Maniyari River
Maniyari River Chhattisgarh यह नदी बिलासपुर के उत्तर-पश्चिम में लोरमी पठार से निकलती है। इसका उद्गम स्थल मुखण्डा पहाड़ बेलपान के कुण्ड तथा लोरमी का पहाड़ी क्षेत्र है। यह दक्षिणी-पूर्वी भाग में बिलासपुर तथा मुंगेली तहसील की सीमा बनाती हुई प्रवाहित होती है। इसकी सहायक नदी आगर, टेसुआ और गेन्गुआ , छोटी नर्मदा तथा घोंघा हैं। मनियारी नदी शिवनाथ की सहायक नदी है जिसका संगम तालगांव के समीप स्थित है। इस नदी पर खारंग मनियारी जलाशय का निर्माण किया गया है, जिससे मुंगेली तहसील के 42.510 हेक्टेअर क्षेत्र में सिंचाई की जाती है। इस नदी की कुल लंबाई 134 किलोमीटर है। यह नदी बिलासपुर जिले के अमेरिकांपा – तालागांव के निकट शिवनाथ नदी में मिल जाती है। इसकी कुल लम्बाई लगभग 134 कि.मी. है।
तट पर स्थित नगर :
बिलासपुर, तखतपुर, लोरमी, तालागांव ।
खुडिया बांध परियोजना
खुड़िया बांध छत्तीसगढ़ में मुंगेली जिले के लोरमी विकासखण्ड में स्थित है और मुंगेली से तकरीबन 45 किलोमीटर दूर है। इसका आधिकारिक नाम संजयगांधी जलाशय है। यह एक रमणीय स्थल है जो चारो ओर से वनाच्छाादित है तथा इसके उत्तर पश्चिम दिशा में पर्वत श्रृखला है यह बांध मनियारी नदी पर अंग्रेजो के शासनकाल में तैयार की गई है। तथा यहां पर रेस्ट हाउस भी उपलब्ध है। यहां जाने के लिए हम छत्तीसगढ के राजधानी रायपुर से सीधे बस के माध्यम से जा सकते है। निकटतम रेलवे स्टेशन कोटा व बिलासपुर हैं। बाँध के दक्षिण भाग से एक नहर निकलता है, जो पुरे लोरमी क्षेत्र को सिन्चित करता है आज के दिनों में वो अपने में बहोत बडा उपलब्धि है | यह प्राकृतिक सौन्दर्य का अपार खजाना है | बांध के पूर्वी भाग में थोड़ी उचाई में रेस्ट हॉउस है, जिसमे दार्शनिक बड़े आनंद के साथ मनोरंजन करते है | उसके नीचे में खुडिया की पूरी बस्ती बसी है।
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नदी की विशेषताएँ
- स्थान: मनियारी नदी रायपुर जिले के आसपास के क्षेत्रों में बहती है और यह महानदी की सहायक नदी है। यह नदी मुख्य रूप से कृषि क्षेत्रों के लिए जल स्रोत का कार्य करती है।
- जलवायु पर प्रभाव: मनियारी नदी क्षेत्र की जलवायु को प्रभावित करती है। इसके आसपास की हरियाली और जलवायु कृषि के लिए अनुकूल होती है, जिससे यहां की फसलें अच्छी होती हैं।
- पारिस्थितिकी: नदी के किनारे विभिन्न प्रकार के पौधे और जीव-जंतु पाए जाते हैं। यह क्षेत्र जैव विविधता के लिए महत्वपूर्ण है और स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र का एक अभिन्न हिस्सा है।
सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व
Maniyari River Chhattisgarh) मनियारी नदी का स्थानीय संस्कृति में भी महत्वपूर्ण स्थान है। यह नदी स्थानीय लोगों के लिए धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र है। कई स्थानीय त्योहार और समारोह नदी के किनारे मनाए जाते हैं, जो समुदाय की एकता और संस्कृति को दर्शाते हैं।
संरक्षण की आवश्यकता
हालांकि मनियारी नदी का महत्व बहुत अधिक है, लेकिन इसके संरक्षण की आवश्यकता है। अवैध निर्माण, प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन के कारण नदी के जलस्तर में कमी आ रही है। इसलिए, स्थानीय प्रशासन और समुदाय को मिलकर इस नदी के संरक्षण के लिए कदम उठाने की आवश्यकता है।
निष्कर्ष
मनियारी नदी छत्तीसगढ़ की एक महत्वपूर्ण जलधारा है, जो न केवल कृषि और पारिस्थितिकी के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि स्थानीय संस्कृति और समाज का भी अभिन्न हिस्सा है। इसके संरक्षण के लिए सामूहिक प्रयास आवश्यक हैं ताकि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्थायी जल स्रोत बनी रहे।