लोहारीडीह घटना

joharcg.com छत्तीसगढ़ के लोहारीडीह में घटित एक गंभीर घटना के बाद राज्य में राजनीतिक और प्रशासनिक हलचल तेज हो गई है। मुख्यमंत्री ने त्वरित कार्रवाई करते हुए कबीरधाम जिले के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक (एसपी) को तत्काल प्रभाव से हटाने का आदेश दिया है। इसके साथ ही, रेंगाखार थाने के प्रभारी सहित पूरे स्टाफ को भी बदलने का निर्देश जारी किया गया है। घटना की गंभीरता को देखते हुए मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए गए हैं, जिससे पूरी स्थिति की निष्पक्ष जांच हो सके।

यह घटना कबीरधाम जिले के लोहारीडीह क्षेत्र में हुई, जिसने पूरे राज्य में हड़कंप मचा दिया। हालात इतने बिगड़ गए कि लोगों की सुरक्षा और प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो गए। घटना के बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन इसे लेकर स्थानीय स्तर पर आक्रोश बढ़ता जा रहा था, जिससे स्थिति को नियंत्रण में लाना आवश्यक हो गया था।

मुख्यमंत्री ने घटना को गंभीरता से लेते हुए कबीरधाम कलेक्टर और एसपी को तत्काल प्रभाव से पद से हटा दिया है। मुख्यमंत्री का यह कदम प्रशासनिक लापरवाही के प्रति उनकी “ज़ीरो टॉलरेंस” नीति का प्रतीक है। उन्होंने इस घटना की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच के लिए मजिस्ट्रियल जांच के आदेश भी दिए हैं, ताकि सच सामने आ सके और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई हो सके।

रेंगाखार थाने के प्रभारी और पूरे स्टाफ को भी घटना के बाद बदल दिया गया है। यह बदलाव इस बात की ओर इशारा करता है कि पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए जा रहे थे। लोगों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए मुख्यमंत्री ने यह सुनिश्चित किया कि पुलिस विभाग में भी सही तरीके से काम किया जाए और कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाए।

मुख्यमंत्री ने इस घटना की गहन जांच के लिए मजिस्ट्रियल जांच के निर्देश दिए हैं। मजिस्ट्रियल जांच का उद्देश्य यह है कि निष्पक्ष रूप से तथ्यों का पता लगाया जाए और किसी भी प्रकार की लापरवाही या अपराध की सही जानकारी जनता के सामने लाई जा सके। जांच से उम्मीद की जा रही है कि सभी दोषियों की पहचान की जाएगी और उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाएगा।

लोहारीडीह घटना पर मुख्यमंत्री की त्वरित कार्रवाई यह दर्शाती है कि राज्य सरकार किसी भी प्रकार की लापरवाही या असंवेदनशीलता को सहन नहीं करेगी। कलेक्टर और एसपी का स्थानांतरण और थाना प्रभारी समेत पूरे स्टाफ का बदलना एक स्पष्ट संकेत है कि प्रशासनिक सुधारों को तत्काल प्राथमिकता दी जा रही है। इस घटना ने छत्तीसगढ़ में प्रशासनिक जवाबदेही और पुलिस कार्यशैली पर महत्वपूर्ण सवाल खड़े किए हैं। अब सबकी नजरें मजिस्ट्रियल जांच पर हैं, जिससे पूरी सच्चाई सामने आ सकेगी और न्याय सुनिश्चित हो सकेगा।

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कवर्धा जिले में ग्राम लोहारीडीह में 15 सितंबर को शिवप्रसाद साहू की मृत्यु के उपरांत घटित आगजनी में रघुनाथ साहू की मृत्यु की दुर्भाग्यजनक घटना के मजिस्ट्रियल जांच के निर्देश दिए है। मुख्यमंत्री ने इस घटना के परिप्रेक्ष्य में पुलिसकर्मियों द्वारा ग्रामीणों से मारपीट किए जाने की घटना के चलते रेंगाखार थाने के निरीक्षक, सहायक उप निरीक्षक सहित वहां पदस्थ कुल 23 पुलिसकर्मियों को भी हटा दिया है।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर कबीरधाम जिले के कलेक्टर और एसपी को हटा दिया गया है।

कबीरधाम के कलेक्टर जन्मेजय महोबे के स्थान पर गोपाल वर्मा को कबीरधाम जिले का कलेक्टर नियुक्त किया गया है। कबीरधाम जिले के पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव को हटाकर उनके स्थान पर राजेश कुमार अग्रवाल को पुलिस अधीक्षक पदस्थ किया गया है। यहां यह उल्लेखनीय है कि कबीरधाम जिले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के रूप में पदस्थ आईपीएस श्री विकास कुमार को पहले ही निलंबित किया जा चुका है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा दिए गए मजिस्ट्रियल जांच के निर्देश के परिपालन में कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी कबीरधाम द्वारा अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी निर्भय कुमार साहू को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है तथा उन्हें 30 दिवस के भीतर निर्धारित बिन्दुओं पर जांच कर रिपोर्ट देने को कहा गया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव ने कहा कि भविष्य में इस तरह की किसी भी प्रकार की घटना में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी तथा संबंधितों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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