joharcg.com अंबिकापुर। महिला एवं बाल विकास मंत्री ने सरगुजा संभाग के दो दिवसीय प्रवास के दौरान विभागीय योजनाओं की समीक्षा की और ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में संचालित कार्यक्रमों का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने हितग्राहियों से सीधा संवाद किया और उनकी समस्याओं एवं सुझावों को सुना। मंत्री ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता महिलाओं, बच्चों और पोषण आंगनबाड़ी केंद्रों को सशक्त बनाना है, ताकि आने वाली पीढ़ी का भविष्य मजबूत हो सके।

अपने प्रवास के दौरान मंत्री ने अंबिकापुर समेत संभाग के विभिन्न ब्लॉकों में बैठकें कीं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि पोषण आहार वितरण, आंगनबाड़ी केंद्रों की नियमित गतिविधियाँ और मातृ-शिशु स्वास्थ्य सेवाएं किसी भी स्थिति में प्रभावित न हों। मंत्री ने जोर देकर कहा कि योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता और जिम्मेदारी सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।

उन्होंने महिला स्व-सहायता समूहों से भी भेंट की और उनके कार्यों की सराहना की। मंत्री ने कहा कि स्व-सहायता समूह ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ साबित हो रहे हैं और इनके माध्यम से न केवल महिलाओं को रोजगार मिल रहा है, बल्कि आत्मनिर्भरता की दिशा में भी ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।

मंत्री ने आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण करते हुए बच्चों से संवाद किया और पौष्टिक भोजन, शिक्षा एवं स्वास्थ्य से जुड़ी व्यवस्थाओं की जानकारी ली। उन्होंने आश्वासन दिया कि किसी भी केंद्र में संसाधनों की कमी नहीं रहने दी जाएगी। साथ ही, पोषण ट्रैकिंग सिस्टम को और सुदृढ़ बनाने पर बल दिया।

प्रवास के दौरान मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य सरकार महिला सशक्तिकरण और बाल कल्याण को लेकर पूरी तरह गंभीर है। उन्होंने कहा कि योजनाओं की सफलता तभी संभव है जब अधिकारी, जनप्रतिनिधि और स्थानीय समुदाय मिलकर काम करें।

सरगुजा संभाग के लोगों ने मंत्री के इस प्रवास का स्वागत किया और अपनी समस्याएँ सीधे तौर पर उनके सामने रखीं। ग्रामीणों ने बताया कि आंगनबाड़ी भवनों की मरम्मत और स्वास्थ्य सेवाओं की नियमित उपलब्धता पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। मंत्री ने इन मुद्दों पर शीघ्र कार्रवाई का भरोसा दिलाया।