joharcg.com राजनांदगांव। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने स्पीकर हाऊस राजनांदगांव में प्रसिद्ध कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा से सौंजन्य भेंट की। विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें शाल-श्रीफल प्रदान कर सम्मानित किया तथा स्मृति चिन्ह नंदी की मूर्ति भेंट की। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह एवं उनकी पत्नी श्रीमती वीणा सिंह ने पूजा-अर्चना की और आशीर्वाद लिया। विधानसभा अध्यक्ष ने सभी को हरेली पर्व की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी तथा प्रदेश के सुख-समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की।
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने प्रसिद्ध कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा से हाल ही में सौंजन्य भेंट की। यह भेंट विशेष रूप से धार्मिक और सामाजिक मुद्दों पर चर्चा के लिए की गई थी। पंडित प्रदीप मिश्रा, जो अपनी अनोखी कथा शैली और धार्मिक प्रवचनों के लिए देशभर में मशहूर हैं, ने इस भेंट के दौरान डॉ. रमन सिंह के साथ अपने अनुभव और विचार साझा किए।
डॉ. रमन सिंह और पंडित प्रदीप मिश्रा के बीच हुई इस मुलाकात में कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई। पंडित मिश्रा ने अपने प्रवचनों के माध्यम से समाज में धर्म और आध्यात्मिकता के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि किस प्रकार उनके प्रवचन लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला रहे हैं और उन्हें आध्यात्मिक मार्ग पर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
डॉ. रमन सिंह ने पंडित प्रदीप मिश्रा के कार्यों की सराहना की और कहा कि उनके प्रवचन न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि सामाजिक समरसता और एकता को भी बढ़ावा देते हैं। उन्होंने कहा, “पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा शैली और उनके द्वारा दिए गए संदेश समाज में शांति और सद्भावना फैलाने में मदद करते हैं। उनके विचार और शिक्षाएं हमें हमारे सांस्कृतिक और धार्मिक मूल्यों की याद दिलाती हैं।”
मुलाकात के दौरान, पंडित प्रदीप मिश्रा ने डॉ. रमन सिंह को अपने आगामी प्रवचनों और धार्मिक कार्यक्रमों की जानकारी दी। उन्होंने यह भी बताया कि वह अपने प्रवचनों के माध्यम से समाज में जागरूकता फैलाने के लिए किस प्रकार काम कर रहे हैं। इसके साथ ही, उन्होंने धार्मिक और आध्यात्मिक शिक्षा के महत्व पर भी जोर दिया, जो लोगों को उनके जीवन में सकारात्मक दिशा प्रदान कर सकती है।
डॉ. रमन सिंह ने पंडित मिश्रा की इस दिशा में किए जा रहे कार्यों की सराहना की और उन्हें अपने समर्थन का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि ऐसे धार्मिक विद्वानों की उपस्थिति समाज में धार्मिक और सांस्कृतिक समृद्धि को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
यह मुलाकात दोनों महानुभावों के बीच गहन विचार-विमर्श और आध्यात्मिक संवाद का प्रतीक थी, जो समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।