Joharcg.com राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके से राजभवन में अखिल राजगोंड महासभा के पदाधिकारियों ने भेंट कर उन्हें कोण्डागांव में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय अधिवेशन के लिए आमंत्रित किया। यह सम्मेलन 4 एवं 5 फरवरी 2022 को गढ़माकड़ी कोण्डागांव में आयोजित किया जाएगा, जिसमें नौ राज्यों के आदिवासी शामिल होंगे। सम्मेलन में समाज से जुड़े विभिन्न विषयों, संवैधानिक अधिकारों आदि के बारे में विशेषज्ञ वक्तव्य देंगे और समाज के लोगों के बीच अंतर्संवाद होगा। इस अवसर पर श्री नीलकरण राज ठाकुर, श्री संतलाल पोयाम, श्री सुलभचंद्र नाग, श्री पुष्पेन्द्र सिंह, श्री तुलस पन्द्राम उपस्थित थे।
राज्यपाल ने हाल ही में राजगोंड महासभा के राष्ट्रीय अधिवेशन में आमंत्रण स्वीकार किया। यह आयोजन प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से राजगोंड समुदाय के प्रमुख नेताओं, सदस्यों और समाज के प्रतिनिधियों को एकत्रित करने वाला एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। इस अधिवेशन का उद्देश्य राजगोंड समुदाय के मुद्दों को उठाना, उनके सांस्कृतिक और सामाजिक हितों की रक्षा करना, और समाज के विकास के लिए रणनीतियाँ तय करना है।
राज्यपाल के इस अधिवेशन में शामिल होने से राजगोंड महासभा को एक नई दिशा और बल मिल सकता है। राज्यपाल के अनुभव और नेतृत्व से इस कार्यक्रम को मान्यता और समर्थन मिलने की उम्मीद है। उन्होंने इस अवसर पर अपने विचार साझा करते हुए समाज के विकास और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए सरकार की ओर से पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया।
राजगोंड महासभा के राष्ट्रीय अधिवेशन में, राज्यपाल ने राजगोंड समुदाय के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक योगदान की सराहना की और इस बात पर जोर दिया कि समाज के विभिन्न वर्गों की आवाज़ सुनी जानी चाहिए। उन्होंने कहा, “समाज के विकास के लिए हर वर्ग की भागीदारी महत्वपूर्ण है। हमें मिलकर काम करना होगा ताकि सभी समुदायों को समान अवसर मिल सके।”
कार्यक्रम के दौरान, राज्यपाल ने विभिन्न योजनाओं और पहलों के बारे में जानकारी साझा की जो समाज के समग्र विकास के लिए बनाई गई हैं। उन्होंने इस बात की भी चर्चा की कि कैसे राज्य सरकार राजगोंड समुदाय की विशेष जरूरतों को पूरा करने के लिए कार्य कर रही है और आने वाले समय में इसे और बेहतर बनाने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं।
इस अधिवेशन में, राज्यपाल के भाषण और उनके समर्थन ने राजगोंड महासभा के सदस्यों और समुदाय के लोगों को प्रेरित किया। यह अवसर न केवल राजगोंड समुदाय की महत्वपूर्ण समस्याओं को उजागर करने का है, बल्कि समाज के विकास और समृद्धि के लिए एक नई दिशा देने का भी है।
राजगोंड महासभा का यह राष्ट्रीय अधिवेशन, राज्यपाल की उपस्थिति और उनके योगदान से, समाज के भीतर सकारात्मक बदलाव और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।