गुजरात

joharcg.com गुजरात सरकार ने राज्य के सभी सरकारी और निजी स्कूलों में छात्रों के मोबाइल फोन के उपयोग पर पाबंदी लगाने का निर्णय लिया है। यह निर्णय छात्रों की शिक्षा, मानसिक विकास और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। सरकार का मानना है कि स्कूलों में मोबाइल फोन का अत्यधिक उपयोग छात्रों के शैक्षिक प्रदर्शन पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है और उन्हें सामाजिक गतिविधियों से भी दूर करता है।

इस फैसले के तहत, छात्रों को स्कूल परिसर में मोबाइल फोन लाने की अनुमति नहीं होगी, और यदि किसी छात्र के पास मोबाइल पाया गया, तो उसे स्कूल प्रशासन द्वारा जब्त किया जाएगा। गुजरात शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों को इस नियम को लागू करने के निर्देश दिए हैं और इसे सख्ती से पालन करने की सलाह दी है।

गुजरात शिक्षा मंत्री ने मीडिया से बातचीत में बताया कि यह कदम छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य और ध्यान केंद्रित करने में मदद करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि मोबाइल फोन का अत्यधिक उपयोग छात्रों को ऑनलाइन गेम्स और सोशल मीडिया पर समय बिताने के लिए प्रेरित करता है, जो कि उनके अध्ययन में विघ्न डालता है।

इसके साथ ही, शिक्षा मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि जिन छात्रों को स्कूल में किसी आवश्यक कार्य के लिए फोन की जरूरत होती है, उन्हें विशिष्ट परिस्थितियों में अनुमति दी जाएगी।

कई विशेषज्ञों ने इस फैसले का स्वागत किया है, जबकि कुछ ने इसे छात्रों की व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर प्रतिबंध के रूप में देखा है। हालांकि, सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि यह कदम छात्रों की भलाई और उनकी शिक्षा को प्राथमिकता देने के लिए उठाया गया है।

इस फैसले के लागू होने से गुजरात में स्कूली शिक्षा के स्तर में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है, और यह देखा जाएगा कि भविष्य में इसका कितना सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

देशभर में पहली बार गुजरात सरकार स्कूली छात्रों के बीच सोशल मीडिया और स्मार्टफोन के बढ़ते उपयोग के नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिए गाइडलाइन जारी करने जा रही है. राज्य के शिक्षा मंत्री प्रफुल्ल पानशेरिया ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि यह गाइडलाइन छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों को ध्यान में रखकर बनाई जाएगी.

सोशल मीडिया और स्मार्टफोन का अत्यधिक उपयोग बच्चों की पढ़ाई, मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर गहरा असर डाल रहा है. बच्चे खेल-कूद जैसी गतिविधियों से दूर होते जा रहे हैं, जिससे उनकी शारीरिक और मानसिक विकास में बाधा आ रही है. इस समस्या को देखते हुए शिक्षा मंत्री ने उच्च और तकनीकी शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर आवश्यक कदम उठाने पर चर्चा की.

शिक्षा मंत्री ने बताया कि गाइडलाइन तैयार करने के लिए चिल्ड्रेन्स यूनिवर्सिटी, टीचर्स यूनिवर्सिटी और मनोचिकित्सकों की मदद ली जाएगी. इसका उद्देश्य बच्चों को सोशल मीडिया और स्मार्टफोन के अत्यधिक उपयोग से दूर रखते हुए उन्हें पढ़ाई और खेलकूद में व्यस्त रखना है.

गाइडलाइन के तहत प्राथमिक स्कूलों में छात्रों के लिए मोबाइल फोन लाने पर प्रतिबंध लगाया जाएगा. साथ ही, शिक्षकों को कक्षा में मोबाइल फोन के उपयोग से रोका जाएगा. स्कूलों में छात्रों को पढ़ाई और खेल जैसी गतिविधियों में व्यस्त रखने के लिए शिक्षकों को विशेष निर्देश दिए जाएंगे.

Shyam Bihari Jaiswal Archives – JoharCG