मुख्यमंत्री का गृह

joharcg.com रायपुर। छत्तीसगढ़ में खनिज संपदाओं की बात जगजाहिर है, और अब एक और महत्वपूर्ण खोज ने राज्य को सुर्खियों में ला दिया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के गृह जिले जशपुर में सोने का विशाल भंडार मिला है। इस भंडार की खुदाई के लिए नीलामी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, और इसके लिए खनिज संसाधन विभाग ने टेंडर जारी किया है। जशपुर जिले में सोने के दो ब्लॉक्स का आवंटन किया जाएगा, जिससे राज्य को अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होने की उम्मीद है।

प्रारंभिक सर्वेक्षण और पुष्टि:
जशपुर जिले के बनगांव क्षेत्र में भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण की टीम ने गहन सर्वेक्षण के बाद सोने के भंडार की पुष्टि की है। इसके अलावा, सरकारी संस्था मिनरल एक्सप्लोरेशन एंड कंसल्टेंसी लिमिटेड और निजी संस्था जियोमाइसोर सर्विसेज इंडिया ने मिलकर मेंडरबहार भगोरा क्षेत्र में भी स्वर्ण भंडार की पुष्टि की है। इन सर्वेक्षणों के आधार पर ही नीलामी प्रक्रिया शुरू की गई है।

अन्य खनिज ब्लॉक्स की नीलामी:
खनिज संसाधन विभाग ने चार अलग-अलग ब्लॉक्स की नीलामी के लिए टेंडर जारी किया है। इनमें से दो ब्लॉक्स कबीरधाम जिले में बाक्साइट खनन के लिए हैं। वहीं, जशपुर जिले में सोने की खदानों के लिए दो ब्लॉक्स की नीलामी की जाएगी।

पूर्व की नीलामी और भविष्य की संभावनाएं:
पिछले साल खनिज विभाग ने महासमुंद और कांकेर जिले में तीन खनिज ब्लॉक्स में सोने और हीरे के खनन के लिए ई-टेंडर जारी किया था। इसमें लगभग 7205 एकड़ में कई बहुमूल्य धातुओं की खोज की जाएगी। इन खोजों से छत्तीसगढ़ को अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा, जो राज्य के आर्थिक विकास में सहायक होगा।

हीरे की खोज:
जशपुर जिले के तुमला गांव में हीरे का भंडार मिलने की भी पुष्टि हुई है। यह क्षेत्र हीरे की संभावनाओं के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है और यहां बड़े पैमाने पर हीरे मिलने की संभावना है।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के गृह जिले में हाल ही में सोने का भंडार मिलने की खबर ने पूरे राज्य में सनसनी फैला दी है। इस महत्वपूर्ण खोज के बाद अब सरकार ने इस भंडार की नीलामी प्रक्रिया शुरू करने का फैसला लिया है, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की उम्मीद जताई जा रही है।

मुख्यमंत्री के गृह जिले में यह सोने का भंडार खोजने का काम जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (GSI) की टीम ने किया। इस खोज में यह पाया गया कि इस क्षेत्र में सोने के बड़े भंडार मौजूद हैं, जो कि आर्थिक दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं।

सरकार ने तुरंत इस खबर का संज्ञान लेते हुए नीलामी प्रक्रिया की शुरुआत की है। इस प्रक्रिया में कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने दिलचस्पी दिखाई है। सोने के भंडार की नीलामी से होने वाली आय का इस्तेमाल राज्य के विकास कार्यों में किया जाएगा।

राज्य के खनिज विभाग के एक अधिकारी ने बताया, “यह खोज राज्य के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। सोने का भंडार मिलने से राज्य की अर्थव्यवस्था को काफी बढ़ावा मिलेगा। हम इस नीलामी प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से पूरा करेंगे ताकि राज्य को अधिकतम लाभ हो सके।”

इस खबर के बाद जिले में खुशी की लहर दौड़ गई है। स्थानीय निवासियों ने सरकार के इस कदम की सराहना की है और उम्मीद जताई है कि इस खोज से उनके क्षेत्र का विकास तेजी से होगा।

नीलामी प्रक्रिया के तहत, सरकार ने एक टेंडर जारी किया है जिसमें कंपनियों को अपने प्रस्ताव देने के लिए आमंत्रित किया गया है। इस टेंडर प्रक्रिया के बाद सबसे उपयुक्त और उच्चतम बोली लगाने वाली कंपनी को इस सोने के भंडार के उत्खनन और व्यापार का अधिकार दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने इस खोज पर खुशी जताते हुए कहा, “यह हमारे राज्य के लिए गर्व का क्षण है। सोने का भंडार मिलने से राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और विकास कार्यों को नया आयाम मिलेगा। सरकार इस प्रक्रिया को तेजी से और पारदर्शी तरीके से पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है।”

सोने के इस भंडार से राज्य को न केवल आर्थिक लाभ होगा, बल्कि इससे रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। इस खोज से स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलने की संभावना है, जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार होगा।

यह खोज छत्तीसगढ़ के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकती है। सरकार की योजना है कि इस सोने के भंडार से मिलने वाली आय का उपयोग शिक्षा, स्वास्थ्य, और बुनियादी ढांचे के विकास में किया जाए ताकि राज्य की जनता को इसका सीधा लाभ मिल सके।

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