joharcg.com श्री अरुण साव ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण बैठक में उभरते शहरों के विकास पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि उभरते शहरों की अपेक्षाओं और भावी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए विकास की योजना बनानी चाहिए। उनका मानना है कि शहरों का समग्र विकास तभी संभव है जब हम उनकी विशिष्ट आवश्यकताओं और संभावनाओं को समझें और उसी के अनुसार योजनाएँ बनाएं।
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श्री साव ने कहा कि उभरते शहरों का विकास केवल बुनियादी ढांचे के निर्माण तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन, स्वच्छता और रोजगार के अवसरों को भी शामिल करना चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि शहरों के विकास में तकनीकी नवाचार और स्मार्ट सिटी परियोजनाओं का भी महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है। इसके लिए उन्होंने सरकारी और निजी क्षेत्र के बीच सहयोग को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया।
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उन्होंने कहा कि उभरते शहरों को पर्यावरणीय स्थिरता को ध्यान में रखते हुए विकसित करना चाहिए। जल प्रबंधन, हरित क्षेत्र, और कचरा प्रबंधन जैसे मुद्दों पर विशेष ध्यान देना चाहिए ताकि शहरों का विकास टिकाऊ हो सके। इसके अलावा, उन्होंने नागरिकों की भागीदारी को भी महत्वपूर्ण बताया। उनका मानना है कि जब तक नागरिक विकास योजनाओं में सक्रिय रूप से शामिल नहीं होंगे, तब तक विकास की दिशा सही नहीं हो सकती।
श्री साव ने यह भी कहा कि उभरते शहरों में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं का स्तर सुधारने की दिशा में विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार को उच्च शिक्षा संस्थानों और आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थापना के लिए विशेष योजनाएं बनानी चाहिए। इससे न केवल शहरों का समग्र विकास होगा, बल्कि युवाओं को भी बेहतर अवसर मिलेंगे।
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बैठक के दौरान श्री साव ने अधिकारियों से कहा कि वे शहरों की वर्तमान स्थिति का गहन अध्ययन करें और उसी के आधार पर विकास की योजनाएँ बनाएं। उन्होंने कहा कि शहरों की जनसंख्या वृद्धि, औद्योगिक विकास, और परिवहन की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए एक समग्र विकास योजना तैयार की जानी चाहिए।
श्री अरुण साव के निर्देशानुसार, उभरते शहरों के विकास के लिए एक विस्तृत कार्य योजना बनाई जाएगी। इसमें सभी संबंधित विभागों की सहभागिता होगी और एक समग्र दृष्टिकोण अपनाया जाएगा।
नगरीय प्रशासन विभाग के सचिव डॉ. बसवराजु एस. ने प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त सभी कार्यों को तत्काल शुरू करने के साथ ही प्रगतिरत कार्यों को तेजी से पूर्ण करने को कहा। उन्होंने बताया कि पिछले दो महीने में नगर पंचायतों को विकास कार्यों के लिए 580 करोड़ रुपए दिए गए हैं। डॉ. बसवराजु ने संपत्ति कर और अन्य करों की वसूली के लिए विशेष अभियान संचालित करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्वच्छता दीदियों को सभी संसाधन मुहैया कराने के साथ ही उनके कल्याण के लिए भी जरूरी कदम उठाने को कहा। नगरीय प्रशासन विभाग की संयुक्त सचिव डॉ. रेणुका श्रीवास्तव, सुडा (SUDA) के सीईओ श्री शशांक पाण्डेय, नगरीय प्रशासन विभाग के अपर संचालक श्री पुलक भट्टाचार्य और सभी क्षेत्रीय कार्यालयों के संयुक्त संचालक भी समीक्षा बैठक में मौजूद थे।
इस प्रकार, श्री अरुण साव ने उभरते शहरों के विकास के लिए एक समग्र और दूरदर्शी दृष्टिकोण प्रस्तुत किया है। उनकी योजनाओं और निर्देशों से न केवल शहरों का समग्र विकास होगा, बल्कि नागरिकों के जीवन स्तर में भी सुधार आएगा। यह पहल उभरते शहरों को एक नई दिशा देने और उन्हें भविष्य के लिए तैयार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।