joharcg.com रायपुर। अग्रसेन महाविद्यालय में इस सत्र से अकादमिक कक्षाओं के साथ ही संगीत, नृत्य एवं ललित कलाओं के प्रशिक्षण के लिए “अग्रसेन कला केंद्र” प्रारंभ किया गया है। इस केंद्र में शास्त्रीय नृत्य के साथ ही लोक गायन तथा वादन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।इस कला केंद्र की प्रभारी डॉ आकांक्षा दुबे ने बताया कि यहाँ विभिन्न विधाओं के प्रशिक्षण के लिए अपूर्वा शर्मा (कत्थक), ऋषिकेश जॉय (बांसुरी), राजेश शर्मा (ढोलक), स्नेहा पाण्डेय (लोक गायन एवं सुगम संगीत) की सेवाएँ उपलब्ध हैं। साथ ही अमन सोनी द्वारा फाइन आर्ट्स का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।
इन अनुभवी कलाकारों के सान्निध्य में अभ्यर्थियों को विभिन कला और सगीत की बारीकियां सीखने को मिलेंगी। उन्होंने बताया कि केंद्र के प्रारंभ होते ही इन सभी विधाओं में बच्चे, युवा तथा महिलाएं बड़ी संख्या में प्रवेश लेकर इस केंद्र के संचालन का भरपूर लाभ ले रहे हैं। केंद्र के संचालन में प्राध्यापक प्रो. ऋतुलता तारक एवं प्रो नीलू अग्रवाल सहयोगी के रूप में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। इन कक्षाओं के विषय में महाराजाधिराज अग्रसेन शिक्षण समिति के अध्यक्ष एवं महाविद्यालय के डायरेक्टर डॉ. वी.के. अग्रवाल ने बताया कि अग्रसेन महाविद्यालय में अकादमिक गतिविधियों के अलावा अन्य सांस्कृतिक नवाचारों को भी प्रोत्साहित किया जाता है।
इसी कड़ी में यह केंद्र स्थापित किया गया है। समिति के सचिव तथा महाविद्यालय के एडमिनिस्ट्रेटर डॉ. अमित अग्रवाल ने कहा कि इस कला केंद्र के माध्यम से प्रतिभागियों में छिपी प्रतिभा को आकार देना ही इसका मुख्य प्रयोजन है। प्राचार्य डॉ. युलेंद्र कुमार राजपूत ने कहा कि महाविद्यालय ने अध्ययन- अध्यापन के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में रचनात्मक गतिविधियों से अपनी विशेष पहचान कायम की है। इसी पहल के तहत अग्रसेन कला केंद्र आरंभ किया गया है, जिसे लगातार अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है।