joharcg.com हाल ही में एक दवा का पर्चा सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है, जिसने न केवल मरीजों को बल्कि मेडिकल स्टोर के कर्मचारियों को भी उलझन में डाल दिया है। यह पर्चा इतनी जटिल भाषा में लिखा गया है कि मरीज तो दूर, दवाइयों के जानकार और दुकानदार भी इसे पढ़ने के बाद सिर पकड़ने को मजबूर हो गए हैं।
यह मामला तब शुरू हुआ जब एक मरीज ने अपनी दवा के साथ मिले पर्चे को ध्यान से पढ़ा और उसमें इस्तेमाल की गई जटिल मेडिकल शब्दावली और निर्देशों को समझने में पूरी तरह विफल रहा। परेशान होकर उसने इसे सोशल मीडिया पर साझा किया। देखते ही देखते यह पर्चा वायरल हो गया, और इस पर लोग तरह-तरह के मजेदार कमेंट्स और मीम्स बनाने लगे।
दवा के पर्चे में उपयोग किए गए शब्द और निर्देश इतने जटिल थे कि आम मरीज उन्हें समझ ही नहीं सके। जहां पर्चे का उद्देश्य दवा के सही उपयोग और दुष्प्रभावों की जानकारी देना होता है, वहीं इस पर्चे ने लोगों को और अधिक उलझा दिया। एक मरीज ने तो यह तक कह दिया कि “पर्चा पढ़ने के बाद दवा की जरूरत से ज्यादा डॉक्टर की सलाह की जरूरत पड़ गई।”
मामला तब और गंभीर हो गया जब मेडिकल स्टोर के कर्मचारियों ने भी पर्चे को पढ़कर खुद को असमर्थ महसूस किया। कई दुकानदारों का कहना था कि उनके पास हर रोज सैकड़ों पर्चे आते हैं, लेकिन इस तरह का पर्चा पहली बार देखा, जिसमें इतनी जटिल भाषा का इस्तेमाल किया गया है। कुछ ने तो इसे ‘कुंडली’ की तरह उलझा हुआ बताया।
सोशल मीडिया पर यह मामला चर्चा का विषय बन गया है। लोग पर्चे की जटिल भाषा और निर्देशों को लेकर मजेदार टिप्पणियाँ कर रहे हैं। कुछ लोग इसे मेडिकली जटिलता का उदाहरण बता रहे हैं, जबकि कुछ इसे फार्मास्युटिकल कंपनियों की लापरवाही के रूप में देख रहे हैं। मीम्स की बाढ़ सी आ गई है, जिसमें लोग इस पर्चे की तुलना गूढ़ रहस्यों से कर रहे हैं।
फार्मास्युटिकल कंपनियों का कहना है कि दवाइयों के पर्चे में जरूरी जानकारी दी जाती है, लेकिन मरीजों और मेडिकल स्टाफ की इस प्रतिक्रिया के बाद उन्होंने इसे गंभीरता से लिया है। डॉक्टरों का भी मानना है कि पर्चे को सरल और सहज भाषा में होना चाहिए, ताकि आम मरीज बिना किसी परेशानी के दवा का सही उपयोग कर सकें।
फार्मा कंपनियों ने आश्वासन दिया है कि वे दवाइयों के पर्चों को और सरल बनाने के लिए काम कर रही हैं, ताकि मरीज और मेडिकल स्टोर के कर्मचारियों को कोई समस्या न हो। इसके साथ ही, वे डिजिटल माध्यमों का भी सहारा ले रही हैं, जहां मरीज सीधे वीडियो या ऑडियो गाइडेंस के जरिए दवा का सही इस्तेमाल समझ सकें।
इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि दवाइयों की जानकारी केवल दवा तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि वह भाषा में होनी चाहिए जिसे आम आदमी समझ सके। मरीजों और मेडिकल स्टोर के कर्मचारियों के बीच जो भ्रम की स्थिति पैदा हुई है, उसे सुधारने के लिए दवा कंपनियों को अब अपने पर्चों की भाषा को सरल बनाने पर ध्यान देना होगा।
डॉक्टर के पर्चे की राइटिंग हम सबने देखी है. प्रिस्क्रिप्शन लेटर पर लिखी दवाओं और जांचों के नाम मेडिकल स्टोर और पैथलॉजी वाले ही समझ सकते हैं. मगर मध्य प्रदेश में इससे भी बढ़कर आगे का मामला सामने आया है. डॉक्टर ने प्रिस्क्रिप्शन पर कुछ ऐसा लिखा कि उसे समझ पाना हर किसी के बस की बात नहीं. अब इसको लेकर डॉक्टर को नोटिस जारी किया गया है.
प्रदेश के सतना में दवा का एक पर्चा सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद चर्चा में है. यह पर्चा नागौद सामुदायिक स्वास्थ केंद्र की ओपीडी का है. दरअसल, जिले के राहिकवारा निवासी अरविंद कुमार सेन शरीर में दर्द और बुखार की शिकायत लेकर सामुदायिक स्वास्थ केंद्र पहुंचे थे.
मरीज ने ओपीडी में ड्यूटी डॉक्टर से परामर्श लिया. जिस पर डॉक्टर ने ऐसा पर्चा लिख दिया जिससे देख न सिर्फ मेडिकल स्टोर वाला हैरान हो गया, बल्कि दूसरे डॉक्टर भी उस प्रिस्क्रिप्शन को पढ़ नहीं पाए. फिर यह पर्चा सोशल मीडिया की सुर्खियां बन गया. इस पूरे मामले पर अब सतना सीएमएचओ ने संज्ञान लिया है. साथ ही सामुदायिक स्वास्थ केंद्र के ड्यूटी डॉक्टर को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है.