joharcg.com श्री जगन्नाथ मंदिर, पुरी में नए साल की पूर्व संध्या पर भारी भीड़ उमड़ी। मंदिर परिसर में दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगीं, जिसके चलते कई लोग असहज महसूस करने लगे। इस दौरान चार छात्र दम घुटने के कारण बेहोश हो गए। छात्रों को तुरंत मंदिर प्रशासन और आसपास के मेडिकल टीम द्वारा प्राथमिक उपचार दिया गया, जिससे उनकी स्थिति में सुधार हुआ।
सूत्रों के मुताबिक, मंगलवार शाम मंदिर में दर्शनों के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे। नए साल के अवसर पर भक्तों की संख्या में अचानक वृद्धि हो गई थी। भारी भीड़ और गर्मी के कारण मंदिर के अंदर का वातावरण बहुत संकुचित हो गया था। इसके परिणामस्वरूप चार छात्र जो दर्शन के लिए आए थे, अचानक असहज महसूस करने लगे और दम घुटने से बेहोश हो गए।
मंदिर प्रशासन ने स्थिति को गंभीरता से लिया और त्वरित कदम उठाते हुए बेहोश छात्रों को बाहर निकालने की प्रक्रिया शुरू की। छात्राओं को प्राथमिक उपचार प्रदान किया गया और बाद में अस्पताल भेज दिया गया। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि छात्रों की स्थिति अब सामान्य है और उन्हें खतरे से बाहर कर दिया गया है।
पुलिस और मंदिर प्रशासन ने इस घटना के बाद मंदिर परिसर में सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त कर दिया है। दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को अब पहले ही समय स्लॉट में दर्शन करने की सलाह दी जा रही है ताकि किसी प्रकार की अनहोनी से बचा जा सके।
स्थानीय प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे सुरक्षा उपायों का पालन करें और गर्मी व भीड़ को ध्यान में रखते हुए ध्यान रखें। मंदिर परिसर में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए भविष्य में कुछ आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
नए साल के मौके पर श्री जगन्नाथ मंदिर में इस तरह की घटनाओं से प्रशासन ने स्थिति को संभालने के लिए कई सुधारात्मक उपायों पर विचार करने का निर्णय लिया है, ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
ओडिशा के श्री जगन्नाथ मंदिर के अंदर सोमवार को एक हादसा हो गया. यहां नए साल के जश्न से पहले भारी भीड़ में फंसने से मंदिर के अंदर चार छात्र बेहोश हो गए. भद्रक जिले के कदबरंग गांव के एक स्कूल के ये छात्र भगवान जगन्नाथ से आशीर्वाद लेने के लिए मंदिर आए थे. यह घटना नाता मंडप क्षेत्र के पास उस समय घटी जब छात्र दर्शन के लिए मंदिर में प्रवेश कर रहे थे. भारी भीड़ के चलते हंगामे के दौरान वे बेहोश हो गए.
हालांकि, उन्हें गंभीर हालत में मंदिर के अधिकारियों और वालंटीयर्स द्वारा बचा लिया गया और एम्बुलेंस में पुरी जिला मुख्यालय अस्पताल (डीएचएच) ले जाया गया. चिकित्सा अधिकारियों ने बताया कि उनकी हालत में सुधार हुआ है, जिससे उनके परिवारों और साथी भक्तों को कुछ राहत मिली है.
श्रद्धालुओं की आमद को नियंत्रित करने के लिए पुरी प्रशासन द्वारा किए गए व्यापक सुरक्षा इंतजामों के बावजूद, लोगों की भारी संख्या के कारण मंदिर परिसर में अराजक स्थिति पैदा हो गई. इस घटना ने प्रमुख आयोजनों के दौरान भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा उपायों को लेकर चिंताएं पैदा कर दी हैं.
पुरी एसपी विनीत अग्रवाल ने कहा- ‘यहां मंदिर में किसी भी तरह की भगदड़ की स्थिति नहीं है. कुछ स्कूली छात्र कल मंदिर में दर्शन करने आए थे, क्योंकि उन्होंने सुबह से भोजन नहीं किया था, वे कमजोर हो गए थे. हमारी टीम ने उन्हें घटनास्थल से निकाला तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, इलाज के बाद उन्हें यहां से छुट्टी दे दी गई’.