joharcg.com कभी-कभी मामूली समस्याएं भी व्यक्ति के जीवन को इतना प्रभावित कर देती हैं कि उसे सामान्य जीवन जीने में कठिनाई होने लगती है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जिसमें एक शख्स पिछले 20 सालों से लगातार छींकने की बीमारी से परेशान था। यह बीमारी उसके जीवन की एक बड़ी चुनौती बन चुकी थी, जिससे वह तंग आ चुका था।
यह मामला भारत के एक छोटे शहर का है, जहां 40 साल का व्यक्ति पिछले दो दशकों से छींकने की समस्या से जूझ रहा था। उसकी हालत इतनी खराब हो गई थी कि छींक के कारण उसे काम में भी दिक्कतें आने लगीं। उसका शरीर लगभग हर समय ऐलर्जी और छींक के दौरे का शिकार हो रहा था, जिससे उसकी रोज़मर्रा की जिंदगी पर नकारात्मक असर पड़ने लगा था।
शख्स ने कई डॉक्टरों से इलाज करवाया, लेकिन किसी से भी उसे राहत नहीं मिली। जब उसकी स्थिति और बिगड़ने लगी, तो उसने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लेने का निर्णय लिया। डॉक्टर ने उसकी पूरी मेडिकल हिस्ट्री और समस्याओं को ध्यान से सुना, और उसके बाद विस्तृत जांच की। डॉक्टर ने बताया कि उसकी छींकने की समस्या एक गंभीर एलर्जी से जुड़ी थी, जो उसके शरीर की इम्यून सिस्टम की प्रतिक्रिया थी।
डॉक्टर ने उसे कुछ विशेष दवाइयां दीं और साथ ही कुछ जीवनशैली से जुड़े बदलाव करने की सलाह दी। इलाज के साथ, डॉक्टर ने उसे एक आहार और व्यायाम योजना भी दी, ताकि उसकी इम्यूनिटी मजबूत हो सके। इसके बाद, धीरे-धीरे उसकी स्थिति में सुधार आना शुरू हुआ, और 3 हफ्तों के भीतर ही वह पहले की तरह सामान्य महसूस करने लगा।
अब वह व्यक्ति खुशी-खुशी अपनी जिंदगी जी रहा है और उसकी छींकने की समस्या खत्म हो गई है। उसने अपनी कहानी शेयर करते हुए बताया कि डॉक्टर के पास जाने से पहले वह कितनी मुश्किलों का सामना कर रहा था, लेकिन सही उपचार और देखभाल से उसकी ज़िंदगी बदल गई।
इस घटना से यह सीख मिलती है कि स्वास्थ्य समस्याओं को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और समय रहते विशेषज्ञों से परामर्श लेना महत्वपूर्ण है।
उत्तरी चीन के शांक्सी प्रांत के जियान में में रहने वाले 23 वर्षीय श्याओमा नामक व्यक्ति को लगभग एक महीने से लगातार छींकने, नाक बंद होने और नाक बहने की समस्या थी. इसके लिए वह पारंपरिक चीनी चिकित्सा (टीसीएम) से खुद का इलाज करता रहता था. इन असफल प्रयासों के बाद उसने जियान के गॉक्सिन अस्पताल में चिकित्सकों को अपनी परेशानी बताई.
क्लिनिक के मेडिकल रिकॉर्ड के अनुसार अस्पताल ने उसे एलर्जिक राइनाइटिस से पीड़ित पाया. इसके बाद जब नाक की एंडोस्कोपी की गई तो जांच में उसकी नाक के अंदर कोई चीज फंसी हुई मिली. यह एक सफेद गांठ जैसी दिखाई दे रही थी.
नाक के अंदर फंसा था दो सेंटीमीटर का डाइस
डॉक्टर ने काफी मुश्किल से उस चीज को नाक के अंदर से बाहर निकाला. निकालने पर पता चला कि यह दो सेंटीमीटर का पासा था, जो लंबे समय तक नाक के अंदर फंसा हुआ था. लंबे समय तक नाक के अंदर रहने के कारण आंशिक रूप से थोड़ा-थोड़ा गल गया था. यह नाक के निचले मार्ग में स्थित था, जिससे नाक की श्लेष्मा झिल्ली को नुकसान पहुंचा था.
3 साल की उम्र में ही गलती से चला गया था नाक के अंदर
श्याओमा ने याद किया कि जब वह लगभग तीन या चार साल का था. तब यह पासा गलती से उसकी नाक में चला गया होगा. हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि पासा नाक में कैसे पहुंचा. स्थिति विशेष रूप से खतरनाक थी क्योंकि पासा कई वर्षों से नाक के अंदर रहते-रहते आस-पास के ऊतकों से चिपक गया था. सर्जरी के दौरान अनुचित हैंडलिंग से यह उसके वायुमार्ग में गिर सकता था, जिससे संभावित रूप से दम घुटने की स्थिति पैदा हो सकती थी.
सफलतापूर्वक नाक के अंदर से निकाल लिया गया पासा
सौभाग्य से सर्जरी के माध्यम से पासा सफलतापूर्वक निकाल दिया गया, जिससे श्याओमा की नाक में दशकों से मौजूद उसका संक्रमण समाप्त हो गया. यह स्पष्ट नहीं है कि श्याओमा को 20 से अधिक वर्षों तक पासे के साथ रहने से कोई दीर्घकालिक स्वास्थ्य परिणाम या दुष्प्रभाव हुआ है या नहीं.
युवक ने ऑनलाइन शेयर किया अनुभव
श्याओमा ने अपने अनुभव को ऑनलाइन शेयर किया. इस पर एक यूजर ने पूछा कि वह केवल 23 साल का है, और पासा 20 साल से उसकी नाक में फंसा हुआ है? तीन साल की उम्र में उसकी नाक कितनी बड़ी थी? वहीं दूसरे यूजर ने कहा कि यह माता-पिता के लिए एक चेतावनी है. बच्चे के नाक के अंदर पासा फंस जाना मजाक नहीं है. (aajtak.in)
Brijmohan Agrawal Archives – JoharCG