3100 रुपये प्रति क्विंटल

joharcg.com विष्णुदेव साय सरकार की समर्थन मूल्य पर धान खरीदी ने छत्तीसगढ़ के किसानों के खेत-खलिहानों में नई उम्मीदों की फसल बो दी है। 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से शुरू हुई धान खरीदी ने किसानों के चेहरों पर संतोष और विश्वास की मुस्कान लौटा दी है। गौरेला विकासखंड के आंदु ग्राम के किसान मनमोहन सिंह राठौर ने बताया कि इस साल उन्हें अपनी मेहनत का सच्चा मूल्य मिला है। ‘टोकन तुहर हाथ’ मोबाइल ऐप से उन्होंने घर बैठे ही खरीदी का टोकन प्राप्त किया।

अब सोसायटियों में लंबी कतारों में खड़ा रहना नहीं पड़ता। मनमोहन सिंह कहते हैं, “इस सुविधा ने हमारा समय और मेहनत दोनों बचाया है। सरकार ने सचमुच किसानों की तकलीफ को समझा है।” उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष उन्होंने 206 क्विंटल धान बेचा था और इस बार 10 एकड़ खेत में उगाई फसल से पहली खेप में 100 क्विंटल धान गौरेला केंद्र में जमा किया है। इस आमदनी से वे रबी सीजन में गेहूं, सरसों, मूंग और उड़द जैसे दलहन-तिलहन फसलें बोने की तैयारी कर रहे हैं।

गौरेला-पेंड्रा-मारवाही जिले में खरीदी का सिलसिला तेजी से जारी है। 17 नवंबर को दूसरे दिन जिले के 14 केंद्रों में कुल 2252 क्विंटल धान की खरीदी हुई, धनौली केंद्र में सबसे अधिक 510.40 क्विंटल धान खरीदा गया। यह आँकड़ा बताता है कि सरकार की पारदर्शी व्यवस्था और विश्वसनीय भुगतान ने किसानों का भरोसा मजबूत किया है गांवों में अब हर ओर खुशी की लहर है, किसानों को सरकार पर विश्वास है, और खेतों में फिर मेहनत का जोश है।

समर्थन मूल्य पर समय पर खरीदी और भुगतान व्यवस्था ने न केवल किसानों की आय बढ़ाई है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में भी रौनक ला दी है। सरकार की पारदर्शी नीति और कृषि सुधारों ने किसानों के लिए नयी संभावनाओं के द्वार खोले हैं।

राज्य सरकार द्वारा धान का समर्थन मूल्य बढ़ाकर 3100 रुपये प्रति क्विंटल करने के निर्णय ने किसानों के चेहरों पर फिर से मुस्कान लौटा दी है। समर्थन मूल्य पर की जा रही धान खरीदी से किसानों को उनकी उपज का बेहतर दाम मिल रहा है, जिससे वे आर्थिक रूप से सशक्त हो रहे हैं। मंडियों और समर्थन मूल्य केंद्रों में इन दिनों धान बेचने पहुंचे किसानों के चेहरों पर संतोष और उत्साह साफ देखा जा सकता है।

धान खरीदी केंद्रों में व्यवस्था को सुव्यवस्थित बनाने के लिए प्रशासन द्वारा विशेष तैयारी की गई है। टोकन प्रणाली, तुलाई की पारदर्शी व्यवस्था, भुगतान की समयबद्ध प्रक्रिया और किसानों के लिए मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। किसानों का कहना है कि 3100 रुपये प्रति क्विंटल के समर्थन मूल्य से उन्हें उत्पादन लागत से ऊपर उचित लाभ मिल रहा है, जिससे आगामी रबी फसल की तैयारी, बच्चों की पढ़ाई और घरेलू ज़रूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी।

कई किसानों ने बताया कि पिछले वर्षों की तुलना में इस बार समर्थन मूल्य बढ़ने और समय पर खरीदी शुरू होने से उन्हें खुले बाज़ार में कम दाम पर फसल बेचने की मजबूरी से राहत मिली है। पहले जहां बिचौलियों के कारण उन्हें अक्सर नुकसान उठाना पड़ता था, वहीं अब सरकारी केंद्रों पर सीधे धान बेचकर वे निश्चिंत महसूस कर रहे हैं। प्रशासन द्वारा तुलाई में पारदर्शिता और किसी भी प्रकार की मनमानी पर सख्त निगरानी रखी जा रही है।

धान खरीदी केंद्रों पर तैनात अधिकारियों ने बताया कि किसानों की सुविधा के लिए पर्याप्त मात्रा में बारदाना, तुलाई मशीनें तथा कर्मियों की व्यवस्था की गई है। किसानों को निर्धारित तिथि और समय पर केंद्र में बुलाया जा रहा है, जिससे अनावश्यक भीड़भाड़ और प्रतीक्षा से बचा जा सके। भुगतान के लिए ऑनलाइन प्रणाली का उपयोग किया जा रहा है, जिससे राशि सीधे किसानों के बैंक खातों में जमा हो रही है।