joharcg.com देशभर में चिकित्सा संस्थानों में कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर हाल के दिनों में चिंता बढ़ी है। चिकित्सकों और नर्सों जैसे स्वास्थ्यकर्मियों पर बढ़ते दबाव और खतरे को ध्यान में रखते हुए, स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक नई दिशा-निर्देशिका जारी की है। यह निर्देश अस्पतालों और अन्य चिकित्सा संस्थानों को यह सुनिश्चित करने के लिए तैयार किए गए हैं कि उनके स्टाफ की सुरक्षा और कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए।
नए सुरक्षा निर्देशों में चिकित्सा संस्थानों में काम करने वाले स्टाफ के लिए सुरक्षित कार्य परिवेश बनाने पर जोर दिया गया है। इसमें अस्पतालों में सुरक्षा गार्ड्स की संख्या बढ़ाने, कर्मचारियों के लिए व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (PPE) का पर्याप्त इंतजाम, और स्टाफ के लिए नियमित सुरक्षा ट्रेनिंग कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश शामिल हैं। इसके अलावा, अस्पतालों में कर्मचारियों को मानसिक और शारीरिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए काउंसलिंग सेवाएं भी शुरू की जाएंगी।
सुरक्षा उपायों के तहत, अस्पतालों में किसी भी आपात स्थिति या हमले की स्थिति में कर्मचारियों के लिए एक स्पष्ट और तत्काल प्रतिक्रिया योजना तैयार करने का निर्देश दिया गया है। इसमें अस्पताल में तैनात सुरक्षा कर्मियों को विशेष प्रशिक्षण देने की बात भी कही गई है ताकि वे आपातकालीन स्थितियों में शीघ्रता से प्रतिक्रिया कर सकें। साथ ही, कर्मचारियों के लिए हेल्पलाइन नंबर और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से आपातकालीन सहायता लेने की सुविधा भी दी जाएगी।
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, “स्वास्थ्यकर्मी हमारी सबसे बड़ी संपत्ति हैं, और उनकी सुरक्षा और कल्याण को सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता है। हम चाहते हैं कि वे सुरक्षित वातावरण में काम करें और उनका मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य भी बनाए रखा जाए।”
यह दिशा-निर्देश चिकित्सा संस्थानों को यह सुनिश्चित करने में मदद करेंगे कि उनके कर्मचारियों को किसी भी प्रकार के जोखिम से बचाया जा सके और वे अपने काम को सुरक्षित तरीके से कर सकें। इस कदम से न केवल कर्मचारियों की सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि यह स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को भी बेहतर बनाएगा।
बिलासपुर, 10 जनवरी 2025/बिलासपुर संभाग में संचालित सभी चिकित्सा संस्थाओं में कार्यरत स्टाफ की सुरक्षा उपायों पर क्रियान्वयन के लिए संभागायुक्त डॉ. महादेव कावरे और आईजी संजीव शुक्ला की अध्यक्षता में बैठक वीसी के जरिए आज यहां कमिश्नर कार्यालय में हुई। बैठक में एसपी रजनेश सिंह, सिम्स के डीन डॉ. रमणेश मूर्ति, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. लखन सिंह, सहित अन्य लोग मौजूद थे। संभाग के सभी जिलों के कलेक्टर- एसपी ,चिकित्सा महाविद्यालय के डीन और पदाधिकारी वीसी के जरिए शामिल हुए।
बैठक में संभागायुक्त ने चिकित्साकर्मियों को प्राप्त कानूनी संरक्षण को प्रमुख स्थानों पर प्रदर्शित करने, सुरक्षा और हिंसा रोकथाम के लिए समितियों का गठन करने, चिकित्सा संस्थानों में प्रवेश पर नियंत्रण, चिकित्साकर्मियों के लिए सुरक्षा प्रावधान, पर्याप्त प्रकाश की व्यवस्था एवं निगरानी, रात्रिकालिन सुरक्षागश्त, चौबीसों घंटे सुरक्षा नियंत्रण कक्ष की स्थापना,
यौन उत्पीड़न घटना की रोकथाम के लिए गठित आंतरिक समिति के बेहतर संचालन करने, चिकित्सा संस्थानों में पुलिस चौकी की स्थापना, पुलिस प्रशासन के माध्यम से सुरक्षा ऑडिट कराना, हेल्पलाईन नम्बर 112 के माध्यम से सुरक्षा सुनिश्चित करना आदि विषयों पर विस्तार से चर्चा कर संबंधित अधिकारियों को क्रियान्वयन के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि चिकित्सा संस्थानों में कार्यरत स्टाफ की सुरक्षा करना हमारी प्राथमिकता है। उनकी सुरक्षा के लिए तमाम उपाय सुनिश्चित किये जाए। उन्होंने पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था के निर्देश दिए। सीसीटीव्ही का बैकअप कम से कम 15 दिन तक रखने कहा। आईजी श्री संजीव शुक्ला ने पुलिस विभाग को चिकित्सा संस्थानों में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जरूरी निर्देश दिए। लगातार पेट्रोलिंग करने कहा। इसके साथ ही महिला रेस्ट रूम के पास दो-दो महिला होमगार्ड की ड्यूटी लगाने के निर्देश दिए।
बैठक में बताया गया कि सभी चिकित्सा संस्थानों में स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के लिए राज्य सुरक्षा कानून एवं भारतीय न्याय संहिता की प्रासंगिक धाराओं को दण्डात्मक जुर्माने के विवरण सहित सिम्स अस्पताल एवं महाविद्यालय के मुख्य स्थानों पर प्रदर्शित करने की कार्यवाही की जा रही है। अस्पताल सुरक्षा समिति और हिंसा रोकथाम के लिए समिति का गठन किया गया है।
सिम्स द्वारा बताया गया कि संस्थान में चिकित्सकों एवं नर्सों के आवासीय परिसरों व छात्रावासों में 98 सी.सी.टी.वी. कैमरे पहले से ही लगे हुए है, जिसकी निगरानी समय-समय पर की जा रही है। इसके साथ ही और 100 कैमरें लगाए जा रहे हैं। बैठक में बताया गया कि महिला उत्पीड़न आंतरिक निवारण समिति का गठन पूर्व से किया गया है।
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