Joharcg.com प्रदेष के वाणिज्यकर (आबकारी) वाणिज्य एंव उद्योग मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री श्री कवासी लखमा ने अपने प्रवास के दौरान जिला मुख्यालय में आयोजित अबूझमाड़ हस्तषिल्प महोत्सव में विभिन्न प्रदेषों एवं राज्य के अन्य जिलों से आये षिल्पियों द्वारा लगाये गये स्टॉलों का निरीक्षा किया। इस दौरान उन्होंने स्टॉल लगाने वाले षिल्पियों से उनके गृह जिला व राज्य, उनकी द्वारा तैयार की गयी सामग्री की कीमत, तैयार करने में लगने वाले समय, विक्रय हेतु बाजार में मांग आदि के संबंध में बातचीत की और उनकी कला की बारीकी को देखा और समझा।
ज्ञात हो कि इस महोत्सव में उत्तर प्रदेष, महाराष्ट्र, गुजरात, बिहार सहित प्रदेष के जांजगीर चांपा, रायपुर, कोण्डागांव और नारायणपुर के कलाकारों ने हस्त निर्मित सामानों के स्टॉल लगाये हैं। मंत्री श्री लखमा ने इन दुकानदारों के उत्साहवर्धन के लिए इनसे सामान भी खरीदे। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ हस्तष्ल्पि विकास बोर्ड के अध्यक्ष एवं विधायक श्री चंदन कष्यप, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती श्यामबती नेताम, जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री देवनाथ उसेण्डी, श्रीमती वेदवती पात्र, श्री रजनू नेताम, श्री राजेष दीवाल, श्री संजय राय के अलावा कलेक्टर श्री धर्मेष कुमार साहू, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री पोषण चंद्राकर के अलावा क्षेत्र के जनप्रतिनिधी एवं अधिकारीगण उपस्थित थे।
छत्तीसगढ़ के आदिवासी क्षेत्र अबूझमाड़ में आयोजित हस्तशिल्प महोत्सव में मंत्री श्री कवासी लखमा ने प्रमुख रूप से शामिल होकर विभिन्न स्टॉलों का अवलोकन किया। इस महोत्सव का उद्देश्य स्थानीय हस्तशिल्प कला और शिल्पकारों की प्रगति को बढ़ावा देना है, और इसे लेकर मंत्री ने अपनी सराहना और समर्थन प्रकट किया।
- हस्तशिल्प स्टॉलों की समीक्षा:
मंत्री श्री कवासी लखमा ने महोत्सव में लगे विभिन्न स्टॉलों का दौरा किया और वहां प्रदर्शित हस्तशिल्प उत्पादों की गुणवत्ता और विविधता की सराहना की। उन्होंने विशेष रूप से स्थानीय शिल्पकारों के कार्यों की तारीफ की और उनके उत्पादों को प्रोत्साहित करने का आश्वासन दिया। - शिल्पकारों से संवाद:
मंत्री ने महोत्सव में भाग ले रहे शिल्पकारों और कलाकारों से संवाद किया। उन्होंने उनके अनुभवों और चुनौतियों को सुना और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए आवश्यक कदम उठाने का आश्वासन दिया। - स्थानीय हस्तशिल्प को बढ़ावा देना:
श्री लखमा ने इस बात पर जोर दिया कि अबूझमाड़ क्षेत्र की हस्तशिल्प कला को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने की आवश्यकता है। उन्होंने राज्य सरकार की ओर से इस दिशा में उठाए गए कदमों और योजनाओं की जानकारी दी। - स्थानीय कला और संस्कृति का संरक्षण:
अबूझमाड़ हस्तशिल्प महोत्सव स्थानीय कला और संस्कृति के संरक्षण और प्रचार का एक महत्वपूर्ण मंच है। इस महोत्सव के माध्यम से पारंपरिक शिल्प कला को प्रोत्साहन मिलता है और स्थानीय कलाकारों को अपनी कला दिखाने का अवसर मिलता है। - आर्थिक विकास:
हस्तशिल्प महोत्सव स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देता है। यहां पर शिल्पकारों को अपने उत्पाद बेचने का मौका मिलता है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होता है और रोजगार के अवसर उत्पन्न होते हैं। - पर्यटन का आकर्षण:
इस महोत्सव के माध्यम से अबूझमाड़ क्षेत्र को एक पर्यटन स्थल के रूप में भी प्रमोट किया जा रहा है। इससे न केवल स्थानीय बल्कि बाहरी पर्यटकों को भी आकर्षित किया जा रहा है, जो क्षेत्र की संस्कृति और कला से परिचित हो सकते हैं।
मंत्री श्री कवासी लखमा ने महोत्सव की सफलता के लिए आयोजकों को बधाई दी और भविष्य में इस तरह के आयोजनों को नियमित रूप से आयोजित करने की योजना की बात की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस तरह की पहल को समर्थन देने के लिए तैयार है और स्थानीय शिल्पकारों के विकास के लिए नई योजनाओं पर काम करेगी।
मंत्री श्री कवासी लखमा का अबूझमाड़ हस्तशिल्प महोत्सव में स्टॉलों का अवलोकन इस बात की पुष्टि करता है कि सरकार स्थानीय हस्तशिल्प कला को बढ़ावा देने और शिल्पकारों के हितों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस महोत्सव के माध्यम से अबूझमाड़ की सांस्कृतिक धरोहर को न केवल संरक्षित किया जाएगा बल्कि उसे एक नई ऊंचाई भी मिलेगी। Kawasi Lakhma Archives – JoharCG