joharcg.com प्रयागराज, 2025: इस वर्ष मौनी अमावस्या के अवसर पर संगम में 10 करोड़ श्रद्धालुओं के डुबकी लगाने की संभावना है। यह दिन विशेष रूप से हिन्दू धर्म में अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है, और लाखों श्रद्धालु इस दिन गंगा, यमुन और सरस्वती नदियों के संगम स्थल पर पहुंचकर आस्था की डुबकी लगाएंगे।
मौनी अमावस्या पर स्नान का महत्व विशेष है क्योंकि इसे आत्मशुद्धि और पुण्य की प्राप्ति का दिन माना जाता है। इस दिन विशेष रूप से मौन व्रत रखने और ध्यान करने का महत्व होता है, और श्रद्धालु अपने पापों से मुक्ति के लिए संगम में स्नान करते हैं। श्रद्धालुओं का मानना है कि इस दिन डुबकी लगाने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है और वे मोक्ष की प्राप्ति के योग्य होते हैं।
प्रयागराज प्रशासन ने इस विशेष दिन के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। लाखों की संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं को ध्यान में रखते हुए पुलिस, एम्बुलेंस और सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। साथ ही, नदी में स्नान करने वालों की संख्या को नियंत्रित करने के लिए भी विशेष व्यवस्था की गई है, ताकि कोई अप्रिय घटना न घटे।
उत्तर प्रदेश सरकार और प्रशासन ने संगम क्षेत्र में स्वच्छता और यातायात व्यवस्था को भी दुरुस्त किया है, ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। इसके अलावा, जल Police और राहत टीमें भी सतर्क हैं ताकि कोई भी आकस्मिक स्थिति उत्पन्न न हो।
इस दिन को लेकर श्रद्धालुओं का उत्साह सातवें आसमान पर है और प्रयागराज का संगम क्षेत्र पूरी तरह से भव्य रूप में सजाया गया है। देश भर से श्रद्धालु इस पवित्र स्नान में सम्मिलित होने के लिए आ रहे हैं, और संगम की रेती पर एक अद्भुत दृश्य देखने को मिलेगा।
प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में मौनी अमावस्या से पहले श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है. 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के अवसर पर त्रिवेणी संगम में पवित्र डुबकी लगाने के लिए आस्थावानों का सैलाब अभी से प्रयागराज आना शुरू हो गया है. अधिकारियों ने कहा कि अमावस्या के करीब आने के साथ ही शहर में तीर्थ यात्रियों की भीड़ बढ़ गई है.
संगम में डुबकी लगाने के लिए देश-विदेश से लोग प्रयागराज आ रहे हैं. जिस वजह से शहर के रेलवे स्टेशन, बस स्टॉप और राजमार्ग तीर्थयात्रियों से भरे हुए हैं. अधिकारियों ने बताया कि त्रिवेणी संगम में शुक्रवार और शनिवार के दिन लगभग 1.25 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने स्नान किया. वहीं अधिकारियों के अनुसार मौनी अमावस्या पर लगभग 10 करोड़ श्रद्धालुओं के संगम में डुबकी लगाने की उम्मीद है.
प्रयागराज आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़े, इसके लिए मेला प्रशासन और पुलिस ने व्यापक तैयारियां की हैं. महाकुंभ में व्यवस्था बनाए रखने के लिए मेला क्षेत्र को नो-व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है. साथ ही श्रद्धालुओं की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने के लिए सभी सेक्टरों और जोनों में विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं.
वहीं सभी पार्किंग क्षेत्रों को सक्रिय कर दिया गया है और भक्तों के लिए बुनियादी सुविधाओं का ध्यान रखा जा रहा है. जारी एक बयान में कहा गया है कि वाहनों को पहले निकटतम पार्किंग क्षेत्रों में भेजा जाएगा. वहां पार्किंग भर जाने के बाद गाड़ियों को वैकल्पिक पार्किंग क्षेत्रों में भेजा जाएगा.
महाकुंभ तैयारी की जानकारी देते हुए अधिकारियों ने कहा कि सार्वजनिक सुविधा को प्राथमिकता देने के लिए ‘अमृत स्नान’ के दौरान कोई विशेष प्रोटोकॉल लागू नहीं होगा. वहीं प्रशासन ने व्यवस्था बनाए रखने के लिए The Integrated Control and Command Centre को भी सक्रिय कर दिया है.
दो हजार साइनेज बोर्ड लगाए गए हैं
महाकुंभ क्षेत्र में भक्तों को सही दिशा में मार्गदर्शन करने के लिए दो हजार से अधिक नए साइनेज लगाए गए हैं. साथ ही श्रद्धालुओं को मेले के आधिकारिक चैटबॉट को डाउनलोड करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, जो उनकी यात्रा को और अधिक सुविधाजनक बनाने में मदद करेगा.