joharcg.com छत्तीसगढ़ के उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय सांकरा में हाल ही में ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान का आयोजन किया गया, जिसमें विश्वविद्यालय के छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। यह अभियान न केवल स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए था, बल्कि यह एक ऐसा अवसर भी था जब सभी ने मिलकर अपने परिसर को स्वच्छ और सुन्दर बनाने का संकल्प लिया।

अभियान का उद्घाटन विश्वविद्यालय के कुलपति द्वारा किया गया। उन्होंने इस अवसर पर कहा, “स्वच्छता केवल एक शारीरिक आवश्यकता नहीं है, बल्कि यह हमारे समाज की मानसिकता और संस्कृति का भी प्रतीक है। हमें अपने आस-पास के वातावरण को स्वच्छ रखना चाहिए ताकि हम एक स्वस्थ और खुशहाल जीवन जी सकें।”

अभियान के दौरान, छात्रों ने विश्वविद्यालय के परिसर के विभिन्न क्षेत्रों में सफाई कार्य किया। उन्होंने कूड़े-कचरे को इकट्ठा किया, गंदगी को साफ किया और पेड़-पौधों की देखभाल की। इस अवसर पर कुछ छात्रों ने पेड़ लगाने का भी निर्णय लिया, जिससे न केवल वातावरण को स्वच्छ बनाया जा सके, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए हरित क्षेत्र भी तैयार किया जा सके।

इस अभियान में भाग लेने वाले छात्रों का उत्साह देखने लायक था। एक छात्रा ने कहा, “यह अभियान हमें यह सिखाता है कि हम अपने समाज और पर्यावरण के प्रति कितने जिम्मेदार हैं। स्वच्छता का मतलब सिर्फ सफाई करना नहीं है, बल्कि यह हमारे स्वास्थ्य और कल्याण का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।”

अभियान के दौरान कई कार्यशालाएँ और संवाद सत्र भी आयोजित किए गए, जहां विशेषज्ञों ने स्वच्छता के महत्व और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता पर चर्चा की। छात्रों को बताया गया कि स्वच्छता सिर्फ व्यक्तिगत स्तर पर नहीं, बल्कि सामुदायिक स्तर पर भी आवश्यक है।

इस कार्यक्रम में स्थानीय समुदाय के सदस्यों को भी आमंत्रित किया गया था। उन्होंने विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ मिलकर सफाई कार्य में भाग लिया। इससे न केवल छात्रों को प्रेरणा मिली, बल्कि समुदाय के लोगों में भी स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ी।

इस अभियान का समापन एक सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ हुआ, जिसमें छात्रों ने स्वच्छता पर आधारित नाटक और गीत प्रस्तुत किए। कुलपति ने सभी प्रतिभागियों को सराहा और कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से हम सब मिलकर अपने समाज को एक बेहतर स्थान बना सकते हैं।

अभियान की सफलता ने यह साबित कर दिया कि जब सभी एकजुट होते हैं, तो समाज में बदलाव लाना संभव होता है। विश्वविद्यालय के प्रबंधन ने भविष्य में इस प्रकार के और अभियानों की योजना बनाने का आश्वासन दिया, ताकि स्वच्छता को एक आदत के रूप में विकसित किया जा सके।

इस प्रकार, उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय सांकरा में आयोजित स्वच्छता ही सेवा अभियान ने सभी के दिलों में स्वच्छता की महत्ता को स्थापित किया और यह संदेश दिया कि हर एक व्यक्ति को स्वच्छता के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए। यह न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है, बल्कि समाज के समग्र विकास के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।

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