joharcg.com छत्तीसगढ़ के एक गाँव में एक दिल दहला देने वाली घटना में, एक पिता ने अपने डूबते बेटे को बचाने के लिए तालाब में छलांग लगाई, लेकिन दुर्भाग्यवश दोनों की जान चली गई। यह घटना रविवार की है, जब परिवार तालाब के पास था।
सूत्रों के अनुसार, पिता और बेटा तालाब के किनारे खेल रहे थे, तभी अचानक बेटा तालाब में गिर गया। बेटे की चीख सुनकर पिता ने बिना किसी hesitation के पानी में कूदने का निर्णय लिया। उन्होंने बेटे को बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन गहराई और धार के कारण वे दोनों डूब गए।
गाँव वालों ने जब इस घटना को देखा, तो उन्होंने तुरंत मदद के लिए दौड़ लगाई। कुछ स्थानीय निवासियों ने तालाब में कूदकर उन्हें बचाने का प्रयास किया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
घटनास्थल पर पहुंची पुलिस और प्रशासन ने दोनों के शवों को निकालकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। गांव के प्रधान ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा,
“यह एक दुखद घटना है, और हम सभी परिवार के प्रति सहानुभूति व्यक्त करते हैं।”
इस घटना ने गांव में शोक का माहौल बना दिया है। स्थानीय निवासियों ने कहा कि ऐसे तालाबों के आसपास सुरक्षा के उपायों को और मजबूत करने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
एक गाँववाले ने कहा,
“हमें बच्चों के खेल के समय में और अधिक सावधान रहना होगा।”
इस घटना ने यह स्पष्ट किया है कि परिवार की सुरक्षा हमेशा प्राथमिकता होनी चाहिए। अब परिवार के सदस्य और गाँववाले इस त्रासदी के सदमे से उबरने का प्रयास कर रहे हैं, और सभी की यही इच्छा है कि इस तरह की घटनाएं भविष्य में न हों।
इस प्रकार, बेटे को बचाने के प्रयास में पिता की जान का जाना न केवल एक व्यक्तिगत त्रासदी है, बल्कि समाज के लिए एक महत्वपूर्ण चेतावनी भी है कि हमें बच्चों की सुरक्षा और सावधानी पर ध्यान देना चाहिए।
लातूर में तलाब में डूबने से पिता और बेटे की मौत हो गई. दोनों अपने मवेशियों को नहलाने तालाब पर गए थे. तभी बेटा पानी में डूबने लगा. बेटे को डूबता देख पिता उसे बचाने के लिए गए थे. इस दौरान वह भी तालाब में डूब गए. इस तरह दोनों की डूबने से मौत हो गई.
यह घटना तब हुई जब 17 सितंबर के दिन दोपहर के लगभग चार बजे खेत के पास स्थित एक तालाब में 42 वर्षीय तिरुपती बाबूराव पवार ये किसान अपने नामदेव तिरुपती पवार इस 12 साल बेटे के साथ खुद के मवेशियों को नहलाने के लिए गए थे. इसी दौरान अचानक एक बैल तालाब के गहरे पानी में चला गया. उसे वापस किनारे लाने के लिए 12 वर्षीय नामदेव पवार उसके पीछे गया, लेकिन तालाब के पानी की गहराई का अंदाजा न आने के कारण नामदेव पानी में डूबने लगा.
बेटे को पानी में डूबता हुआ देख नामदेव के पिता तिरुपती पावर ने पानी में छलांग लगा दी. लेकिन दुर्भाग्य से अपने बेटे को बचाने के लिए पानी में कूदे पिता की भी कोशिश नाकाम रही और तिरुपती और नामदेव इन दोनों पिता पुत्र की पानी में डूबने से मौत हो गई. इस घटना की जानकारी मिलते ही जलकोट पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर मुंडे मौके पर पहुंचे और दोनों के शवों को पानी से बाहर निकालवाया.
इसके बाद शवों को पोस्टमार्टम के लिए जलकोट शहर के सरकारी अस्पताल में भेज दिया. पोस्टमार्टम होने के बाद इन दोनों पिता पुत्र के शवों का एक साथ अंतिम संस्कार किया गया.तिरुपती पवार के परिवार में पत्नी और चार बेटियां है. इस घटना के बाद से गांव में शोक की लहर दौड़ गई है.