धान खरीदी में अनियमितता

joharcg.com मध्यप्रदेश में धान खरीदी प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं का खुलासा हुआ है, जिसके चलते 4 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। प्रशासन ने इन आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई करते हुए मामले की जांच शुरू कर दी है। यह घटना राज्य के धान उत्पादक क्षेत्र में हुई है, जहां सरकारी खरीदी केंद्रों पर धान की खरीद में गंभीर अनियमितताओं की शिकायतें मिली थीं।

धान खरीदी में इस घोटाले का खुलासा तब हुआ, जब किसानों ने अपनी फसल के भुगतान में देरी और वजन में हेराफेरी की शिकायत की। किसानों का कहना था कि खरीदी केंद्रों पर उनका धान कम वजन दिखाया जा रहा है और उन्हें पूरी कीमत नहीं मिल रही है। इन शिकायतों की जांच के दौरान प्रशासन ने पाया कि कुछ अधिकारियों और बिचौलियों की मिलीभगत से यह धोखाधड़ी की जा रही थी।

जांच के बाद प्रशासन ने चार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इन पर आरोप है कि उन्होंने धान खरीदी में बड़े पैमाने पर हेराफेरी की और सरकारी नियमों का उल्लंघन किया। जिन लोगों पर एफआईआर दर्ज हुई है, उनमें एक सरकारी अधिकारी, एक निजी खरीदार और दो बिचौलिए शामिल हैं। इन सभी पर धान के वजन में अनियमितता, भुगतान में देरी और फर्जी दस्तावेज़ों का उपयोग करने का आरोप है।

घटना का खुलासा होते ही प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई की है। आरोपी अधिकारियों को तुरंत सस्पेंड कर दिया गया है, और मामले की जांच के लिए एक विशेष टीम गठित की गई है। जिला कलेक्टर ने कहा, “हम इस प्रकार की अनियमितताओं को बर्दाश्त नहीं करेंगे। दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और सभी किसानों को उनके हक का भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा।”

इस घोटाले का सबसे बड़ा नुकसान किसानों को हुआ है। कई किसानों ने अपनी मेहनत की फसल खरीदी केंद्रों पर बेची थी, लेकिन अब तक उन्हें पूरा भुगतान नहीं मिल पाया है। किसानों का कहना है कि अगर समय पर उन्हें उनकी फसल का उचित मूल्य नहीं मिलता, तो उनके सामने गंभीर आर्थिक संकट खड़ा हो सकता है।

एक स्थानीय किसान ने कहा, “हमने कड़ी मेहनत से फसल उगाई और अब खरीदी केंद्रों पर हमें धोखा दिया जा रहा है। हम चाहते हैं कि प्रशासन दोषियों को सख्त सजा दे और हमें हमारा हक दिलवाए।”

प्रशासन द्वारा गठित की गई टीम अब सभी खरीदी केंद्रों की जांच कर रही है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कहीं और भी इस प्रकार की अनियमितताएं तो नहीं हो रही हैं। अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही इस मामले की पूरी रिपोर्ट सामने आएगी और इसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

धान खरीदी में अनियमितताओं का यह मामला किसानों के साथ हुई धोखाधड़ी का एक गंभीर उदाहरण है। हालांकि, प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए एफआईआर दर्ज की है और जांच शुरू की है, लेकिन इस घटना ने राज्य में धान खरीदी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। किसानों को उम्मीद है कि प्रशासन दोषियों को जल्द सजा दिलवाएगा और उनकी समस्याओं का समाधान करेगा।

दिल्ली के बागपत जिले में धान खरीदी में बड़ी अनियमितता सामने आई है। एक महत्वपूर्ण किसान संगठन, किसान समाज ने इस मामले की जांच के लिए शिकायत दर्ज कराई है और चार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है।

किसान समाज के प्रधान, रामकुमार शर्मा ने बताया कि धान खरीदी के काम में अनियमितता की बात सामने आई जो काफी चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि धान खरीद अधिकारी और कनिष्ठ अधिकारी इस मामले में शामिल हैं और मंडी में धान की असली कीमत से कम दाम पर खरीद की गई है।

इस मामले में जांच के बाद पाया गया कि कई लोगों ने अपनी दुकानों पर खर्राटे भेजकर धान की खरीद के काम में हस्तक्षेप किया है। यह गंभीर अनियमितता है जिसे देखते हुए स्थानीय पुलिस ने इस मामले में गहराई से जांच करने का आदेश दिया है।

बागपत पुलिस के प्रवक्ता, डीआर चौधरी ने बताया कि जांच के लिए एफआईआर दर्ज किया गया है और चार लोगों को गिरफ्तार करने की कार्रवाई शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि एफआईआर के तहत यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि उन लोगों को सख्त कानूनी कार्रवाई के तहत सजा दी जाए।

यह मामला बागपत जिले में खरीदारों और किसानों के बीच उथल-पुथल में बढ़ती जा रही मानहानि की संकेत देता है। इससे साफ होता है कि किसानों को हकिकत से दूर रखने की कैसे कोशिश की जा रही है। किसान समाज ने कहा कि वे इस मामले की गहराई से जांच करवाने की मांग करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि उसी तरह की अनियमितता के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

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