Maa Samleshwari devi villege

Maa Samleshwari devi villege समलेश्‍वरी मंदिर लगभग 16 वीं सदी में बनवाया गया एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण मंदिर है। यह श्री श्री समलेश्‍वरी देवी को समर्पित एक हिंदू मंदिर है। यहां देवी की पूजा की जाती है और उनके अनुयायी उन्‍हें प्‍यार से “मां” कहते हैं। संबलपुर में ही नहीं बल्कि ओडिशा और छत्तीसगढ़ में भी उत्साह के साथ देवी की पूजा की जाती है। मां समलेश्‍वरी की मूर्ति उलटे रखे हुए ग्रेनाइट के पत्‍थर की बनी हुई है, जिनकी एक सूढ़ निकली हुई है, जो नीचे तक जाती है। पत्थर की यह मूर्ति मानव हाथों द्वारा निर्मित नहीं है और माना जाता है कि यह मूर्ति वैसी ही अवस्‍था में पायी गई थी, जैसी है। सोने के गहनों से देवी चेहरे और शरीर को सजाया गया है। नवरात्रि और नौखई के त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाये जाते हैं। त्‍योहार का समय मंदिर की यात्रा करने के लिए सबसे अच्‍छा समय है, जब पूरा क्षेत्र चमक उठता है। नौखई महोत्सव के दौरान स्थानीय मार्शल आर्ट विशेषज्ञ श्रद्धालुओं एवं लोगों के समक्ष अपने कौशल का प्रदर्शन करते हैं

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माँ सामलेस्वरी देवी गांव छत्तीसगढ़ के कोंडागाँव जिले में स्थित एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह गांव देवी सामलेस्वरी की पूजा के लिए प्रसिद्ध है, जो स्थानीय आदिवासी समुदायों के बीच बहुत ही आदरणीय और महत्वपूर्ण हैं। देवी सामलेस्वरी को शक्ति की देवी माना जाता है और उनकी पूजा यहाँ अत्यंत श्रद्धा और भक्ति के साथ की जाती है।

देवी सामलेस्वरी का महत्व

माँ सामलेस्वरी देवी को शक्ति और सुरक्षा की देवी के रूप में पूजा जाता है। लोक मान्यता के अनुसार, देवी सामलेस्वरी का आशीर्वाद प्राप्त करने से भक्तों को समस्याओं और संकटों से मुक्ति मिलती है। यह माना जाता है कि देवी सामलेस्वरी अपने भक्तों को शक्ति, समृद्धि और शांति प्रदान करती हैं। उनके दर्शनों के लिए लोग दूर-दराज से यहाँ आते हैं और अपनी मनोकामनाएँ पूरी करने के लिए प्रार्थना करते हैं।

मंदिर और वास्तुकला

माँ सामलेस्वरी देवी का मंदिर पारंपरिक भारतीय शैली में निर्मित है। मंदिर का गर्भगृह देवी की प्रमुख प्रतिमा से सज्जित है, जो भक्तों को आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करती है। मंदिर की संरचना में स्थानीय शिल्पकला का अद्भुत नमूना देखने को मिलता है, जिसमें भव्य नक्काशी और धार्मिक चित्रण शामिल हैं। मंदिर परिसर में एक शांत और भक्तिपूर्ण वातावरण होता है, जो भक्तों को ध्यान और पूजा के लिए प्रेरित करता है।

धार्मिक गतिविधियाँ

माँ सामलेस्वरी देवी के मंदिर में नियमित पूजा-अर्चना की जाती है और विशेष अवसरों पर बड़े पैमाने पर धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं। नवरात्रि, दुर्गा पूजा और अन्य महत्वपूर्ण त्योहारों के दौरान यहाँ विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इन अवसरों पर मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ती है और विभिन्न धार्मिक गतिविधियाँ होती हैं।

यात्रा और पहुँच

माँ सामलेस्वरी देवी गांव कोंडागाँव जिले के मुख्य शहर से लगभग 40-50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहाँ तक पहुँचने के लिए सड़क मार्ग उपलब्ध हैं, और कोंडागाँव से नियमित बस सेवाएँ और निजी वाहन इस स्थल तक पहुँचने के लिए उपयुक्त हैं। गाँव में पर्यटकों और भक्तों के लिए स्थानीय गाइड और आवास की सुविधाएँ भी उपलब्ध हैं, जिससे यात्रा को सहज और आरामदायक बनाया जा सकता है।

निष्कर्ष

माँ सामलेस्वरी देवी गांव छत्तीसगढ़ के एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल के रूप में जाना जाता है। यहाँ की धार्मिक गतिविधियाँ, सुंदर वास्तुकला, और शांतिपूर्ण वातावरण भक्तों को आध्यात्मिक शांति और सांस्कृतिक समृद्धि का अनुभव प्रदान करते हैं। यह गांव देवी सामलेस्वरी की भक्ति और पूजा के लिए एक प्रमुख स्थल है और छत्तीसगढ़ की धार्मिक धरोहर को जीवित रखता है।