joharcg.com नेपाल में आई भीषण बाढ़ का प्रभाव बिहार के कई इलाकों में गहराता जा रहा है। बिहार के 19 जिले बाढ़ की चपेट में आ गए हैं, जहां करीब 10 लाख लोग पानी में फंसे हुए हैं। इन जिलों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है और लोग सुरक्षित स्थानों की तलाश में हैं। प्रशासन द्वारा राहत और बचाव कार्य तेजी से चलाए जा रहे हैं, लेकिन स्थिति अब भी गंभीर बनी हुई है।
नेपाल में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण नदियों का जलस्तर बढ़ गया है, जिससे बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है। नेपाल से निकलने वाली कई नदियाँ, जैसे कि कोसी, गंडक और बागमती, का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुँच चुका है। इन नदियों के उफान से बिहार के सीमावर्ती क्षेत्रों में बाढ़ का पानी तेजी से फैल गया है, जिससे लाखों लोग प्रभावित हुए हैं।
बाढ़ से बिहार के कुल 19 जिले प्रभावित हुए हैं, जिनमें दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी, समस्तीपुर, सुपौल, पूर्वी चंपारण आदि जिले प्रमुख हैं। इन जिलों में कई गाँव पूरी तरह से जलमग्न हो चुके हैं, जिससे लोगों को अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ रहा है। बाढ़ के कारण सड़कों और पुलों का भी नुकसान हुआ है, जिससे राहत कार्यों में मुश्किलें आ रही हैं।
प्रशासन और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीमें लगातार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य में जुटी हुई हैं। लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने के लिए नावों का इस्तेमाल किया जा रहा है। सरकार ने कई राहत शिविरों का आयोजन किया है, जहाँ प्रभावित लोगों को खाने-पीने की सामग्री, दवाइयाँ और आश्रय प्रदान किया जा रहा है।
बाढ़ के कारण सिर्फ जनजीवन ही नहीं, बल्कि कृषि क्षेत्र भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। खेतों में खड़ी फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। धान, मक्का और सब्जियों की फसलें पानी में डूब गई हैं, जिससे आने वाले दिनों में खाद्य संकट की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
बिहार सरकार ने बाढ़ राहत कार्यों के लिए विशेष फंड जारी किया है और केंद्रीय सरकार से भी सहायता की मांग की है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य तेजी से चलाए जाएं और किसी भी तरह की लापरवाही न बरती जाए।
बिहार में हर साल आने वाली बाढ़ राज्य के लिए एक गंभीर समस्या बन चुकी है। इस साल भी नेपाल की बाढ़ का असर बिहार पर भारी पड़ा है, जिससे लाखों लोग प्रभावित हुए हैं। सरकार और प्रशासन द्वारा राहत कार्य किए जा रहे हैं, लेकिन यह जरूरी है कि बाढ़ नियंत्रण के स्थायी उपाय किए जाएं ताकि हर साल होने वाले इस संकट से बचा जा सके।
दरभंगा. बिहार के 19 जिले इन दिनों बाढ़ की चपेट में हैं. दरअसल, नेपाल में 60 घंटे लगातार बारिश होने के बाद कई नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ गया, जिसका असर बिहार में देखने को मिल रहा है. नेपाल से पानी का दबाव बढ़ा तो बिहार में कई जगहों पर तटबंध दरभंगा, सीतामढ़ी, शिवहर, बेतिया में कई जगहों पर बागमती, कोसी और गंडक नदी पर बने तटबंध टूट गए, जिससे कई गांवों में पानी भर गया है. बिहार के अधिकांश हिस्सों में बाढ़ के हालातों का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वे कर रहे हैं ताकि लोगों को इस आपदा से बचाया जा सके.