joharcg.com एक मां की मुस्कान से सिर्फ उसका घर ही नहीं, बल्कि पूरा समाज खुशहाल बनता है। इस उद्देश्य को साकार करते हुए स्वास्थ्य विभाग ने सरगुजा जिले में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक नया अध्याय लिखा है। छत्तीसगढ़ रजत जयंती वर्ष 2025-26 के अवसर पर 17 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक चले ‘स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान’ ने नारी स्वास्थ्य और परिवार कल्याण को नई दिशा दी है। इस विशेष अभियान के दौरान जिलेभर में गर्भवती महिलाओं, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य पर कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां दर्ज की हैं।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत कुल 2,612 गर्भवती महिलाओं की जांच की गई, जिनमें से 439 हाई रिस्क प्रेग्नेंसी के रूप में चिन्हित किया गया। सोनोग्राफी जांच में 425 महिलाओं की जांच की गई, जिनमें दूसरी और तीसरी तिमाही की 220 एवं 205 महिलाओं की स्क्रीनिंग हुई।

विशेषज्ञ स्त्रीरोग चिकित्सकों की टीम ने सभी विकासखंडों में शिविर आयोजित कर गर्भवती महिलाओं को गुणवत्तापूर्ण काउंसलिंग और उपचार उपलब्ध कराया। इस कार्य में डॉ. किरण भजगावली, डॉ. आर.एस. मरकाम, डॉ. सृष्टि पांडे, डॉ. रजनी किशोर एक्का और डॉ. प्रियंका सिंह सहित अन्य विशेषज्ञों का उल्लेखनीय योगदान रहा।

हाई रिस्क केस में सफल सर्जरी
सीएचसी सीतापुर में सोनोग्राफी के दौरान दो गंभीर हाई रिस्क मामलों में ग्राम रजोटी की 25 वर्षीय श्रीमती मनीषा और ग्राम ललितपुर की 35 वर्षीय श्रीमती संजयवती को तत्काल सिजेरियन ऑपरेशन की आवश्यकता बताई गई। एफआरयू सीतापुर में निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ. रूपक और स्त्रीरोग विशेषज्ञ डॉ. संयोंगिता पैंकरा की टीम ने दोनों का सफल ऑपरेशन कर मां और नवजात की जिंदगी सुरक्षित की।

स्वास्थ्य शिविरों में रिकॉर्ड सहभागिता
स्वस्थ नारी,सशक्त परिवार अभियान के तहत जिले में आयोजित स्वास्थ्य शिविरों में नागरिकों का उत्साह देखने को मिला। अभियान अंतर्गत कुल ओपीडी मरीज 40,358, उच्च रक्तचाप जांच 82,182, डायबिटीज स्क्रीनिंग 21,741, कैंसर जांच 11,877,क्षएनीमिया जांच 10,073, क्षय रोग जांच 16,572,ज्ञसिकल सेल जांच 1,994, टीकाकरण 1,214, नेत्र जांच 4,652, निःशुल्क चश्मा वितरण 65, मोतियाबिंद ऑपरेशन 111, वयोवृद्ध कार्ड जारी 156, ब्लड डोनेशन 301 यूनिट एकत्र किया गया।

रजत महोत्सव एवं सेवा पखवाड़ा में मिली जनभागीदारी
रजत जयंती व सेवा पखवाड़ा के तहत सामाजिक, राजनीतिक और शासकीय संस्थाओं की भागीदारी से आयोजित रक्तदान शिविरों में 301 यूनिट रक्त संग्रहित किया गया, जो थैलेसीमिया, सिकलिंग और अन्य मरीजों के लिए जीवनदायिनी साबित होगा।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने अभियान की सफलता के लिए सभी चिकित्सकों, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और सहयोगी संस्थाओं को बधाई देते हुए कहा कि स्वस्थ नारी ही सशक्त परिवार और सशक्त छत्तीसगढ़ की नींव है। यह अभियान मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सुधार की दिशा में बड़ी उपलब्धि है।