फर्जी सीएमओ

joharcg.com बरेली. यूपी के बरेली में एक फर्जी सीएमओ को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. उसने एक झोलाछाप डॉक्टर संग मिलकर दो लाख की ठगी की थी. दरअसल, नवंबर 2023 को थाना इज्जत नगर के मुंशी नगर में रहने वाले वादी राजेंद्र सक्सेना के बेटे मंयक का बीमारी से निधन हो गया था. इससे पहले इलाज के लिए पास में ही एक क्लिनिक चलाने वाले डॉक्टर सोमपाल को बुलाया गया था. सोमपाल इंजेक्शन देकर चला गया, लेकिन इसके कुछ समय बाद बीमार की मौत हो गई. मंयक की मौत के बाद सोमपाल ने एक फर्जी सीएमओ (अधिकारी) के साथ ठगी का पूरा प्लान बनाया. उन्होंने मृतक के परिवारवालों पर आरोप लगाया कि उन्होंने खुद ही बेटे को गलत इंजेक्शन देकर मार दिया है. क्योंकि, वे उसकी बीमारी से तंग थे.

ठगों ने कहा कि इसकी शिकायत हो गई है और अब पुलिस/स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी आएंगे और पूरे परिवार को गिरफ्तार कर लेंगे. यदि मामले को निपटाना चाहते हो तो 2 लाख, 20 हजार रुपये दे दो. ये सुनकर परिवार के लोग डर गए और तुरंत ही डॉक्टर को रुपये दे दिए. इस ठगी का खुलासा कभी नहीं होता, लेकिन लालच में आकर एक साल बाद फिर से फर्जी सीएमओ ने पीड़ित वादी राजेंद्र सक्सेना को क्षेत्राधिकारी बनकर फोन कर दिया. उसने राजेंद्र से पुलिस थाने आने की बात कही.साथ ही यह भी कहा कि आरोपी डॉक्टर सोमपाल को गिरफ्तार कर लिया गया है, अब आपको भी गिरफ्तार किया जाएगा, पूरा परिवार जेल में जाएगा.

जिसके बाद पीड़ित परिवार के लोगों ने बरेली पहुंचकर स्थानीय पुलिस से संपर्क किया तो पता चला कि वह ठगी का शिकार हुए हैं. ऐसा कोई मामला बरेली पुलिस के संज्ञान में नहीं है. शिकायत के बाद पुलिस अधिकारियों ने टीम बनाकर फर्जी सीएमओ को गिरफ्तार कर लिया और इस पूरे घटनाक्रम का खुलासा किया. वहीं, डॉक्टर दूसरे मामले में पहले से ही जेल में बंद है.

हाल ही में पुलिस ने एक फर्जी सीएमओ (मुख्य चिकित्सा अधिकारी) को गिरफ्तार किया है, जिसने झोलाछाप डॉक्टर के साथ मिलकर दो लाख रुपये की ठगी की थी। यह घटना तब सामने आई जब कुछ पीड़ितों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिससे इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ।

फर्जी सीएमओ, जो खुद को एक उच्च पदस्थ चिकित्सा अधिकारी के रूप में प्रस्तुत करता था, ने अपनी पहचान का इस्तेमाल करके लोगों को ठगने का काम किया। वह एक झोलाछाप डॉक्टर के साथ मिलकर गरीब और जरूरतमंद लोगों को महंगे इलाज और सरकारी योजनाओं में लाभ दिलाने का झांसा देता था।

इस ठगी का शिकार होने वाले लोगों को यकीन दिलाया गया था कि उन्हें सस्ती दरों पर बेहतरीन चिकित्सा सेवाएं और सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा। लेकिन हकीकत में, यह सब एक सुनियोजित धोखाधड़ी थी, जिसमें पीड़ितों से बड़ी रकम वसूली गई और उन्हें कोई लाभ नहीं मिला।

जब ठगी का शिकार हुए लोगों को अपनी गलती का एहसास हुआ, तब उन्होंने पुलिस से संपर्क किया। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए फर्जी सीएमओ को गिरफ्तार कर लिया और उसके सहयोगी झोलाछाप डॉक्टर की तलाश जारी है।

इस घटना ने लोगों को चेतावनी दी है कि वे किसी भी व्यक्ति पर आंख मूंदकर भरोसा न करें, खासकर तब जब मामला उनके स्वास्थ्य और पैसे से जुड़ा हो। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत उन्हें दें ताकि इस तरह के फर्जीवाड़ों को रोका जा सके।

फर्जी सीएमओ की गिरफ्तारी ने प्रशासन को भी सतर्क कर दिया है और अब इस बात पर जोर दिया जा रहा है कि स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता और निगरानी को और सख्त किया जाए। यह घटना एक सबक है कि कैसे कुछ लोग अपनी धोखाधड़ी से भोले-भाले लोगों को निशाना बनाते हैं और समाज में असुरक्षा का माहौल पैदा करते हैं।

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