joharcg.com । केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत की सुरक्षा को और मजबूत कर दिया है। उन्हें अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जैसी सुरक्षा मिलेगी। दरअसल, गृह मंत्रालय ने मोहन भागवत की सुरक्षा को जेड प्लस से बढ़ाकर एएसएल (एडवांस्ड सिक्योरिटी लिएजॉन) में बदल दिया है। बता दें कि आरएसएस प्रमुख को अभी तक जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई थी।
रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि गृह मंत्रालय ने कई जगहों पर मोहन भागवत की सुरक्षा में ढिलाई देखी, जिसके बाद ही उन्होंने नए सुरक्षा प्रोटोकॉल पर काम करना शुरू किया और आरएसएस प्रमुख की सुरक्षा को और मजबूत करने का फैसला लिया गया। ऐसा बताया जा रहा है कि कई भारत विरोध संगठन उन्हें निशाना बना रहे हैं। उनकी सुरक्षा बढ़ाने जाने को लेकर सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में इसकी जानकारी दी गई है।
अब नई सुरक्षा श्रेणी के अनुसार, सीआईएसएफ की टीम उस स्थान पर पहले से ही मौजूद रहेंगी, जहां मोहन भागवत दौरा करेंगे। मोहन भागवत को जून 2015 में जेड-प्लस की सुरक्षा दी गई थी। इससे पहले कांग्रेस सरकार ने भी उन्हें जेड-प्लस सुरक्षा कवर देने का आदेश दिया था। हालांकि, उस समय केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल ने कर्मियों और वाहनों की कमी के कारण उन्हें जेड-प्लस सुरक्षा उपलब्ध नहीं कराई गई थी।
जेड-प्लस सुरक्षा में 36 सुरक्षाकर्मी शामिल होते हैं जिसमें एनएसजी के भी 10 कमांडो होते हैं। बता दें कि एएसएल श्रेणी की सुरक्षा में संबंधित जिला प्रशासन, पुलिस, स्वास्थ्य और अन्य विभाग जैसी स्थानीय एजेंसियां शामिल होती हैं। जिस स्थान पर मोहन भागवत कार्यक्रम के लिए जाएगें, वहां पहले से ही एक टीम मौके का निरीक्षण करने जाएगी। उनके ग्रीन सिग्नल देने के बाद ही मोहन भागवत उस कार्यक्रम में शामिल होने जाएंगे।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत को अब केंद्र सरकार द्वारा मोदी-शाह जैसी उच्चस्तरीय सुरक्षा प्रदान की जाएगी। यह निर्णय हाल के दिनों में उनकी सुरक्षा को लेकर बढ़ती चिंताओं के बाद लिया गया है, जिसमें उन्हें संभावित खतरों का सामना करना पड़ सकता था। इस सुरक्षा व्यवस्था के तहत, उन्हें जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा दी जाएगी, जो देश के सबसे बड़े नेताओं को प्रदान की जाती है।
मोहन भागवत, जो आरएसएस के प्रमुख हैं, उनकी सुरक्षा को लेकर पहले भी चर्चा होती रही है, लेकिन हाल ही में यह मुद्दा और अधिक महत्वपूर्ण हो गया है। आरएसएस, जो भारतीय समाज में अपने गहरे प्रभाव के लिए जाना जाता है, के प्रमुख के रूप में भागवत का रोल काफी महत्वपूर्ण है। उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार के लिए प्राथमिकता बन गया है, ताकि वे बिना किसी बाधा के अपने कर्तव्यों का पालन कर सकें।
जेड प्लस सुरक्षा के तहत, उन्हें एक मजबूत सुरक्षा घेरा प्रदान किया जाएगा, जिसमें एनएसजी (राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड) के कमांडो शामिल होंगे। यह सुरक्षा न केवल उनकी व्यक्तिगत सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि उनकी भूमिका को सरकार कितनी गंभीरता से लेती है।
इस निर्णय से यह स्पष्ट हो जाता है कि देश के महत्वपूर्ण और प्रभावशाली व्यक्तित्वों की सुरक्षा को लेकर सरकार सजग है। मोदी और शाह की तरह ही भागवत को भी अब उच्चस्तरीय सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी, जिससे वे निडर होकर अपने कार्यों को अंजाम दे सकें।
इस कदम से आरएसएस कार्यकर्ताओं और समर्थकों के बीच सुरक्षा को लेकर विश्वास और भी मजबूत होगा। यह निर्णय एक महत्वपूर्ण संकेत है कि देश के नेतृत्व और विचारधारा की रक्षा के लिए सरकार कोई कसर नहीं छोड़ रही है।