joharcg.com छत्तीसगढ़ के एक गांव में एक दर्दनाक घटना सामने आई है, जिसमें एक पति ने अपनी पत्नी को सिलबट्टे से कुचलकर हत्या कर दी। यह घटना हरेली त्योहार के दिन की है, जब पत्नी 12 साल बाद अपने मायके आई थी। इस घटना ने गांव में एक गंभीर शोक की लहर दौड़ा दी है और स्थानीय समुदाय को झकझोर कर रख दिया है।
गांव के सूत्रों के अनुसार, 12 साल पहले पति और पत्नी के बीच घरेलू विवाद के चलते पत्नी अपने मायके चली गई थी और तब से वहीं रह रही थी। हाल ही में, हरेली त्योहार के अवसर पर पत्नी अपने मायके आई थी, जहां पर पति ने उसे मिलने के लिए बुलाया था। हालांकि, यह खुशी का पल दुःख की रात में बदल गया।
पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक, पति ने पत्नी को त्योहार के दिन मिलने के बहाने अपने घर बुलाया और वहां पर एक बर्बरता का अमानवीय कृत्य किया। पति ने सिलबट्टे का उपयोग करते हुए पत्नी पर हमला किया और उसे कुचलकर मार डाला। यह पूरी घटना इतनी भयावह थी कि गांव के लोग और स्थानीय प्रशासन भी हैरान रह गए।
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए आरोपी पति को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने बताया कि आरोपी ने पूछताछ के दौरान अपनी दलीलें दी हैं, लेकिन हत्या की वजह और उसके द्वारा किए गए अमानवीय कृत्य की पूरी जानकारी अभी जांच के अधीन है।
इस घटना के बाद गांव में शोक की लहर है। स्थानीय लोगों ने बताया कि हरेली त्योहार के दिन इस प्रकार की घटना ने सभी को स्तब्ध कर दिया है। महिलाएं और बच्चे इस घटना से बहुत प्रभावित हुए हैं, और सुरक्षा के उपायों की मांग उठाई जा रही है।
पुलिस प्रशासन ने घटना की गंभीरता को देखते हुए अपराधी के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने की बात की है। इस हृदयविदारक घटना ने एक बार फिर से घरेलू हिंसा की गंभीरता को उजागर किया है और समाज में इसके खिलाफ कठोर कदम उठाने की आवश्यकता को रेखांकित किया है। एक खुदाई कर्मचारी ने छत्तीसगढ़ में अपनी पत्नी को सिलबट्टे से कुचलकर मार डाला। यह घटना 12 साल पहले की थी, जब पति को पत्नी से मिलने आई थी, हरेली त्योहार के दिन। घटना में दोनों की बेटी भी शामिल थी, जिसने अपनी माँ को सिलबट्टे से पिटने के कारण पिताजी से गुमराह कर दिया था। वहीं, पुलिस ने बातचीत कर इस मामले में कार्रवाई की जानकारी दी है।
इस घटना के विदेश विरोधी वादों के बाद, लोगों को स्तन्भित करने वाली बात है कि इस प्रकार की हिंसा सामाजिक समरसता के बावजूद भी हो रही है। इस मामले में बिताए गए 12 सालों के बाद पति और पत्नी के परिवार को फिर से एकत्रित हुआ देखा जा सकता है। इस घटना को मानवता के लिए एक सख्त सीख देने वाली बात मानी जा सकती है, जिससे यह साफ है कि समाज को अभिवृद्धि की दिशा में आगे बढ़ने की आवश्यकता है।
सत्य यह है कि इस घटना से आम जनता के मनोबल पर असर पड़ा होगा, लेकिन इसके बावजूद भी लोगों को यह सोचने पर विचलित किया है कि किसी भी समय, किसी भी स्थिति में हिंसा का सहारा लेना सही नहीं है। इस प्रकार की घटनाएं हमारे समाज को जख्मी करती हैं, और हमें इसे रोकने के लिए सर्वसाधारण में सजाग रहना चाहिए। एक समरस समाज की स्थापना के लिए, हमें साथ मिलकर काम करना होगा।,