joharcg.com लखनऊ। यूपी की राजधानी लखनऊ में गोमती नगर के हुसैडिया चौराहे पर एक प्रतिष्ठित आईएएस कोचिंग में उस समय हड़कंप मच गया, जब कोचिंग में पढ़ाई के बाद दो स्टूडेंट्स लिफ्ट में फंस गए। काफी देर तक दोनों फंसे रहे, मदद के लिए आवाज भी लगाई, लेकिन किसी तक आवाज नहीं पहुंची। इसके बाद लिफ्ट में फंसी छात्रा ने अपने पति को कॉल कर जानकारी दी। फिर सूचना पुलिस तक पहुंची। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर दोनों निकलवाया।
दरअसल, जब कोचिंग रात 8 बजे छूटी, तो दो छात्र जिसमें शोभा सिंह और निलेश अवस्थी क्लास खत्म होने के बाद लिफ्ट से नीचे ग्राउंड फ्लोर पर जा रहे थे। इसी दौरान तेज आवाज सुनाई पड़ी और फिर लिफ्ट बीच में ही रुक गई। लिफ्ट रुकने के बाद दोनों स्टूडेंट्स ने मदद की गुहार लगाई, लेकिन लिफ्ट फ्लोर के बीच में होने के कारण और गेट बंद होने की वजह से आवाज कोई नहीं सुन सका। तकरीबन 45 मिनट तक दोनों छात्र लिफ्ट में ही फंसे रहे। वहीं छात्रा शोभा सिंह ने अपने पति पवन सिंह को लिफ्ट में फंसे होने की जानकारी दी.
इसके बाद पवन सिंह मौके पर पहुंचे और कोचिंग मैनेजमेंट को जानकारी दी, लेकिन कोई मदद नहीं मिली। इसके बाद पवन सिंह ने इस घटना का वीडियो बनाया और दिखाया कि उनकी पत्नी किस तरीके से लिफ्ट में फंसी हुई हैं। पवन का आरोप था कि उनकी किसी ने भी मदद नहीं की। वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. वहीं पवन ने इस मामले की जानकारी पुलिस को दी. सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और लिफ्ट ऑपरेटर की मदद से लिफ्ट को सही कराया. इसके बाद दोनों स्टूडेंट्स बाहर आ सके।
हाल ही में राजधानी में एक प्रमुख आईएएस कोचिंग संस्थान में एक गंभीर समस्या सामने आई जब लिफ्ट अचानक खराब हो गई। इस घटना के कारण 45 मिनट तक कई स्टूडेंट्स लिफ्ट में फंसे रहे, जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई। इस अप्रत्याशित घटना ने न केवल स्टूडेंट्स बल्कि कोचिंग संस्थान के प्रबंधन को भी मुश्किल में डाल दिया।
घटना के अनुसार, दिन के समय जब कोचिंग सत्र चल रहा था, लिफ्ट अचानक रुक गई और उसमें मौजूद 10 से अधिक स्टूडेंट्स फंस गए। इन स्टूडेंट्स की उमर करीब 20 से 25 साल के बीच थी और वे आईएएस परीक्षा की तैयारी कर रहे थे। लिफ्ट के अंदर फंसे स्टूडेंट्स ने पहले तो आपातकालीन बटन दबाया, लेकिन जब कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली, तो उन्होंने कॉल करने की कोशिश की।
लिफ्ट खराब होने के बाद, कोचिंग संस्थान के कर्मचारियों ने जल्दी से इमरजेंसी सेवाओं को सूचित किया और टेक्निकल टीम को बुलाया। कुछ समय में ही तकनीकी टीम ने लिफ्ट के दरवाजे को खोलने और फंसे हुए स्टूडेंट्स को बाहर निकालने का काम शुरू किया। हालांकि, इस दौरान स्टूडेंट्स को मानसिक तनाव और घबराहट का सामना करना पड़ा।
कई स्टूडेंट्स ने इस घटना को लेकर चिंता जताई और सुरक्षा मानकों की समीक्षा की मांग की। संस्थान के प्रबंधन ने इस घटना के बाद तत्काल माफी मांगी और कहा कि वे भविष्य में ऐसी समस्याओं से बचने के लिए लिफ्ट की नियमित जांच और मरम्मत सुनिश्चित करेंगे। साथ ही, उन्होंने फंसे हुए स्टूडेंट्स को उचित मुआवजा देने का आश्वासन भी दिया है।
इस घटना ने आईएएस कोचिंग संस्थान के भीतर सुरक्षा मानकों की महत्वता को उजागर किया है। स्टूडेंट्स और अभिभावकों ने भी इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी उपायों की मांग की है। इस घटना के बाद, संस्थान ने लिफ्ट की जांच के लिए विशेष टीम नियुक्त की है और सुरक्षा प्रोटोकॉल को भी अपडेट किया है।
आशा की जाती है कि इस प्रकार की घटनाएं भविष्य में न हों और स्टूडेंट्स को सुरक्षित और निर्बाध शिक्षा मिल सके।