Joharcg.com मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आर.एस. सिंह  के मार्गदर्शन में बाल नेत्र सुरक्षा सप्ताह 16 नवम्बर से 22 नवम्बर तक चलने वाले इस कार्यक्रम में आज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बसदेई के नेत्र सहायक अधिकारी मारुति नंदन चक्रधारी के द्वारा पूर्व माध्यमिक विद्यालय नवापारा बसदेई एवं प्राथमिक शाला नवापारा, गोंड़पारा, बहेरापारा में शालेय छात्रों का नेत्र परीक्षण किया गया। जिसमें कुल 163 बच्चों का नेत्र जांच किया गया जिसमें 7 बच्चों को दृष्टिदोष पाया गया व 3 बच्चो को विटामिन ए की कमी होने पर विटामिन ए खुराक पिलाई गई तथा एक बच्चे को बेहतर इलाज हेतु जिला अस्पताल सूरजपुर रिफर किया गया। इस अवसर पर स्कूल के प्राचार्य, शिक्षकगण उपस्थित रहे।

समाजशास्त्र के एम.ए. द्वित्तीय एवं चतुर्थ सेमेस्टर के छात्र-छात्राओं के द्वारा किया गया शैक्षणिक भ्रमण

शासकीय रेवती रमण मिश्र के प्राचार्य डॉ. एस. एस. अग्रवाल के आदेशानुसार समाजशास्त्र विभाग के एम.ए. द्वित्तीय एवं चतुर्थ सेमेस्टर के छात्र -छात्राओं के द्वारा शैक्षणिक भ्रमण किया गया। शैक्षणिक भ्रमण के अन्तर्गत पण्डो नगर में पण्डो जनजाति का सामाजिक जीवन का अध्ययन एवं उस क्षेत्र में पण्डो जनजाति के जीवन में होने वाले परिवर्तन का भी अध्ययन किया गया साथ ही छ.ग. माटीशिल्प एम्पोरियम में मिट्टी के बनाए जाने वाले बर्तनों की निर्माण विधी का अध्ययन किया गया। पण्डो जनजाति मे समाज के सामाजिक और आर्थिक जीवन में होने वाले विकास को समझने के लिए शैक्षणिक भ्रमण छात्र-छात्राओं के लिए काफी प्रेरणादायक रहा। यह शैक्षणिक भ्रमण महाविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग के प्रो. श्रीमती प्रतिभा कश्यप एवं श्री हेमेन्द्र कुमार सेन के निर्देशन में सम्पन्न किया गया। विभागाध्यक्ष श्रीमती प्रतिभा कश्यप ने पण्डो जनजाति के लोगों से विभिन्न जानकारी प्राप्त की पण्डो जनजाति के लोगों को अगर सांप या कोई जहरीता जीव कॉट लेता है, तो वहाँ के लोग उसे डॉक्टर चिकित्सालय में न ले जाकर झाड़ फूक के माध्यम से बचाव करते है और यही परम्परा पण्डो जनजाति में कई वर्षों से चल रही है। समाजशास्त्र विभाग से श्री हेमेन्द्र कुमार सेन में पण्डो जनजाति के लोगों से उनके शिक्षा, आय के साधन व रोजगार सम्बन्धित जानकारी प्राप्त किया। भारत के प्रथम राष्ट्रपति स्वर्गीय डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने 22 नवम्बर 1952 को ग्राम पण्डो नगर में प्रवास किया एवं पण्डो जनजाति को संरक्षण प्रदान करते हुए अपना दत्तक पुत्र स्वीकार किया।