joharcg.com पुलिस ने हाल ही में एक बड़े अंतरराज्यीय गांजा तस्करी रैकेट का भांडाफोड़ किया है, जिसमें 8 तस्करों को गिरफ्तार किया गया है। यह कार्रवाई एक लंबे समय से चल रही जांच का परिणाम है, जिसमें पुलिस ने गुप्त सूचनाओं के आधार पर यह सफलता हासिल की है।
इस रैकेट की जड़ें कई राज्यों में फैली हुई थीं, और यह अनुमान लगाया जा रहा है कि यह गिरोह बड़े पैमाने पर गांजे की तस्करी कर रहा था। पुलिस के मुताबिक, यह गिरोह उड़ीसा और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों से गांजा लाकर उसे विभिन्न राज्यों में सप्लाई करता था। तस्करी के इस काम में हाई-टेक साधनों का इस्तेमाल किया जा रहा था, जिससे पुलिस को इस नेटवर्क को पकड़ने में काफी मुश्किलें आईं।
तस्करों के इस गिरोह के सदस्य अपने काम को अंजाम देने के लिए विभिन्न कोड वर्ड्स का इस्तेमाल करते थे और अक्सर वाहनों की अदला-बदली कर पुलिस को चकमा देने की कोशिश करते थे। लेकिन पुलिस ने उनकी चालों को मात देते हुए उन्हें पकड़ने में कामयाबी हासिल की।
गिरफ्तार तस्करों में से एक पर पहले से ही कई आपराधिक मामले दर्ज हैं और वह लंबे समय से फरार चल रहा था। पुलिस ने बताया कि इस रैकेट के सरगना को पकड़ने के लिए विशेष टीमों का गठन किया गया था। इन टीमों ने विभिन्न राज्यों में छापेमारी कर इस गिरोह को धर दबोचा।
इस मामले में पुलिस ने गांजे के साथ-साथ तस्करी में इस्तेमाल किए जाने वाले वाहनों को भी जब्त किया है। गिरफ्तार तस्करों से पूछताछ में यह पता चला है कि उनके पास कई अन्य राज्यों में भी तस्करी का जाल फैला हुआ है। पुलिस अब इस नेटवर्क के अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है और जल्द ही और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
यह कार्रवाई पुलिस की मुस्तैदी और उनके समर्पण का प्रतीक है, जो समाज को ऐसे अवैध कृत्यों से बचाने के लिए तत्पर रहती है। गिरफ्तार किए गए तस्करों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देश पर छत्तीसगढ़ पुलिस ने अंतरराज्यीय गांजा तस्करी के एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश किया है। इस कार्रवाई में पुलिस ने रैकेट के प्रमुख सरगना समेत 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। मुख्यमंत्री ने हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के दौरान मादक पदार्थों की तस्करी पर रोक लगाने के निर्देश दिए थे। इसके तहत, पुलिस ने 28 अगस्त को रायगढ़ जिले के जूटमिल इलाके में एक बड़े ऑपरेशन को अंजाम दिया। इस दौरान 175 किलो गांजा, एक अल्टो कार, और एक पिकअप वाहन समेत 43 लाख रुपये की संपत्ति जब्त की गई।
मुख्य आरोपी संतराम खुंटे और उनके साथियों से पूछताछ के बाद, पुलिस ने रैकेट के अन्य सदस्यों की जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री के निर्देश पर पुलिस गांजा तस्करों के नेटवर्क के खात्में के लिए लगातार कार्य कर रही है। ऐसा पहली बार हुआ है जब ज़ब्त हुए गाँजा का ‘फॉरवर्ड लिंक’ एवं ‘बैकवार्ड लिंक’ स्थापित कर आरोपीयो को गिरफ़्तार किया गया है।
