Shiv Temple, Kanker

joharcg.com शिव मंदिर(Shiv Temple) : सोनई रूपई तालाब के एक छोर में प्राचीन शिव मंदिर हैं। उस मंदिर में ऐतिहासिक महत्व की प्राचीनतम मूर्तिया रखी हुई हैं। शिवरात्रि के अवसर पर नगर पालिका परिषद कांकेर के प्रथम अध्यक्ष पं. विष्णु प्रसाद शर्मा जी ने मेले का आयोजन सन् 1952 से प्रारंभ करवाया था। तब से लेकर आज तक प्रत्येक शिवरात्रि के अवसर पर पहाड़ी के ऊपर विशाल मेला लगता आ रहा हैं।

पहाड़ पर स्थित शिव मंदिर किला बनने से भी पहले से यहां मौजूद है। इसका इतिहास कम से कम हजार साल पुराना माना जाता है। मंदिर में सूर्य समेत अन्य देवों की भी प्राचीन प्रतिमाएं हैं। 1955 से हर साल महाशिवरात्री पर पहाड़ पर मेला लगता आ रहा है।

शिव मंदिर, कांकेर, छत्तीसगढ़ का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है, जो भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर अपनी ऐतिहासिकता, वास्तुकला और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है।

मंदिर का इतिहास

कांकेर का शिव मंदिर प्राचीन काल से श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल रहा है। यह मंदिर स्थानीय लोगों की आस्था का केंद्र है और यहाँ भक्त अपनी मनोकामनाएँ लेकर आते हैं। कांकेर क्षेत्र में शिव पूजा की परंपरा सदियों से चली आ रही है, और यह मंदिर उस परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

वास्तुकला

शिव मंदिर की वास्तुकला अद्वितीय है, जिसमें जटिल नक्काशी और भव्य संरचनाएँ शामिल हैं। मंदिर का मुख्य गर्भगृह शिवलिंग से भरा हुआ है, जो भक्तों को आकर्षित करता है। यहाँ की दीवारों पर की गई नक्काशी और चित्रण इस मंदिर की कला को और भी खास बनाते हैं। मंदिर परिसर में शांति और आध्यात्मिकता का वातावरण है, जो यहाँ आने वाले भक्तों को एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करता है।

धार्मिक महत्व

शिव मंदिर, कांकेर में विशेष रूप से महाशिवरात्रि जैसे त्योहारों के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। इस दिन, भक्त भगवान शिव की विशेष पूजा करते हैं और मंदिर परिसर में भव्य आयोजन होता है। यहाँ की धार्मिक गतिविधियाँ और उत्सव इस स्थान को और भी खास बनाते हैं।

पहुँच और सुविधाएँ

यह मंदिर कांकेर शहर के केंद्र में स्थित है, जिससे इसे आसानी से पहुँचा जा सकता है। यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं के लिए विभिन्न सुविधाएँ उपलब्ध हैं, जैसे कि पार्किंग, जलपान आदि।

निष्कर्ष

शिव मंदिर, कांकेर, छत्तीसगढ़ का एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है, जहाँ श्रद्धालु अपनी आस्था के साथ आते हैं। यहाँ की शांति और आध्यात्मिकता भक्तों को आकर्षित करती है, और यह स्थान हर वर्ष हजारों श्रद्धालुओं का स्वागत करता है। भगवान शिव की कृपा से यह मंदिर एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल बना हुआ है, जो लोगों को अपने धार्मिक और सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ता है।