जशपुर में भारी बारिश

joharcg.com छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में लगातार हो रही भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। तेज बारिश के कारण कई गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से कट गया है, जिससे लोग अपने घरों में फंसे हुए हैं। पानी का स्तर बढ़ने से सड़कें जलमग्न हो गई हैं, पुल और सड़कें बह गई हैं, जिससे यातायात पूरी तरह से ठप हो गया है।

जशपुर जिले के कई इलाकों में भारी बारिश के कारण बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। विशेष रूप से छोटे और दूरदराज के गांवों में हालात गंभीर बने हुए हैं। अधिकारियों के अनुसार, कई ग्रामीण क्षेत्रों का संपर्क टूट गया है और स्थानीय लोग अपनी बुनियादी आवश्यकताओं के लिए भी संघर्ष कर रहे हैं। गाँवों में बिजली की आपूर्ति भी ठप हो गई है, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई है।

विशेष रूप से कुसमी, पत्थलगांव और बगीचा ब्लॉक सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में से हैं। इन क्षेत्रों में बारिश इतनी तेज थी कि कई छोटे पुलों और सड़कों को नुकसान पहुंचा है। जिससे ग्रामीण अपने घरों में फंसे हुए हैं, और आवश्यक सेवाएं जैसे भोजन, पानी और दवाइयाँ पहुंचाना मुश्किल हो रहा है।

प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य तेज कर दिया है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लगातार बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। नावों की मदद से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। इसके अलावा, हेलीकॉप्टर की सहायता से भोजन और चिकित्सा सामग्री की आपूर्ति की जा रही है।

जिला कलेक्टर ने लोगों से अपील की है कि वे बारिश के दौरान अपने घरों से बाहर न निकलें और प्रशासन द्वारा जारी किए गए निर्देशों का पालन करें। प्रभावित इलाकों में चिकित्सा शिविर भी लगाए जा रहे हैं ताकि बीमार और घायल लोगों को तत्काल चिकित्सा सहायता प्रदान की जा सके।

बारिश के कारण कृषि क्षेत्र को भी भारी नुकसान हुआ है। किसानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ने की संभावना है। कई गांवों में पीने के पानी की भी किल्लत हो रही है, क्योंकि पानी के स्रोतों में गंदगी मिल गई है।

स्थानीय लोग सरकार से मांग कर रहे हैं कि जल्द से जल्द राहत और पुनर्वास कार्य शुरू किए जाएं। हालांकि प्रशासन का कहना है कि स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन लगातार बारिश के कारण स्थिति में सुधार होने में समय लग सकता है।

मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में और अधिक बारिश की संभावना जताई है, जिससे हालात और खराब हो सकते हैं। प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने की चेतावनी जारी की है और उन इलाकों को खाली करने का निर्देश दिया है, जहां बाढ़ का खतरा अधिक है।

जशपुर जिले में बीते 48 घंटे से हो रही मूसलाधार बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। नदी-नालों में उफान आने के कारण कई गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से टूट गया है। पुलिया के बह जाने से आवागमन भी बुरी तरह से प्रभावित हुई है। दरअसल जिले में लगातार हो रही बारिश के कारण बगीचा ब्लाक में सबसे बुरी स्थिति देखने को मिल रही है।

यहां का कलिया गांव टापू बनने के कगार पर पहुंच गया है। गायलूंगा में भारी बारिश और बाढ़ से 3 पुल-पुलिया क्षतिग्रस्त हो गई है। साथ ही मिट्टी के बहाव से सड़कें टूट गई है। जिस कारण कई मार्गों पर आवागमन बाधित हो गया है। बारिश के पानी के तेज बहाव से टूटी सड़क और पुलिया के किनारों पर मिटटी के कटाव होने से स्थिति भयावह हो गई है। बगीचा मुख्यालय जोड़ने वाली सिकटा नाला पर बने पुलिया की मिटटी और सड़क भी बह गई है।

बादलखोल अभ्यारण्य के मिट्टी मार्ग से बच्छरांव जाने वाले दोनों नालों में  पुलिया न बनाकर रपटा बनाया गया है। जिसमें बारिश का पानी भर गया है जिसके कारण  ग्रामीणों सहित छात्र छात्राओं को स्कूल जाना भी मुश्किल हो गया है। चारो ओर पुलिया सड़क और नाले में पानी भरा होने के  कारण गाड़ियों की आवागमन बंद हो गया है। पुलिया टूट जाने से लोगों को काफी कठिनाई‎ हो रही है।

ग्रामीणों ने इस मामले को लेकर प्रशासन से गुहार लगाई है। उनका कहना है की भारी बारिश से डैमेज हुए सड़क और पुलिया की रिपेयरिंग जल्द होनी चाहिए। ताकि आवागमन सुचारु रुप से चालू हो सके। क्षतिग्रस्त होने के कारण लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं।  सर्वे कराकर टूटी सड़कों और पुलों का युद्ध‎स्तर पर निर्माण और मरम्मति कराई जाए।  ताकि जिला सहित ब्लाक मुख्यालय आना- जाना हो सके।

तहसीलदार ने कोटवारों की लगाई ड्यूटी
बगीचा तहसीलदार को मार्ग की पुलिया, सड़क क्षतिग्रस्त होने की जैसे ही सूचना मिली उन्होंने तत्काल  कोटवारों की ड्यूटी पुलिया के पास लगा दी है। ताकि किसी भी खतरे से निपटा जा सके। तहसील के तीन भारी बारिश में एक टापू बन गए हैं। अब देखना यह होगा की शासन, प्रशासन कितनी ततपरता दिखाता है।

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