इनमें बैकवर्ड लिंक-ओडिशा में गांजा के उत्पादन इकाई से सप्लाई करने वाला – बयोमकेश खटवा जिला बउत (ओडिशा), गाँजा को उड़ीसा बॉर्डर से बिलासपुर जाँजगीर एवं अन्य जगह पहुँचाने वाला गिरोह- पूर्व में 28 अगस्त को 5 आरोपी गिरफ़्तार, फॉरवर्ड लिंक-मुख्य ख़रीददार जो आस पास के क्षेत्र में गाँजा सप्लाई करता है -भागवत साहू पीहरीद सक्ती, फॉरवर्ड लिंक- छत्तीसगढ़ में आगे गांजा सप्लाई व फुटकर बिक्री हेतु गाँजा खपाने वाले- दीपक उर्फ नान्हू भारद्वाज सक्ती (छत्तीसगढ़), आरोपियों के मेमोरेंडम पर अवैध गांजा कारोबार से मिले रकम से क्रय की गई आई-10 कार, सिलेरियो कार, 06 मोबाइल, नकदी रकम की जप्ती की गई है।
गाँजा तस्करों की टीम का मुख्य सरग़ना भागवत साहू है जो पिछले कई सालों से अवैध गाँजा ख़रीद फ़रोख़्त का धंधा करता है, शुरुआती दौर में उड़ीसा के छोटे सप्लायर से 4-5 किलो गाँजा ख़रीद कर छत्तीसगढ़ में बेचा करता था।बाद में ओडिशा के एक बड़े गाँजा सप्लायर व्योमा उर्फ व्योमकेश से संपर्क होने पर बड़ी मात्रा में गांजा खरीद कर सुनसान जगह पर गाँजा अपनी गाड़ी में स्थानांतरित कर अपनी टीम के आरोपी के घर में गांजा डम्प कर रखते थे
और वहां से शुरूवात में 15-20 किलो गांजा निकाल कर अलग-अलग प्रदेश में सप्लाई करते थे फिर डिमांड अनुसार 1 क्विंटल-2 क्विंटल गांजा की सप्लाई करने लगे थे । संतराम और भागवत ओडिशा पार्टी से गांजा खरीदी कर अपने साथियों के साथ रोड क्लीयर करते हुए आधे रास्ते तक आता था, ताकि पकड़ा ना जाये फिर आगे इसके दूसरे साथी गांजा लेकर अपने गुप्त ठिकानों में छिपाकर रखते और बिक्री करते थे।
गिरोह ट्रांसपोर्टिंग के जरिए माल छत्तीसगढ़ और कई प्रदेश में गांजा की बिक्री करते थे। भागवत पिछले कई वर्षों से गांजा के अवैध कारोबार में संलिप्त है जो अब तक पुलिस पकड़ में नहीं आया था ।रायगढ़ पुलिस ने जब्त किए गए गांजा के वित्तीय जाँच के तहत आरोपियों के बैंक अकाउंट्स को होल्ड करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। इस मामले में राष्ट्रीय नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और अंतरराज्यीय एजेंसियों के सहयोग से आगे की जांच जारी है।
कार्रवाई के दौरान आई10 कार सीजी 11 BH – 9507, सेलेरिओ कार सीजी 10 BS – 1995, 06 मोबाइल, नकदी रकम-7500 रूपये कुल -17 लाख रूपये, पूर्व जप्ती 175 किलो गांजा, 02 चार पहिया वाहन, जुमला जप्ती-55 लाख रूपये कुल 8 आरोपी एवं 72 लाख की सम्पति जप्त की गई। गिरोह को मदद करने, पुलिस की छापेमारी से बचाने व गोपनीय सूचनाएं आरोपी को देने वाले पुलिस आरक्षक-किशोर साहू ग्राम सकर्रा सक्ती (छत्तीसगढ़) को भी गिरफ़्तार किया गया।
कार्रवाई में डीएसपी साइबर सेल अभिनव उपाध्याय, एसडीओपी खरसिया प्रभात पटेल, निरीक्षक राकेश मिश्रा, निरीक्षक मोहन भारद्वाज, उप निरीक्षक गिरधारी साव, प्रधान आरक्षक सतीश पाठक, कृष्णा गुप्ता, लोमश राजपूत, अमित तिर्की, साइबर सेल के राजेश पटेल, दुर्गेश सिंह, बृजलाल गुर्जर, आरक्षक अभिषेक द्विवेदी, प्रशांत पंडा, महेश पंडा, आदिकांत प्रधान, विकास प्रधान, नवीन शुक्ला, सुशील यादव, जितेश्वर चौहान, रविन्द्र गुप्ता, लखेश्वर पुरसेठ, शशिभूषण साहू शामिल थे। छत्तीसगढ़ पुलिस इस कार्रवाई के माध्यम से राज्य में गांजा तस्करी को पूरी तरह से समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है।