joharcg.com नवयुक्त अधिकारी-कर्मचारी संघ ने अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर 18 सितंबर से राज्यभर में प्रदर्शन करने की घोषणा की है। संघ ने लंबे समय से चली आ रही अपनी मांगों को सरकार के सामने रखने का प्रयास किया है, लेकिन उचित जवाब न मिलने के कारण अब उन्होंने प्रदर्शन का रास्ता अपनाने का निर्णय लिया है।
संघ के मुताबिक उनकी प्रमुख मांगे निम्नलिखित हैं, जिन पर सरकार से तत्काल निर्णय की आवश्यकता है:
- वेतन में सुधार: अधिकारी और कर्मचारियों के वेतन ढांचे में संशोधन की मांग की जा रही है ताकि नए अधिकारियों और कर्मचारियों को उनके अनुभव और जिम्मेदारियों के अनुसार उचित वेतन मिल सके।
- स्थायी नियुक्ति: कई नवयुक्त अधिकारियों और कर्मचारियों को अस्थायी या संविदा के आधार पर नियुक्त किया गया है। संघ की मांग है कि सभी अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी किया जाए।
- पदोन्नति के अवसर: संघ का कहना है कि नवयुक्त कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए पदोन्नति के अवसर बहुत कम हैं। वे चाहते हैं कि पदोन्नति की प्रक्रिया को शीघ्र और पारदर्शी बनाया जाए।
- कार्य स्थल पर बेहतर सुविधाएं: संघ ने कार्यस्थलों पर मूलभूत सुविधाओं के अभाव की ओर इशारा किया है। उनका कहना है कि कई कार्यस्थल आधुनिक सुविधाओं से वंचित हैं, जिससे कर्मचारियों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
- समान काम के लिए समान वेतन: संघ की एक प्रमुख मांग यह भी है कि समान पदों पर कार्यरत कर्मचारियों को समान वेतन दिया जाए, चाहे वे किसी भी विभाग में कार्यरत हों।
- नियमित प्रशिक्षण और विकास: संघ का मानना है कि कर्मचारियों की कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए उन्हें नियमित रूप से प्रशिक्षण और विकास के अवसर दिए जाने चाहिए।
संघ ने 18 सितंबर से पूरे राज्य में शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। प्रदर्शन मुख्य रूप से जिला मुख्यालयों और राज्य की राजधानी में आयोजित किए जाएंगे। संघ के नेताओं ने स्पष्ट किया है कि यह आंदोलन पूरी तरह से अहिंसात्मक होगा और उनका उद्देश्य केवल अपनी मांगों को सरकार के सामने मजबूती से रखना है।
संघ ने सरकार से अपील की है कि वे उनकी मांगों को गंभीरता से लें और जल्द से जल्द समाधान निकालें। संघ का कहना है कि अगर सरकार समय रहते उनकी मांगों पर ध्यान नहीं देती, तो उन्हें प्रदर्शन को और उग्र रूप देना पड़ सकता है।
नवयुक्त अधिकारी-कर्मचारी संघ के इस प्रदर्शन ने राज्य सरकार के सामने एक चुनौती खड़ी कर दी है। अब यह देखना होगा कि सरकार संघ की मांगों को किस तरह से पूरा करती है और प्रदर्शन की स्थिति को किस प्रकार संभालती है। संघ ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा।
रायपुर। छत्तीसगढ़ के रायपुर में नवयुक्त अधिकारी-कर्मचारी कल्याण संघ ने तीन दिवसीय हड़ताल का आह्वान किया है। इस दौरान सभी कर्मचारी 18 सितंबर से 20 सितंबर तक प्रदर्शन करेंगे। कर्मचारियों का वेतन प्रति माह ट्रेजरी के माध्यम से जारी करने समेत 6 सूत्रीय मांग कों लेकर प्रदर्शन करेंगे। हड़ताल अवधि में प्रदेश के सारे निकायों में सभी प्रकार के मूलभूत सेवाएं और कार्य बंद रहेंगे।
दरअसल नगरीय निकाय के सभी कर्मचारी अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर तीन दिवसीय हड़ताल करेंगे। इस दौरान सभी कर्मचारी 18 सितंबर से 20 सितंबर तक प्रदर्शन करेंगे। बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर हड़ताल करने के लिए जिला प्रशासन से अनुमति मांगी है। कर्मचारियों का वेतन प्रति माह ट्रेजरी के माध्यम से जारी करने समेत 6 सूत्रीय मांग को सरकार के सामने रखेंगे।
हड़ताल अवधि में प्रदेश के सारे निकायों में सभी प्रकार के मूलभूत सेवाएं और कार्य बंद रहेंगे। तूता धरना स्थल की अव्यवस्था और वन विभाग के दो दैनिक वेतन कर्मचारियों की मौत की वजह से तूता धरना स्थल जाने से मना किया है। प्रदर्शन के दौरान कर्मचारी प्रतिदिन रैली निकालकर संचनालय, सचिवालय और नगरी प्रशासन मंत्री को ज्ञापन सौंपेंगे। मांगे पूरी न होने पर कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा सकते है।