joharcg.com कोलावल के एक बालिका आश्रम से एक दर्दनाक खबर सामने आई है। यहाँ अचानक 10 बच्चों की तबीयत खराब हो गई, जिसमें से एक बच्ची की मौत हो गई है। इस घटना ने आश्रम के अधिकारियों और बच्चों के परिजनों को गहरे सदमे में डाल दिया है।
घटना कोलावल स्थित एक सरकारी बालिका आश्रम की है। यहाँ 10 बच्चियों की अचानक तबीयत बिगड़ गई। बच्चों को अचानक उल्टी, दस्त, और पेट दर्द की शिकायतें होने लगीं। आश्रम के कर्मचारियों ने तुरंत चिकित्सा सहायता के लिए बच्चों को अस्पताल पहुंचाया, लेकिन दुर्भाग्यवश, एक बच्ची की हालत इतनी गंभीर हो गई कि उसकी जान नहीं बचाई जा सकी। बाकी बच्चों का अभी अस्पताल में इलाज चल रहा है, और डॉक्टरों की टीम उनकी हालत पर नजर बनाए हुए है।
फिलहाल, बच्ची की मौत के पीछे का सटीक कारण स्पष्ट नहीं हो सका है। हालांकि, प्राथमिक जांच में भोजन विषाक्तता (फूड पॉइज़निंग) को संभावित कारण माना जा रहा है। आश्रम में दी जाने वाली खाने की गुणवत्ता की भी जांच की जा रही है। अन्य 9 बच्चों की स्थिति अभी स्थिर है, लेकिन उन्हें लगातार चिकित्सा निगरानी में रखा गया है।
इस घटना के बाद, आश्रम प्रशासन और सरकारी अधिकारी तुरंत सक्रिय हो गए हैं। आश्रम के भोजन और साफ-सफाई की स्थिति की जांच की जा रही है। इस मामले की विस्तृत जांच के आदेश दिए गए हैं, और दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
घटना के बाद, स्थानीय प्रशासन ने आश्रम का दौरा किया और वहां की स्थिति का जायजा लिया। जिला प्रशासन ने आश्रम में रहने वाले सभी बच्चों के स्वास्थ्य की जांच के आदेश भी दिए हैं। साथ ही, प्रशासन यह सुनिश्चित कर रहा है कि भविष्य में इस प्रकार की कोई घटना न हो और बच्चों की सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाए जाएं।
इस घटना ने बच्चों के परिजनों को गहरे दुख में डाल दिया है। वे अपने बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं और आश्रम प्रशासन पर सवाल उठा रहे हैं। मृत बच्ची के परिजन इस सदमे को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। उनका कहना है कि अगर आश्रम में उचित देखरेख और साफ-सफाई का ध्यान रखा जाता, तो शायद उनकी बच्ची की जान बचाई जा सकती थी।
कोलावल बालिका आश्रम की इस दर्दनाक घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। बच्चों की सुरक्षा और स्वास्थ्य की अनदेखी के परिणाम कितने गंभीर हो सकते हैं, यह घटना इसका जीता-जागता उदाहरण है। इस मामले की पूरी जांच होने के बाद ही असली कारण सामने आ पाएंगे, लेकिन इस घटना ने यह ज़रूर बता दिया है कि बालिका आश्रमों में बच्चों की देखरेख को लेकर अधिक सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। Shyam Bihari Jaiswal Archives – JoharCG