joharcg.com दंतेवाड़ा । महिला एवं बाल विकास विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार जिले में बाल विवाह के रोकथाम के लिए कलेक्टर के मार्गदर्शन में गठित जिला प्रशासन की संयुक्त टीम को एक बाल विवाह रोकने में सफलता मिली है। प्राप्त सूत्रों के अनुसार जिला दंतेवाड़ा के ग्राम पंचायत छोटे तुमनार में बाल विवाह होने की सूचना चाइल्ड हेल्पलाइन दंतेवाड़ा को प्राप्त हुई थी।
इसपर तत्काल कार्यवाही करते हुए चाइल्ड हेल्प लाईन, पुलिस थाना गीदम, परियोजना गीदम एवं जिला बाल संरक्षण इकाई दंतेवाड़ा की संयुक्त टीम ने विवाह कार्यक्रम स्थल पर पहुँचकर वर एवं वधु का आयु का सत्यापन किया, जिससे वधु द्वारा बताये गये आयु एवं वर के शैक्षणिक प्रमाण-पत्र में उल्लेखित जन्मतिथि के अनुसार वधु की आयु पूर्ण पाई गई परन्तु वर की वैधानिक आयु, विवाह हेतु पुर्ण नहीं थी। थे।
जहाँ कार्यवाही के दौरान वधु पक्ष द्वारा प्रस्तुत शैक्षणिक दस्तावेज अनुसार वधु की वर्तमान आयु 20 वर्ष 9 दिन उल्लेखित थी। परन्तु वर की आयु 21 वर्ष पूर्ण नहीं होना पाया गया। इसके मद्देनजर वर के कम आयु होने पर प्रशासन की टीम द्वारा वर वधु के परिजनों को समझाइश देते हुए बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियमों से अवगत कराया गया। तत्पश्चात वर पक्ष, बालक के विवाह की वैधानिक आयु पूर्ण होने से पहले विवाह नहीं कराए जाने पर सहर्ष राजी हो गए।
इसके साथ ही ग्राम छोटे तुमनार के वासियों द्वारा भी भविष्य में गाँव में अपनी ओर से बाल विवाह नहीं होने देने का वादा भी किया गया। विवाह कार्यक्रम स्थल पर वर-वधु पक्ष के परिवार के लोगों को उपस्थित समिति द्वारा समझाइश देते हुए बताया गया कि बाल विवाह केवल सामाजिक बुराई ही नहीं बल्कि कानूनन अपराध भी है, ऐसे विवाह में शामिल माता-पिता, रिश्तेदार, पुरोहित सभी अपराधी माने जा सकते हैं तथा बाल विवाह करने और कराने वाले को दो वर्ष तक कारावास एवं एक लाख रुपए तक जुर्माना भी हो सकता है।
दोनों पक्षों की सहमति से समिति द्वारा कार्यवाही पूर्ण कर वधु को उनके परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया। इस संबंध में समिति के द्वारा जिला बाल संरक्षण इकाई को निर्देशित किया गया है कि, निर्धारित समय अनुसार, बाल विवाह का फॉलोअप किया जाना सुनिश्चित किया जाये।
बाल विवाह रोकथाम संबंधी संपूर्ण कार्यवाही के दौरान, महिला एवं बाल विकास विभाग जिला कार्यक्रम अधिकारी वरूण सिंह नागेश, प्रभारी जिला बाल संरक्षण अधिकारी, रविशंकर सनाड्य, आउटरीच वर्कर ममता ठाकुर, सेक्टर पर्यवेक्षक रेणु घिवडोड़े, पुलिस विभाग गीदम, एवं सुपरवाईजर प्रेम कोमरे चाइल्ड हेल्पलाइन के सदस्य उपस्थित रहे।
उत्तर प्रदेश के एक जिले में प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एक नाबालिग वर के विवाह को रुकवा दिया। विवाह की जानकारी मिलने पर प्रशासन की टीम तुरंत मौके पर पहुंची और विवाह रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए।
प्रशासन ने पाया कि वर नाबालिग था और भारतीय कानून के अनुसार, नाबालिगों का विवाह कानूनी रूप से निषिद्ध है। इस घटना के बाद प्रशासन ने दोनों परिवारों के परिजनों से मुलाकात की और उन्हें नाबालिग विवाह के खिलाफ कानूनी प्रावधानों की जानकारी दी। इसके साथ ही, प्रशासन ने परिवारों को समझाया कि ऐसा विवाह किसी भी स्थिति में कानूनी और सामाजिक दृष्टिकोण से सही नहीं है।
प्रशासन की ओर से सख्त चेतावनी दी गई कि इस प्रकार के विवाह के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों ने परिजनों से यह भी अनुरोध किया कि वे अपनी नाबालिग संतान के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए इस तरह के निर्णयों से बचें।
प्रशासन के इस कदम की समाज में व्यापक सराहना की जा रही है, क्योंकि इसने एक नाबालिग बच्चे का जीवन बचाया और परिवार को समाज और कानून के प्रति जागरूक किया। इसके अलावा, यह घटना नाबालिग विवाह के खिलाफ जागरूकता फैलाने के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश भी देती है।
इस बीच, प्रशासन ने नाबालिग विवाह के मामले में सख्त निगरानी रखने का आश्वासन दिया है और यह सुनिश्चित करने के लिए कि इस तरह की घटनाएं भविष्य में न हों, पूरे जिले में जागरूकता अभियान चलाने की योजना बनाई है।