में गुणवत्ता संधारण के तकनीकी बिंदुओं के साथ सड़क सुरक्षा के इंडिकेटर और पर विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए। उन्होंने पांचों विकासखण्ड में निर्माणाधीन स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल को प्राथमिकता देते हुए शीघ्र निर्माण के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि स्वामी आत्मानंद स्कूल की अधोसंरचना आकर्षक और एकरूप बनाएं जिससे बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ बेहतर अधोसंरचना उपलब्ध कराने की शासन की मंशा पूर्ण हो सके। उन्होंने सेतु मंडल एवं प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत चल रहे कार्यों की समीक्षा करते हुए समयसीमा में पूर्ण करने निर्देशित किया।

सेतु मंडल के अंतर्गत 10 नदी-नालों पर पुल एवं पहुंच मार्ग का निर्माण किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि लोकनिर्माण विभाग के तहत 47.53 किमी लंबाई की 7 सड़क निर्माण कार्य लागत 58.28 करोड़, 14 भवन निर्माण कार्य किये जा रहे हैं। जिनकी लागत 28.25 करोड़ है। मुख्यमंत्री सुगम सड़क योजना के तहत 94 सड़क निर्माण कार्य स्वीकृत हैं जिनमें से 24 कार्य पूर्ण और 33 कार्य प्रगति पर हैं। इसकी कुल लागत 16.37 करोड़ है। इनमें सड़क व भवन निर्माण सहित मिनी स्टेडियम, इंडोर हॉल निर्माण, छात्रावास निर्माण, स्वामी आत्मानन्द शासकीय स्कूलों में प्रयोगशाला एव अधोसंरचना निर्माण जैसे कार्य शामिल हैं।

शासन की मंशानुरूप आदर्श आश्रम-छात्रावास विकसित करने कलेक्टर ने दिये निर्देश –
कलेक्टर श्री शर्मा ने बैठक में सहायक आयुक्त आदिमजाति विकास विभाग से जिले में संचालित आश्रम-छात्रावासों की जानकारी ली। जिले में 115 आश्रम-छात्रावास संचालित हैं जिनमें 65 बालक छात्रावास, 47 बालिका छात्रावास एवं 03 संयुक्त आश्रम-छात्रावास हैं। कलेक्टर ने आदर्श आआश्रम-छात्रावास विकसित करने निर्धारित बिंदुओं पर विभाग से चर्चा की। उन्होंने कहा कि सभी आश्रम-छात्रावासों में बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित करें। जल्द ही निरीक्षण किया जाएगा। अव्यवस्था मिलने पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी।

बैठक में कलेक्टर ने जल संसाधन विभाग से जिले में सिंचाई परियोजनाओं, नहरों की स्थिति और सिंचित क्षेत्र की जानकारी ली। उन्होंने जिले में सिंचित क्षेत्र का प्रतिशत बढ़ाए जाने एवं किसानों से समन्वय कर जलआपूर्ति करने के निर्देश दिए जिससे जिले में रबी फसल के उत्पादन को बढ़ावा दिया जा सके। उन्होंने सभी निर्माण कार्यों को फरवरी माह तक पूर्ण करने के निर्देश दिये। बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री कुणाल दुदावत सहित सभी संबंधित विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।

छत्तीसगढ़ के कलेक्टर श्री शर्मा ने निर्माण कार्यों के समयसीमा और गुणवत्ता पर जोर देते हुए स्पष्ट किया है कि निर्माण विकास और सुविधाओं के विस्तार में किसी भी प्रकार का समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उनका यह बयान विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह निर्माण परियोजनाओं के प्रबंधन और उनकी गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

  1. समयसीमा का पालन:
    कलेक्टर श्री शर्मा ने कहा, “निर्माण परियोजनाओं को निर्धारित समयसीमा के भीतर पूरा करना अनिवार्य है। समय पर परियोजनाओं का पूरा होना न केवल कार्य की गुणवत्ता को सुनिश्चित करता है बल्कि नागरिकों को भी समय पर सेवाएं उपलब्ध कराता है।”
  2. तकनीकी और सामग्रीमूलक गुणवत्ता:
    कलेक्टर ने निर्माण कार्यों में तकनीकी और सामग्रीमूलक गुणवत्ता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, “निर्माण कार्यों में किसी भी प्रकार की गुणवत्ता से समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी निर्माण परियोजनाएं उच्च मानकों और विशिष्टताओं के अनुरूप हों।”
  3. नागरिक सुविधाओं का विस्तार:
    श्री शर्मा ने नागरिकों की सुविधाओं के विस्तार की दिशा में प्रशासन की प्रतिबद्धता को दोहराया। उनका कहना है कि नागरिकों को उच्च गुणवत्ता की सुविधाएं प्रदान करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
  4. विशेष निगरानी समिति:
    कलेक्टर ने यह भी घोषणा की कि निर्माण परियोजनाओं की प्रगति की निगरानी के लिए एक विशेष समिति का गठन किया जाएगा। यह समिति निर्माण कार्यों की नियमित समीक्षा करेगी और समयसीमा तथा गुणवत्ता मानकों की जांच करेगी।
  5. रिपोर्टिंग और फीडबैक:
    सभी निर्माण कार्यों की नियमित रिपोर्टिंग और फीडबैक व्यवस्था को भी सख्ती से लागू किया जाएगा। यह सुनिश्चित करेगा कि किसी भी प्रकार की कमी या समस्या का शीघ्र समाधान किया जा सके।
  6. तकनीकी मानकों का पालन:
    निर्माण कार्यों में नवीनतम तकनीकी मानकों और नियमों का पालन सुनिश्चित किया जाएगा। इसके लिए परियोजना प्रबंधन टीम को विशेष प्रशिक्षण और मार्गदर्शन प्रदान किया जाएगा।
  7. सार्वजनिक भागीदारी:
    श्री शर्मा ने निर्माण परियोजनाओं में सार्वजनिक भागीदारी को बढ़ावा देने की बात की है। उनका मानना है कि नागरिकों की राय और सुझावों को ध्यान में रखकर निर्माण कार्यों की गुणवत्ता और प्रभावशीलता में सुधार किया जा सकता है।
  8. प्रेरणादायक उदाहरण:
    कलेक्टर ने उत्कृष्ट निर्माण परियोजनाओं को प्रेरणादायक उदाहरण के रूप में प्रस्तुत करने की योजना बनाई है। इससे अन्य परियोजनाओं के लिए मानक स्थापित होंगे और गुणवत्ता में सुधार होगा।

कलेक्टर श्री शर्मा का यह स्पष्ट बयान छत्तीसगढ़ के निर्माण कार्यों की गुणवत्ता और समयसीमा पर प्रशासन की गंभीरता को दर्शाता है। इस पहल से न केवल निर्माण परियोजनाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा बल्कि नागरिकों को भी बेहतर और समय पर सुविधाएं प्राप्त होंगी।

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