Pathartal Talab

joharcg.com (Pathartal Talab) जांजगीर-चांपा जिले के नरियरा का पथरताल तालाब 40 एकड़ में है। जिसके मध्य में शीतला माता का मंदिर बन रहा है।
बिलासपुर शहर से 40 किमी दूर नरियरा के पथरताल नामक तालाब के बीच आकर्षक मंदिर राहगीरों को सुनहरे रंग का भवन व गुंबद दूर से ही दिखाई देता है। यहां शीतला माता की प्राण-प्रतिष्ठा की जानी है।

पथरताल तालाब: जांजगीर-चांपा की प्राकृतिक और आध्यात्मिक विरासत

(Pathartal Talab) पथरताल तालाब, जांजगीर-चांपा जिले के नरियरा गांव में स्थित एक सुंदर जलाशय है, जो न केवल प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यहां के आध्यात्मिक महत्व के कारण भी लोकप्रिय है। यह तालाब लगभग 40 एकड़ में फैला हुआ है, जिसके मध्य में एक आकर्षक शीतला माता मंदिर का निर्माण किया जा रहा है।[1]

प्राकृतिक सौंदर्य और तीर्थयात्रा

(Pathartal Talab) पथरताल तालाब का सबसे प्रमुख आकर्षण इसका प्राकृतिक सौंदर्य है। तालाब के चारों ओर फैली हरियाली और शांत जल इसे एक सुंदर दृश्य प्रदान करते हैं। यहां आने वाले पर्यटक और तीर्थयात्री इस शांत वातावरण का आनंद लेते हैं और अपने मन को शांति प्रदान करते हैं।[2]

तालाब के मध्य में बन रहे शीतला माता मंदिर का भी अपना एक खास महत्व है। यह मंदिर दूर से ही अपने सुनहरे रंग के भवन और गुंबद के कारण नजर आता है। यहां आने वाले श्रद्धालु शीतला माता की प्राण-प्रतिष्ठा के लिए आते हैं और अपने मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करते हैं।[1]

पर्यटन की सुविधाएं और पहुंच

पथरताल तालाब बिलासपुर शहर से लगभग 40 किमी दूर स्थित है, जिससे यहां पहुंचना आसान है। यहां आने के लिए स्थानीय परिवहन सुविधाएं उपलब्ध हैं और आप अपनी गाड़ी से भी आ सकते हैं।[1]

यहां पर्यटकों के लिए कई सुविधाएं भी उपलब्ध हैं, जैसे कि होटल, रेस्तरां और आवास। स्थानीय लोग भी आने वाले पर्यटकों का स्वागत करते हैं और उन्हें यहां की संस्कृति और परंपराओं से परिचित कराते हैं।[2]

निष्कर्ष

पथरताल तालाब न केवल एक प्राकृतिक सौंदर्य है, बल्कि यह एक आध्यात्मिक केंद्र भी है। यहां आने वाले पर्यटक और तीर्थयात्री न केवल इसके सौंदर्य का आनंद लेते हैं, बल्कि यहां की शांति और आध्यात्मिक वातावरण से भी लाभान्वित होते हैं। यदि आप प्राकृतिक सौंदर्य और आध्यात्मिक अनुभव की तलाश में हैं, तो पथरताल तालाब आपके लिए एक आदर्श गंतव्य है।

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