joharcg.com समाजवादी पार्टी की नेता डिंपल यादव ने हाल ही में मथुरा और वृंदावन में प्रसाद में मिलावटी खोया के इस्तेमाल का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि इस तरह की मिलावट न केवल धार्मिक आस्थाओं को चोट पहुंचा रही है, बल्कि भक्तों के स्वास्थ्य के लिए भी खतरा बन रही है।
डिंपल यादव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस मुद्दे को उठाया और बताया कि कई मंदिरों में प्रसाद तैयार करने के लिए मिलावटी खोया का इस्तेमाल किया जा रहा है। उनका कहना था कि यह खोया स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है और भक्तों को इसके सेवन से गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने इस मिलावट के खिलाफ ठोस कार्रवाई की मांग की और प्रशासन से अपील की कि इस पर कड़ी नजर रखी जाए।
मथुरा और वृंदावन, जो कि धार्मिक आस्था के केंद्र हैं, यहां आने वाले भक्तों के लिए प्रसाद की गुणवत्ता बहुत महत्वपूर्ण है। डिंपल यादव ने कहा कि अगर प्रसाद में मिलावटी सामग्री का उपयोग किया जा रहा है, तो यह भक्तों की आस्था और विश्वास को तोड़ सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि यह समस्या केवल धार्मिक स्थलों तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे खाद्य उद्योग में एक बड़ा मुद्दा बन चुका है।
मिलावटी खोया के सेवन से स्वास्थ्य पर होने वाले संभावित प्रभावों के बारे में बात करते हुए, डिंपल ने चेतावनी दी कि यह हृदय रोग, मधुमेह, और अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। उन्होंने सभी भक्तों से आग्रह किया कि वे प्रसाद लेते समय सावधानी बरतें और मिलावट के खिलाफ आवाज उठाएं।
इस गंभीर आरोप के बाद, स्थानीय प्रशासन ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है। अधिकारियों ने जांच शुरू की है कि क्या मंदिरों में प्रसाद तैयार करने के लिए वाकई में मिलावटी खोया का इस्तेमाल किया जा रहा है। प्रशासन ने यह सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया है कि भक्तों को शुद्ध और गुणवत्ता वाला प्रसाद मिले।
इस घटना ने एक बार फिर खाद्य सुरक्षा और मिलावट के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता को उजागर किया है। डिंपल यादव ने कहा कि समाज को इस मुद्दे पर एकजुट होना चाहिए और मिलावट के खिलाफ लड़ाई लड़नी चाहिए। उन्होंने भक्तों से भी अपील की कि वे प्रसाद की गुणवत्ता के बारे में सतर्क रहें और इसकी जांच करें।
डिंपल यादव का यह आरोप मथुरा और वृंदावन में धार्मिक आस्था और भक्तों के स्वास्थ्य के लिए एक बड़ा मुद्दा बन गया है। यह घटना न केवल स्थानीय प्रशासन के लिए एक चुनौती है, बल्कि यह समाज को भी सोचने पर मजबूर करती है कि हम अपनी धार्मिक परंपराओं को सुरक्षित कैसे रख सकते हैं। मिलावट के खिलाफ जागरूकता फैलाना और सच्चाई की आवाज उठाना हर नागरिक की जिम्मेदारी है।
लखनऊ। तिरुपति मंदिर में जानवरों की चर्बी वाले घी के लड्डू का प्रसाद बांटे जाने के विवाद के बीच उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव ने बड़ा बयान दिया है। डिंपल यादव के अनुसार, मथुरा और वृंदावन के प्रसाद में भी खराब गुणवत्ता का खोया (मावा) इस्तेमाल किया जा रहा है। डिंपल ने कहा, तिरुपति मंदिर में लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ हुआ है। ऐसा नहीं होना चाहिए। हमने सुना है कि वृंदावन में भी प्रसाद में खराब खोया इस्तेमाल किया जा रहा है। प्रदेश सरकार की इसकी जांच करवाना चाहिए। यह आस्था का सवाल है।
तिरुपति में हुआ महा शांति होम
इस बीच, तिरुपति में सोमवार को महा शांति होम किया गया। पंडितों और पुजारियों ने पूरी मंदिर परिसर में पवित्र जल का छिड़काव किया। मंत्रोच्चार के साथ ही धूप भी दी गई। खासतौर पर उस रसोई में शुद्धिकरण किया गया, जहां प्रसाद के लड्डू बनाए जाते हैं। सुबह 6 बजे से 10 बजे तक महा शांति होम चला। जिस स्थान पर भक्तों के लिए भोजन बनता है, वहां भी शुद्धिकरण हुआ।
क्यों किया जाता है महा शांति होम
महा शांति होम का सीधा संबंध पवित्रता से है। सनातन धर्म में इसका विशेष महत्व है। जहां शुद्धिकरण की आवश्यकता होती है, वहां महा शांति होम किया जाता है। इस दौरान विशेष मंत्रों के उच्चारण के साथ पवित्र जल का छिड़काव किया जाता है और धूप से वातावरण की नकारात्मकता को दूर किया जाता है।