joharcg.com दक्षिण गुजरात में कल देर रात से ही भारी बारिश हो रही है. वलसाड जिले में रात 12 बजे से सुबह छह बजे के बीच सात इंच से अधिक बारिश हुई, जिससे जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया. मौसम विभाग ने अगले चार दिनों तक दक्षिण गुजरात और सौराष्ट्र के कुछ जिलों में मध्यम से भारी बारिश की भविष्यवाणी की है. गुजरात में मौसम के औसतन 60 प्रतिशत से अधिक बारिश हो चुकी है. वलसाड में इतनी बारिश होने से रेलवे अंडरब्रिज बंद कर दिया गया है, जिससे यातायात बंद है. इसके अलावा जनपद के 47 रास्ते जलजमाव या नुकसान के कारण बंद कर दिए गए हैं.
नवसारी और डाँग जिले में भी तीन दिन के बाद व्यापक बारिश हुई. सापुतर में बीती रात 3 इंच बारिश हुई, यहां अंबिका नदी में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. अंबिका नदी पर बने चिखलदा, सुसारदा, आँबापाड़ा में निचले स्तर के पुलों पर बाढ़ का प्रभाव देखने को मिल रहा है. लोग यहां जान जोखिम में डालकर नदी पार करते दिखे. इसके अलावा पर्यटकों के पसंदीदा गिरा वाटरफॉल का आज रौद्र रूप में दिखने को मिला. प्रशासन ने वॉटरफॉल के करीब जाने पर पाबंदी लगा दी है.
गुजरात में हाल ही में हुई रातभर की भारी बारिश ने पूरे राज्य को प्रभावित कर दिया है, जिससे बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। लगातार बारिश के कारण राज्य भर में जलभराव हो गया है और 47 प्रमुख सड़कें बंद हो गई हैं। इस आपातकालीन स्थिति ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है और स्थानीय प्रशासन को राहत और बचाव कार्यों में जुटना पड़ा है।
राज्य के कई इलाकों में सड़कें और गलियाँ पानी से भरी हुई हैं, जिससे यातायात व्यवस्था पूरी तरह से ठप हो गई है। बारिश की तीव्रता इतनी अधिक थी कि कई जगहों पर नदियाँ और नालों का पानी सड़कों और आवासीय क्षेत्रों में घुस गया है। इस स्थिति ने लोगों को घरों में बंद रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए मजबूर कर दिया है।
गुजरात सरकार ने स्थिति को गंभीरता से लेते हुए आपातकालीन सेवाओं की तैनाती की है। स्थानीय अधिकारियों ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और जल निकासी के लिए राहत प्रयासों को तेज किया है। साथ ही, राहत शिविर स्थापित किए गए हैं, जहां प्रभावित लोगों को खाने-पीने की चीजें और चिकित्सा सहायता प्रदान की जा रही है।
मौसम विभाग ने भविष्यवाणी की है कि अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश की संभावना बनी रहेगी, जिससे राहत कार्यों में और भी मुश्किलें आ सकती हैं। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे बारिश के दौरान यात्रा करने से बचें और सुरक्षित स्थानों पर रहें।
गुजरात की इस बाढ़ ने यह स्पष्ट कर दिया है कि मौसम की आपात स्थितियों के प्रति सतर्क रहना कितना महत्वपूर्ण है। बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं के दौरान लोगों की सुरक्षा और राहत प्रयासों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए उचित योजनाएं और संसाधन होना आवश्यक है।
स्थानीय निवासियों ने सरकार और प्रशासन के प्रयासों की सराहना की है, लेकिन उन्होंने बाढ़ की स्थिति में सुधार और अधिक सटीक समय पर सहायता की मांग की है। आने वाले दिनों में मौसम की स्थिति पर नजर रखी जाएगी और आवश्यकतानुसार राहत कार्यों को समन्वयित किया जाएगा।