joharcg.com महाराष्ट्र के ठाणे जिले में मिड डे मील खाने से स्कूली बच्चों के बीमार होने का मामला सामने आया है. मंगलवार को एक निजी स्कूल में मिड डे मील कार्यक्रम के तहत परोसा गया भोजन खाने के बाद 38 बच्चे बीमार पड़ गए. यह जानकारी नगर निगम के अधिकारियों ने दी है.
एक सरकारी स्कूल में मिड डे मील खाने के बाद 38 छात्र बीमार हो गए, जिन्हें फूड प्वाइजनिंग की आशंका के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस घटना के बाद स्कूल प्रशासन और शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है। सभी छात्रों की स्थिति फिलहाल स्थिर है, लेकिन वे डॉक्टरों की निगरानी में हैं।
मिड डे मील के तहत छात्रों को दोपहर का भोजन परोसा गया, जिसे खाने के कुछ घंटों बाद छात्रों ने पेट दर्द, उल्टी और सिरदर्द की शिकायत की। जैसे ही छात्रों की तबीयत बिगड़ने लगी, स्कूल प्रशासन ने तुरंत चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई और सभी को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल में डॉक्टरों ने तत्काल इलाज शुरू किया, जिससे छात्रों की हालत में सुधार हो रहा है।
अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि फूड प्वाइजनिंग के लक्षण नजर आ रहे हैं, लेकिन जांच के बाद ही पुष्टि की जा सकेगी। सभी छात्र अभी खतरे से बाहर हैं, लेकिन उन्हें अगले 24 घंटे तक चिकित्सीय निगरानी में रखा जाएगा। डॉक्टरों के अनुसार, समय पर अस्पताल पहुंचने से गंभीर स्थिति टल गई है।
इस घटना के बाद शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन ने मिड डे मील की गुणवत्ता की जांच के आदेश दिए हैं। प्रशासन ने कहा है कि बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि है और इस मामले में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। भोजन का सैंपल भी जांच के लिए भेजा गया है, जिससे यह पता लगाया जा सके कि भोजन में किस तरह की अशुद्धि थी।
इस घटना के बाद मिड डे मील योजना की गुणवत्ता और निगरानी पर फिर से सवाल उठ खड़े हुए हैं। यह योजना गरीब और वंचित वर्ग के छात्रों को पौष्टिक भोजन प्रदान करने के लिए लागू की गई है, लेकिन इस तरह की घटनाओं से इसकी विश्वसनीयता पर सवाल खड़े होते हैं। माता-पिता और स्थानीय लोगों ने स्कूल प्रशासन से अधिक सतर्कता बरतने की मांग की है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
मिड डे मील खाने के बाद छात्रों का बीमार होना एक गंभीर चिंता का विषय है, और इससे सरकारी स्कूलों में मिड डे मील की गुणवत्ता पर ध्यान देने की आवश्यकता स्पष्ट होती है। प्रशासन द्वारा इस मामले की जांच शुरू कर दी गई है, और दोषियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया गया है। उम्मीद है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।
अस्पताल के एक चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि दोपहर के भोजन के बाद बच्चों को चक्कर आने, जी मिचलाने, सिर दर्द और पेट में दर्द की शिकायत के बाद कलवा सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया. इसके बाद सभी बच्चों का इलाज किया गया. फिलहाल, सभी बच्चे खतरे से बाहर हैं. जल्द ही सभी बच्चों को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया जाएगा
वहीं, सूचना पर पहुंची नगर निगम के अधिकारी और स्थानीय पुलिस ने जांच के लिए भोजन के नमूने एकत्र किए हैं. मामले को लेकर नगर निगम के अधिकारी और स्थानीय पुलिस घटना की जांच कर रहे हैं. पुलिस का कहना है कि मामले में जांच की जा रही है. जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल, सभी बच्चे खतरे से बाहर हैं.