प्राचार्य पदोन्नति

joharcg.com रायपुर। छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग ने बुधवार को बड़ा फैसला लेते हुए लंबे समय से लंबित प्राचार्य पदोन्नति प्रक्रिया को पूरा कर लिया। अवर सचिव आर.पी. वर्मा के हस्ताक्षर से 1284 नियमित व्याख्याता, व्याख्याता (एलबी) और प्रधान पाठकों को उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में प्राचार्य पद पर पदस्थापना का आदेश जारी किया गया है। सभी पदोन्नत प्राचार्यों को 7 दिनों के भीतर कार्यभार ग्रहण करने के निर्देश दिए गए हैं।

इस फैसले के साथ लगभग 10 साल से अटकी हुई पदोन्नति प्रक्रिया पूरी हो गई है, जिससे प्रदेश भर के शिक्षकों में खुशी और संतोष का माहौल है।

फोरम का संघर्ष सफल

प्राचार्य पदोन्नति फोरम ने इस महत्वपूर्ण प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाई। फोरम के अनिल शुक्ला, राकेश शर्मा, आर.के. झा, श्यामकुमार वर्मा और मलखम वर्मा ने बताया कि उन्होंने संचालनालय से लेकर न्यायालय तक लगातार संघर्ष किया और ज्ञापन सौंपकर मांग को मजबूती दी। उनका कहना है कि यह फैसला शिक्षा विभाग के लिए ऐतिहासिक कदम है, जिससे हजारों शिक्षक लाभान्वित हुए हैं।

2813 प्राचार्यों को प्रमोशन-इतिहास में सबसे बड़ा अभियान

फोरम के अनुसार टी संवर्ग में 1335 और ई संवर्ग में 1478, इस तरह कुल 2813 प्राचार्यों को पदोन्नत किया गया है। इसे स्कूल शिक्षा विभाग का अब तक का सबसे बड़ा पदोन्नति अभियान माना जा रहा है। इससे उम्मीद है कि स्कूलों में प्रशासनिक और शैक्षणिक व्यवस्था और मजबूत होगी।

शिक्षकों में उत्सव जैसा माहौल

आदेश जारी होते ही शिक्षकों और फोरम के सदस्यों ने सरकार के प्रति आभार जताया। उनका कहना है कि यह निर्णय शिक्षकों के मनोबल को बढ़ाएगा और शिक्षा व्यवस्था को नई दिशा देगा। वर्षों से लंबित फाइलों का निपटारा कर सरकार ने यह संदेश दिया है कि वह शिक्षा और शिक्षकों के हितों के प्रति गंभीर है।

स्कूलों की गुणवत्ता पर पड़ेगा सकारात्मक असर

शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि बड़ी संख्या में प्राचार्यों की नियुक्ति से स्कूलों में निगरानी, प्रशासनिक प्रबंधन और छात्रों के मार्गदर्शन में बड़ा सुधार देखने को मिलेगा। नई जिम्मेदारी मिलने से शिक्षकों में नई ऊर्जा नजर आ रही है और वे समय पर अपना कार्यभार संभालने की तैयारी में जुट गए हैं।