कैलाश

joharcg.com नई दिल्ली: पूर्व आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता कैलाश गहलोत ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल होने का ऐलान किया। यह राजनीतिक बदलाव दिल्ली की राजनीति में एक नया मोड़ लेकर आया है। गहलोत के भाजपा में शामिल होने से दिल्ली में राजनीतिक गतिविधियों में हलचल मच गई है, क्योंकि वह AAP में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर चुके थे।

कैलाश गहलोत, जो AAP के संस्थापक सदस्य थे, ने पार्टी में अपने समय के दौरान कई महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई थीं। उन्होंने दिल्ली सरकार में मंत्री पद भी संभाला था और उनके कार्यकाल के दौरान कई विकासात्मक परियोजनाओं पर ध्यान दिया गया था। हालांकि, हाल के दिनों में गहलोत और AAP के बीच मतभेद सामने आए थे, जिसके कारण उन्होंने पार्टी छोड़ने का फैसला किया।

भा.ज.पा. में शामिल होते हुए कैलाश गहलोत ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश की सेवा करने के लिए भाजपा में शामिल हो रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली में भाजपा की मजबूत उपस्थिति और विकास के लिए काम करने की उनकी इच्छा इस निर्णय का प्रमुख कारण बनी है।

भा.ज.पा. के नेताओं ने गहलोत का पार्टी में स्वागत करते हुए कहा कि उनका अनुभव और नेतृत्व पार्टी को मजबूती देगा। भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि कैलाश गहलोत को पार्टी में शामिल होने से दिल्ली में पार्टी को और बल मिलेगा और उनकी नीति और नेतृत्व से दिल्ली के विकास में योगदान मिलेगा।

कैलाश गहलोत की भाजपा में एंट्री ने दिल्ली की राजनीति में नया तूल पकड़ा है। उनके इस कदम को लेकर अब कई राजनीतिक समीक्षकों की राय यह है कि यह AAP के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है, जबकि भाजपा इसे अपनी चुनावी रणनीति में एक मजबूत हथियार के रूप में देख रही है।

दिल्ली विधानसभा चुनावों में गहलोत का अनुभव और राजनीति में उनकी पकड़ भाजपा के लिए अहम हो सकती है, खासकर दिल्ली की जटिल राजनीतिक संरचना में। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि गहलोत के भाजपा में शामिल होने के बाद AAP और भाजपा के बीच प्रतिस्पर्धा किस रूप में नजर आती है।

नई दिल्ली 18 नवंबर 2024। दिल्ली के पूर्व मंत्री और आप नेता कैलाश गहलोत केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर और अन्य भाजपा नेताओं की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हुए। रविवार को कैलाश गहलोत ने आम आदमी पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। कैलाश गहलोत ने केजरीवाल द्वारा उपयोग में लिए गए मुख्यमंत्री आवास को ‘शीशमहल’ कहा है।

गहलोत ने दिल्ली सरकार के कामकाज पर भी प्रश्न उठाए हैं। उन्होंने संदेह जताया कि दिल्ली सरकार के इस रवैए से दिल्ली का विकास नहीं हो सकेगा। वहीं अरविंद केजरीवाल ने कैलाश गहलोत द्वारा उन पर किए गए जुबानी हमले और इस्तीफे पर कोई सीधी टिप्पणी नहीं की।

हालांकि अरविंद केजरीवाल ने कैलाश गहलोत के बारे में पूछे जाने पर कहा, दिल्ली में दो सरकारें हैं, एक केंद्र सरकार और एक दिल्ली की राज्य सरकार। दोनों सरकारों के पास दिल्ली के संबंध में शक्तियां भी है और संसाधन भी है। केंद्र सरकार के पास तो बहुत पैसा है। दिल्ली सरकार छोटी सी सरकार है, आधी या फिर यूं कहें चौथाई सरकार है। दिल्ली सरकार ने पूर्वांचल समाज के लिए इतना काम किया है।

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