joharcg.com राज्यपाल श्री विश्वभूषण हरिचंदन से आज राजभवन में सेवक कबीर पंथ दामाखेड़ा के महंत श्री लीलाधर दास ने सौजन्य मुलाकात की। उन्होंने राज्यपाल को कबीर जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम हेतु आमंत्रण दिया तथा कबीर पंथ से संबंधित पुस्तक अनुराग सागर व संत कबीर की छायाचित्र भेेंट की।
राज्यपाल श्री हरिचंदन से हाल ही में सेवक कबीर पंथ दामाखेड़ा के प्रमुख महंत ने सौजन्य भेंट की। यह भेट एक विशेष धार्मिक और सामाजिक अवसर के रूप में देखा गया, जिसमें महंत ने राज्यपाल को अपने संगठन की गतिविधियों और उपलब्धियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
महंत के आगमन पर राज्यपाल श्री हरिचंदन ने गर्मजोशी से उनका स्वागत किया और उन्हें सम्मानित किया। इस अवसर पर, महंत ने कबीर पंथ दामाखेड़ा के धार्मिक उद्देश्यों, सामाजिक सेवाओं और समुदाय के लिए किए गए कार्यों के बारे में बताया। उन्होंने कबीर पंथ के सिद्धांतों और उनके प्रचार के महत्व पर भी प्रकाश डाला, जो समाज में शांति, एकता और सद्भावना को बढ़ावा देते हैं।
महंत ने कहा, “हमारा उद्देश्य केवल धार्मिक प्रवृत्तियों को प्रोत्साहित करना नहीं है, बल्कि समाज में एक सकारात्मक बदलाव लाना भी है। कबीर पंथ की शिक्षाएं हमें एकता, समानता और मानवता का सिखाती हैं। हम राज्यपाल को हमारे कार्यों की जानकारी देने और उनके समर्थन की अपील करने आए हैं।”
राज्यपाल श्री हरिचंदन ने महंत की बातें ध्यानपूर्वक सुनीं और कबीर पंथ के कार्यों की सराहना की। उन्होंने महंत को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार समाज में धार्मिक और सामाजिक सद्भावना को बढ़ावा देने के लिए हमेशा तत्पर है। राज्यपाल ने यह भी कहा कि कबीर पंथ द्वारा की जा रही सामाजिक सेवाएं और धार्मिक गतिविधियां समाज के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं और इन्हें समर्थन देने की आवश्यकता है।
इस भेट के दौरान, राज्यपाल ने महंत से भविष्य में सहयोग और समर्थन के अवसरों पर चर्चा की और कहा कि धार्मिक संगठनों का समाज में सकारात्मक प्रभाव होता है। उन्होंने महंत की प्रासंगिकता और उनके योगदान को मान्यता दी और उन्हें राज्य सरकार की तरफ से पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।
महंत ने अंत में राज्यपाल का धन्यवाद किया और कहा कि इस तरह की मुलाकातें धार्मिक और सामाजिक संगठनों के लिए उत्साहवर्धक होती हैं। यह भेंट न केवल एक सौजन्य मुलाकात थी, बल्कि धार्मिक और सामाजिक मुद्दों पर एक महत्वपूर्ण संवाद भी स्थापित करने का अवसर था।