Sonai Rupai Talab Kanker
Sonai Rupai Talab Kanker
जानिए क्या है इस तालाब की कहानी
गढ़िया पहाड़ पर करीब 700 साल पहले धर्मदेव कंड्रा नाम के एक राजा का किला हुआ करता था। राजा ने ही यहां पर तालाब का निर्माण करवाया था। धर्मदेव की सोनई और रुपई नाम की दो बेटियां थीं। वो दोनों इसी तालाब के आसपास खेला करती थीं, एक दिन दोनों तालाब में डूब गईं। तब से यह माना जाता है सोनई-रुपई की आत्माएं इस तालाब की रक्षा करती हैं इसलिए इसका पानी कभी नहीं सूखता। पानी का सोने-चांदी की तरह चमकना सोनई-रुपई के यहां मौजूद होने की निशानी के रूप में देखा जाता है। Kanker
महाशिवरात्री पर लगता है मेला
पहाड़ पर एक शिव मंदिर है जो किला बनने से पहले से यहां मौजूद है। कहा जाता है कि यह एक हजार साल पुराना है, इस मंदिर में शिवलिंग के अलावा सूर्य और अन्य देवताओं की प्राचीन प्रतिमाएं हैं। 1955 से हर साल इस पहाड़ पर महाशिवरात्री का मेला लगता है।
– ग्राउंड लेवल से 660 फीट की ऊंचाई पर है पहाड़ की चोटी।
– 1955 से हर साल यहां महाशिवरात्रि पर मेला लगता है।
– 1972 में पहली बार गढ़िया पहाड़ पर पहुंची बिजली।
– 1994 में पहाड़ तक पहुंचने के लिए कंक्रीट की सीढ़ियों का निर्माण हुआ।