joharcg.com नौकरी दिलवाने के नाम पर धोखाधड़ी करने के मामले में पुलिस ने एक महत्वपूर्ण गिरफ्तारी की है। यह घटना टामन सोनवानी के परिवार से जुड़ी हुई है, जिसमें उनके साले और उनकी पत्नी को गिरफ्तार किया गया। आरोप है कि दोनों ने बेरोजगार व्यक्तियों को नौकरी देने का वादा कर उनसे पैसे लिए, लेकिन नौकरी नहीं दिलवाने के बदले धोखाधड़ी की।
पुलिस के अनुसार, आरोपी ने एक बड़े नेटवर्क के रूप में इस ठगी को अंजाम दिया। लोगों से पैसे लेकर उन्होंने न केवल धोखाधड़ी की, बल्कि कुछ लोगों को झूठे वादों में उलझाकर उनकी उम्मीदों के साथ खिलवाड़ किया। मामले की जांच के दौरान पता चला कि आरोपियों ने कई लोगों को अपना शिकार बनाया था और लाखों रुपये की ठगी की थी।
इस गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने संबंधित आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। आरोपी पत्नी और साले को अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। पुलिस ने मामले की जांच को आगे बढ़ाते हुए और भी आरोपियों के नाम उजागर करने का दावा किया है।
यह घटना इस बात का स्पष्ट संकेत है कि आजकल ठगी के नए-नए तरीके सामने आ रहे हैं। विशेष रूप से नौकरी दिलवाने के नाम पर धोखाधड़ी करना एक गंभीर अपराध बनता जा रहा है। पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार की नौकरी के लिए पैसे देने से पहले उसकी प्रमाणिकता की जांच करें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना पुलिस को दें।
आगे भी इस तरह के मामलों में कड़ी निगरानी रखने की योजना बनाई जा रही है, ताकि और अधिक नागरिक ठगी का शिकार न हों।
रायपुर। CGPSC के पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी के साले देवेंद्र जोशी और उसकी पत्नी झगीता जोशी को गिरफ्तार किया है। दोनों पर नौकरी का झांसा देकर करोड़ों रुपये की ठगी करने का आरोप लगा है। दोनों ने पीएससी के विभिन्न पदों पर नौकरी दिलवाने के नाम पर 9 लोगों से लाखों रुपये ऐंठे हैं। दोनों खुद को बड़े अधिकारियों का परिचत बताकर जाल में फंसाते थे।
दरअसल, CGPSC के पूर्व अध्यक्ष सोनवानी की पत्नी झगीता जोशी और साले देवेंद्र जोशी पर 9 बेरोजगारों से 1.50 करोड़ रूपये की ठगी करने का आरोप है। सोनवानी की पत्नी और साला खुद को बड़े अधिकारियों के परिचित बताते थे। जिसके बाद बेरोजगार लोगों को अनुशंसा के तहत नौकरी लगाने का झांसा देते थे। इसके बाद उन्हें फर्जी नियुक्ति प्रमाणपत्र देकर रकम ऐंठ लेते थे। मामले की जांच के बाद सिविल लाईन थाना पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही मामले की आगे की जांच जारी है।
अंबिकापुर की रहने वाली अंजना गहिरवार ने रायपुर निवासी देवेंद्र जोशी से नौकरी के बारे में बात की थी। जिसके बाद जोशी ने बताया कि, उसकी बड़े अधिकारियों से जान पहचान है और वह सरकारी नौकरी दिलवाने में मदद कर सकता है। इसके बाद देवेंद्र जोशी ने युवती को खाद्य विभाग में फूड इंस्पेक्टर के पद के लिए आवेदन भरने के लिए कहा था। इस दौरान आरोपी जोशी ने युवती से नौकरी दिलाने के एवज में 25 लाख रुपये की डिमांड की थी।
9 लोगों से लाखों रुपये की ठगी का आरोप
अंजना ने 2022 में आवेदन किया और परीक्षा दी थी। जिसके बाद देवेंद्र जोशी ने काउंसलिंग के लिए पैसे की मांग की। अंजना ने छह लाख 35 हजार रुपये कैश और बाकी की रकम खाते में ट्रांसफर किया। इसके बाद उसका दस्तावेज सत्यापन हो गया। लेकिन जब अंजना ने जब फ़ाइनल चयन की सूची देखी तो उसमें उसका नाम नहीं था।
जब वह विभाग में लेटर लेकर गई, तो उसे फर्जी लेटर बताते हुए भगा दिया गया। आरोपी देवेन्द्र जोशी ने अंजना के अलावा अन्य 8 लोग गजेंद्र लहरे, कुणाल देव, और भुनेश्वर सोनवानी से भी फूड इंस्पेक्टर की नौकरी दिलवाने के नाम पर 25-25 लाख रुपये ठगी की है।