समाज से विकारों

joharcg.com नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने हाल ही में कहा कि समाज से विकारों और कुरीतियों को दूर करने का सबसे प्रभावी और स्थायी तरीका शिक्षा है। उन्होंने कहा कि एक सशक्त और जागरूक समाज केवल शिक्षा के माध्यम से ही विकृतियों से मुक्त हो सकता है। यह बयान उन्होंने एक सार्वजनिक समारोह के दौरान दिया, जहां उन्होंने शिक्षा के महत्व पर जोर दिया और इसके सामाजिक बदलाव में योगदान को स्वीकार किया।

धनखड़ ने अपने संबोधन में कहा, “शिक्षा न केवल व्यक्तिगत उन्नति का मार्ग खोलती है, बल्कि समाज के समग्र विकास के लिए भी आवश्यक है। यह समाज से अज्ञानता, भेदभाव और अन्य बुराइयों को समाप्त करने का सबसे प्रभावी तरीका है।” उन्होंने यह भी कहा कि यदि हम समाज में सकारात्मक बदलाव लाना चाहते हैं, तो हमें शिक्षा के माध्यम से ही यह बदलाव संभव है।

उपराष्ट्रपति ने यह भी बताया कि शिक्षा, चाहे वह किसी भी स्तर की हो, मानवता, समानता और बुनियादी अधिकारों के बारे में जागरूकता पैदा करने में अहम भूमिका निभाती है। उन्होंने शिक्षा के संस्थानों से यह अपेक्षाएँ जताई कि वे समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए छात्रों को न केवल अकादमिक ज्ञान, बल्कि मानवीय मूल्यों से भी अवगत कराएं।

धनखड़ ने इस दौरान सरकार द्वारा किए गए शिक्षा सुधारों और योजनाओं का भी उल्लेख किया और कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी आग्रह किया कि सभी क्षेत्रों में समानता और अवसर की स्थिति सुनिश्चित करने के लिए शिक्षा को प्राथमिकता दी जाए।

उनके इस विचार से यह स्पष्ट होता है कि शिक्षा केवल ज्ञान का स्रोत नहीं है, बल्कि यह समाज के प्रत्येक वर्ग में समानता और भाईचारे का संदेश फैलाने का सबसे प्रभावी माध्यम है।

लखनऊ 02 दिसम्बर 2024। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शिक्षा के व्यापक प्रभाव और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की उसकी क्षमता को रेखांकित करते हुए कहा कि समाज से सभी तरह के विकारों को दूर करने का सबसे प्रभावी माध्यम शिक्षा है। उपराष्ट्रपति ने यहां प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के साथ यहां रविवार को सेठ आनंद राम जयपुरिया स्कूल, कानपुर के स्वर्ण जयंती समारोह में भाग लेते हुए छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए शिक्षा के महत्व, इसके व्यापक प्रभाव और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की क्षमता पर विस्तार से चर्चा की।

उन्होंने कहा कि शिक्षा जीवन को बेहतर बनाती है और सही रास्ते पर ले जाती है। प्रतिभा केवल शहरी क्षेत्रों तक सीमित नहीं है; यह ग्रामीण और गरीब इलाकों में भी विद्यमान है। ऐसे क्षेत्रों तक जयपुरिया जैसे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा संस्थानों की पहुंच आवश्यक है। उन्होंने कॉर्पोरेट जगत से आग्रह किया कि वे अपने कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व फंड का उपयोग करके शिक्षा के क्षेत्र में योगदान दें और सभी वर्गों तक शिक्षा की पहुंच सुनिश्चित करें।

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