joharcg.com रायपुर। छत्तीसगढ़ में लंबे समय से चल रहे नक्सल उन्मूलन अभियान को अब और गति मिलती दिखाई दे रही है। हाल के दिनों में सुरक्षा बलों की बढ़ी सक्रियता और रणनीतिक कदमों ने नक्सल प्रभावित इलाकों में सकारात्मक बदलाव लाने की शुरुआत कर दी है। राज्य सरकार के निर्देश पर पुलिस और केंद्रीय बलों ने संयुक्त अभियान तेज कर दिया है, जिससे नक्सलियों की पकड़ कमजोर होती जा रही है।

जानकारी के अनुसार, बीते कुछ महीनों में कई महत्वपूर्ण सफलता हाथ लगी है। सुरक्षा बलों ने जहां नक्सलियों के ठिकानों को ध्वस्त किया है, वहीं बड़ी संख्या में विस्फोटक सामग्री और हथियार भी बरामद किए हैं। इसके साथ ही कई नक्सली आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं। अधिकारियों का मानना है कि विकास कार्यों की रफ्तार और सुरक्षा बलों की सघन मौजूदगी से अब ग्रामीणों का विश्वास भी बढ़ रहा है।

नक्सल प्रभावित इलाकों में अब सड़क, बिजली, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। सरकार का स्पष्ट मानना है कि विकास और विश्वास ही स्थायी समाधान की कुंजी है। सुरक्षा अभियान के साथ-साथ प्रशासनिक पहल भी तेज की गई है, जिससे स्थानीय लोग सरकारी योजनाओं का लाभ ले सकें।
ग्रामीणों ने भी सुरक्षा बलों की मौजूदगी और विकास कार्यों से राहत महसूस करना शुरू कर दिया है। कई गांवों में लंबे समय बाद आजादी का माहौल दिखाई देने लगा है। बच्चे बिना डर के स्कूल जा पा रहे हैं और किसान खेती-बाड़ी के काम में अधिक जुट रहे हैं।

वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि आने वाले समय में अभियान को और सशक्त बनाया जाएगा। नक्सली गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए आधुनिक तकनीक, ड्रोन निगरानी और खुफिया तंत्र को और मजबूत किया जा रहा है। साथ ही, पुनर्वास नीति के तहत आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर दिया जा रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इसी तरह अभियान और विकास साथ-साथ चलते रहे तो आने वाले वर्षों में छत्तीसगढ़ नक्सल समस्या से काफी हद तक मुक्त हो सकेगा।