joharcg.com छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री के नाम से फर्जी फेसबुक आईडी बनाने वाले एक व्यक्ति को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी साइबर अपराध के तहत की गई है, जिसमें आरोपी पर मुख्यमंत्री की छवि को धूमिल करने का आरोप लगाया गया है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, आरोपी ने मुख्यमंत्री के नाम से एक फर्जी प्रोफाइल बनाई और उसके माध्यम से भ्रामक जानकारी फैलाने का प्रयास किया। यह मामला तब सामने आया जब कुछ नागरिकों ने इस प्रोफाइल से आए असत्यापित संदेशों की रिपोर्ट की।
साइबर सेल ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपी का पता लगाया और उसे गिरफ्तार किया। पुलिस ने बताया,
“यह कार्रवाई इस बात का सबूत है कि हम साइबर अपराधों के खिलाफ सख्त हैं। कोई भी व्यक्ति जो ऐसी अवैध गतिविधियों में लिप्त होगा, उसे कड़ी सजा दी जाएगी।”
आरोपी की गिरफ्तारी के बाद, पुलिस ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है और कहा है कि वे किसी भी फर्जी प्रोफाइल से प्राप्त जानकारी पर ध्यान न दें।
मुख्यमंत्री के नाम से फर्जी आईडी बनाने का यह मामला न केवल साइबर सुरक्षा के लिहाज से गंभीर है, बल्कि यह जनता की विश्वास को भी नुकसान पहुंचाता है। पुलिस ने इस मामले में आगे की जांच जारी रखी है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ऐसे अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। स घटना ने यह स्पष्ट किया है कि सोशल मीडिया पर फर्जी पहचान बनाना और उसका दुरुपयोग एक गंभीर अपराध है, जो न केवल कानूनी कार्रवाई को जन्म देता है, बल्कि सामाजिक नैतिकता को भी चुनौती देता है।
राज्य की पुलिस ने इस घटना को लेकर सभी नागरिकों से अपील की है कि वे इस प्रकार के फर्जी प्रोफाइल की रिपोर्ट करें और अपनी ऑनलाइन गतिविधियों में सतर्क रहें। इस प्रकार, मुख्यमंत्री के नाम से फर्जी फेसबुक आईडी बनाने वाले आरोपी की गिरफ्तारी ने साइबर सुरक्षा के महत्व को एक बार फिर से उजागर किया है।
रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के नाम से फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर उनकी छवि धूमिल करने और छलपूर्वक आर्थिक लाभ कमाने के आरोप में राजस्थान के रामनगर तहसील, फुलेरा निवासी अंतर्राज्यीय आरोपी राकेश परिहार को गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपी के पास से घटना में प्रयुक्त मोबाइल फोन और सिम कार्ड भी जब्त किए गए हैं। इससे पहले एक अन्य आरोपी को अलवर, राजस्थान से गिरफ्तार किया जा चुका है। आरोपियों ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नाम और फोटो का दुरुपयोग कर फर्जी आईडी बनाई थी, जिसके जरिए वे लोगों को फ्रेंड्स ऐड करके उनकी छवि खराब करने का प्रयास कर रहे थे।
इस घटना की जानकारी मिलते ही रेंज साइबर थाना रायपुर में आईटी एक्ट की धारा 66(C), 336(3), और 340 बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया गया। पुलिस महानिरीक्षक रायपुर रेंज, अमरेश मिश्रा ने घटना को गंभीरता से लेते हुए टीम को तकनीकी साक्ष्य एकत्र कर आरोपियों को पकड़ने के निर्देश दिए थे। साइबर थाने की टीम ने फर्जी आईडी का तकनीकी विश्लेषण कर आरोपी की पहचान की और राजस्थान के रामनगर में उसे लोकेट किया।
पुलिस टीम ने राजस्थान पहुंचकर आरोपी की पतासाजी की और उसे गिरफ्तार कर लिया। राकेश परिहार ने 2022 में मुख्यमंत्री और तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष की फेसबुक पर फर्जी आईडी बनाने की बात स्वीकार की है। यह क्षेत्र पहले से ही ऐसे मामलों के लिए कुख्यात है, जहां लोग महत्वपूर्ण व्यक्तियों के नाम और फोटो का दुरुपयोग कर फर्जी आईडी बनाते हैं।
आरोपी को 19 सितंबर 2024 को न्यायालय के समक्ष पेश किया गया, जहां उसे न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया है।गिरफ्तार आरोपी का विवरण- नाम: राकेश कुमार परिहार, पिता का नाम: मूलचंद बलाई, आयु: 32 वर्ष निवासी: गांव रामनगर, तहसील फुलेरा, जिला जयपुर, राजस्थान। इस घटना के बाद पुलिस अन्य संभावित आरोपियों पर भी नजर बनाए हुए है।